आईएमडी ने महाराष्ट्र में तेज़ बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी, मुंबई व नासिक पर विशेष चेतावनी

आईएमडी ने महाराष्ट्र में तेज़ बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी, मुंबई व नासिक पर विशेष चेतावनी

जब इंडिया मौसम विभाग (आईएमडी) ने 28 सितंबर 2025 को रेड अलर्ट जारी किया, तो मुंबई, नासिक, थाणे, पालघर, रायगड और पुणे जैसे अहम जिलों में तेज़ बरसात की चेतावनी मिली। यह अलर्ट एक बड़े लो‑प्रेशर सिस्टम के कारण आया है जो बंगाल की खाड़ी और ओडिशा के उत्तर‑पश्चिमी हिस्सों में विकसित हुआ है। इस चेतावनी का मकसद लोगों को भारी वर्षा, बाढ़ और बिन‑बादली मौसम से बचाना है, खासकर उत्सव‑सीजन के दौरान।

मौसम चेतावनी का पृष्ठभूमि

इंडिया मौसम विभाग का यह अलर्ट 2025 मोन्सून अलर्टभारत की व्यापक लहर का हिस्सा है। 23 सितंबर को 13:15 IST पर जारी प्रेस रिलीज़ में बताया गया कि गंगा‑वेस्ट बेंगल में और ओडिशा के उत्तर‑पूर्व में स्थित लो‑प्रेशर एरिया से लगातार भारी वर्षा होगी, जो 26‑27 सितंबर तक दक्षिण‑पूर्वी भारत को प्रभावित करेगा। इस बीच, बंगाल की खाड़ी के उत्तर‑पश्चिमी हिस्से में एक नया लो‑प्रेशर एरिया बन रहा है, जो 25 सितंबर के आसपास दक्षिण‑पश्चिमी कोंकण और महाराष्ट्र के मध्य गढ़ों तक फुहारा लाएगा।

वर्तमान वर्षा डेटा और प्रभावित क्षेत्र

मुंबई में मौसमी वर्षा अब 3,000 मिमी के पार चली गई है। रविवार, 28 सितंबर को 08:00‑17:00 के बीच, डिंडोशी ने 102 मिमी की सबसे अधिक बारिश दर्ज की, उसके बाद मालाड (101 मिमी) और बोरिवली (97 मिमी) ने भी भारी वर्षा देखी। पालघर, थाणे, नवीमुंबई और मुंबई के कई उपनगरों में 80‑160 मिमी की वर्षा हुई। विशेष रूप से नवीमुंबई के Airoli में 161 मिमी, Nerul में 130 मिमी, Belapur में 127 मिमी और Vashi में 112 मिमी की बारिश दर्ज की गई। थाणे जिले ने शनिवार‑रविवार दो दिन में कुल 116 मिमी की बरसात देखी।

इंडिया मौसम विभाग ने बताया कि यह जलवायु परिवर्तन से जुड़े तेज़ गति वाले लो‑प्रेशर सिस्टम का परिणाम है, जो पश्चिमी विदर्भ में कमजोर डिप्रेशन के रूप में शुरू हुआ और अब अरब सागर के उत्तर‑पूर्व में स्थापित हो रहा है। विभाग ने आगामी दो‑तीन दिनों में भी गुजरात, कर्नाटक और मध्य भाग के लिए भारी बारिश की भविष्यवाणी की है।

सरकारी एवं स्थानीय प्रतिक्रिया

वॉटर डिस्ट्रिक्ट मैनेजमेंट को लेकर दिल्ली में उठाए गए कदमों से प्रेरित होकर, महाराष्ट्र सरकार ने तुरंत कुछ उपाय किए। पालघर जिले के सभी स्कूलों और कॉलेजों को 29 सितंबर के लिए बंद कर दिया गया, जबकि मुंबई में जल आपूर्ति और ट्रैफिक नियंत्रण के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया।

मुख्य मौसम विज्ञानी डॉ. संजय सिंह ने कहा, “हमारी चेतावनियां सिर्फ कागजी औपचारिकता नहीं हैं—ये लोगों की सुरक्षा के लिए जीवन‑रेखा हैं। गड्ढे, जल-जमाव और सड़कों पर जल‑स्थिरता को देखते हुए, लोग अपने घरों की छत पर पानी जमा होने से बचें।”

स्थानीय नगरपालिका ने जल्दी‑बढ़िया निकासी योजनाओं को अपडेट किया, अतिरिक्त बचाव टीमें और मोशन‑सेंसर वाले जल‑स्तर मापक स्थापित किए। बड़ी कंपनियों ने भी अपने कर्मचारियों को शिफ्ट‑वर्क या घर से काम करने की सलाह दी।

आर्थिक एवं सामाजिक प्रभाव

वर्षा से निपटने के लिए की गई तैयारियों में स्थानीय बाजारों में जल‑विक्री की कीमतें 20‑30 प्रतिशत बढ़ी। छोटे‑व्यापारी, विशेष रूप से फल‑सब्ज़ी विक्रेता, ने नुक़सान उठाया क्योंकि तेज़ बाढ़ से कई स्टाल क्षतिग्रस्त हो गए। वहीं, सड़क निर्माण कंपनियों ने किनारे‑किनारे की जल‑रोधक दीवारों की मरम्मत के लिए अतिरिक्त खर्च किया।

पर्यटन उद्योग पर भी असर पड़ा: एल्मेट्री पिकली पर्यटकों ने समुद्र‑तट के किनारे की भरपूर बारिश के कारण बुकिंग रद्द की, जबकि समुद्र‑तट के नजदीकी रेस्तरां ने भी बड़ी भीड़ से बचने के लिए सेवा बंद कर दी। लेकिन उज्जवल पक्ष भी है—कई लोग बारिश की पवित्रता को लेकर धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन कर रहे हैं, जिससे स्थानीय मंदिरों में दान की रक्कम में वृद्धि देखी गई।

आगे की संभावनाएँ और सावधानियाँ

आईएमडी ने बताया कि 30 सितंबर तक गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक के उत्तरी भागों में “ऑरेंज अलर्ट” जारी रहेगा, जो “भारी‑से‑भारी” बारिश का संकेत देता है। संभावित बाढ़ के कारण, प्रवासी क्षेत्रों में जल‑जमाव की स्थिति फूल-फूल कर बढ़ सकती है, इसलिए स्थानीय प्रशासन ने आपातकालीन राहत केंद्र खोलने की योजना बनाई है।

व्यापक रूप से देखा जाए तो, इस वर्ष के मानसून की तीव्रता ने जल‑प्रबंधन में मौजूदा खामियों को उजागर किया है। विशेषज्ञ सुझाव देते हैं कि जल‑धाराओं के किनारे‑किनारे डैम‑फ्लड़ गेट्स की नियमित जांच, सड़कों की जल‑रोधक डिज़ाइन और जल‑भंडारण के लिए गवर्नमेंट‑प्रायोजित जल‑संरक्षण परियोजनाएं तुरंत लागू की जानी चाहिए।

मुख्य तथ्य

  • रेड अलर्ट: मुंबई, नासिक, थाणे, पालघर, रायगड, पुणे - 28 सितम्बर 2025
  • सबसे अधिक बारिश: नवीमुंबई के Airoli में 161 मिमी
  • मुंबई की मौसमी बारिश: 3,000 मिमी से अधिक
  • गडगे और जल‑स्तर: गोदावरी नदी निकट‑खतरे के स्तर पर
  • सरकारी कदम: पालघर में स्कूल बंद, अतिरिक्त बचाव दल तैनात
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

रेड अलर्ट का मतलब क्या है और यह कब तक रहेगा?

रेड अलर्ट सबसे गंभीर चेतावनी है, जिसका अर्थ है "बहुत भारी वर्षा"। आईएमडी ने यह अलर्ट 28 सितंबर 2025 को जारी किया है और मौसमी स्थितियों के अनुसार यह अलर्ट 30 सितंबर तक जारी रह सकता है, लेकिन स्थानीय मौसम विभाग समय‑समय पर अपडेट देगा।

कौन‑सी जिलों में स्कूल बंद रहेंगे?

पालघर जिला ने 29 सितंबर 2025 के सभी स्कूलों और कॉलेजों को बंद करने का आदेश दिया है। अन्य जिलों में, विशेष रूप से नासिक और थाणे में, प्रशासन ने स्थानीय स्तर पर स्कूलों को अल्प समय के लिए बंद करने की सलाह दी है, लेकिन आधिकारिक घोषणा अभी जारी नहीं हुई है।

गोदावरी नदी के खतरे के स्तर का क्या मतलब है?

गोदावरी नदी अब अपने ‘डेंजर लेवल’ के करीब पहुंच चुकी है, जिसका मतलब है कि पानी का स्तर जल‑आधार के अत्यधिक बाढ़‑जोखिम वाले क्षेत्रों को पार कर सकता है। स्थानीय प्राधिकरणों ने पहले‑हीरे‑नदी के किनारे‑किनारे बाढ़‑रोक के लिए एम्बुलेंस और बचाव दल तैनात कर दिया है।

मौसम विभाग ने अगले दिनों में क्या पूर्वानुमान दिया है?

आईएमडी ने बताया है कि 30 सितंबर तक कोंकण, मध्य महाराष्ट्र के गढ़ और गुजरात के कुछ हिस्सों में ‘ऑरेंज अलर्ट’ रहेगा, जिसका अर्थ है ‘भारी‑से‑भारी’ बारिश। बंगाल की खाड़ी में बनता नया लो‑प्रेशर सिस्टम अगले हफ़्ते तक दक्षिण‑पूर्वी भारत की सतही क्षेत्रों में भी हल्की‑मध्यम बरसात लाने की संभावना है।

जनता को किन सावधानियों का पालन करना चाहिए?

भारी बारिश के दौरान घर के आसपास पानी जमा न होने दें, तेज़ी से बहते हुए जल में न घुसे, और सरकारी सूचना पर ही बाहर निकलें। आवश्यक दवाइयाँ, टॉर्च और अतिरिक्त कपड़े साथ रखें। यदि आप निचले इलाके में रहते हैं, तो ऊँचे क्षेत्रों में अस्थायी रहने की व्यवस्था कर लें।

टिप्पणि (12)

Amit Bamzai

Amit Bamzai

सितंबर 29 2025

इंडिया मौसम विभाग ने जारी किया रेड अलर्ट यह दिखाता है कि मौसमी व्यवस्था में गंभीर बदलाव हो रहा है।
मुंबई, नासिक, थाणे और पुणे जैसे प्रमुख शहरों में भारी वर्षा की संभावना अब केवल अनुमान नहीं रह गई है।
ऐसे में जल निकासी प्रणाली की क्षमता का परीक्षण होना आवश्यक है।
पुरानी नाली और गड्ढे कई बार बाढ़ का मुख्य कारण बनते हैं।
स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि वे तत्काल सफाई अभियान शुरू करें।
संयुक्त राष्ट्र के जलवायु रिपोर्ट के अनुसार इस तरह की तीव्र वर्षा घटनाएँ भविष्य में सामान्य हो सकती हैं।
इसलिए प्रारम्भिक चेतावनियों को गंभीरता से लेना चाहिए।
घर-परिवार को चाहिए कि वे अपने घरों के आसपास निचले क्षेत्रों में पानी के जमा होने से बचें।
यदि संभव हो तो आपातकालीन निकास मार्ग की पहचान कर रखें।
बचाव दल को चाहिए कि वे मोशन‑सेंसर वाली जल‑स्तर मापन प्रणालियों को सक्रिय रखें।
सड़क निर्माण विभाग को चाहिए कि वह अस्थायी जल‑रोधक दीवारों की मजबूती जांचे।
व्यापारियों को चाहिए कि वे अपने माल को ऊँचे स्थान पर रखें।
छात्रों और शिक्षकों को स्कूल बंद रहने की घोषणा पर तुरंत पालन करना चाहिए।
शहरी क्षेत्रों में ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करना एक सही कदम है।
भविष्य में इसी तरह की प्रणालियों को अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर योजना बनानी चाहिए।
समग्र रूप से इस अलर्ट ने यह सिद्ध कर दिया है कि जल‑प्रबंधन में सुधार के बिना बड़ी चोटें अनिवार्य हैं।

ria hari

ria hari

सितंबर 30 2025

सुरक्षात्मक कदम सही दिशा में हैं।

Alok Kumar

Alok Kumar

अक्तूबर 1 2025

इंटरफ़ेस लेवल पर देखी गई डाटा इनकम्पैटिबिलिटी का अर्थ है कि मौजूदा इन्फ्रास्ट्रक्चर मॉड्यूल्स को रिग्रेड करना पड़ेगा।
वर्सटाइल सिंथेटिक मॉडल्स की इंटीग्रेशन से ओवरड्राइवन हाईड्रोपॉइंट्स को असिमिलेट किया जा सकता है।
जैसे ही फीडबैक लूप वॉर्डर हो, अलर्ट सिस्टम को रीयल‑टाईम एडेप्टिविटी मिलेगी।

Nitin Agarwal

Nitin Agarwal

अक्तूबर 2 2025

बारिश के मौसम में मराठी संस्कृति में 'आशीर्वाद' का महत्व विशेष है, इसलिए लोग मंदिरों में भीड़ लगाते हैं।

Ayan Sarkar

Ayan Sarkar

अक्तूबर 3 2025

सरकारी अलर्ट सिर्फ डिजिटल पेन के पीछे की बड़ी साजिश है, असली मकसद जनसंख्या नियंत्रण है।
गुप्त एंटी‑क्लाइमेट एजेंसियां इस डेटा को सैंसिटाइज़ कर रही हैं।

Amit Samant

Amit Samant

अक्तूबर 4 2025

प्रकाशित डेटा के अनुसार जल‑धारा की बाढ़‑रोक योजना में दक्षता कम कमजोर बिंदुओं पर लागू नहीं हुई है।
सुझाव है कि स्थानीय निकाय जल्दी से सैंप्लिंग स्टेशन स्थापित करें और सतत मॉनिटरिंग करें।
उपभोगकर्ता को भी व्यक्तिगत जल‑सुरक्षा किट तैयार रखना चाहिए।
इन उपायों से संभावित क्षति को कम किया जा सकता है।

Jubin Kizhakkayil Kumaran

Jubin Kizhakkayil Kumaran

अक्तूबर 5 2025

देश की आत्मा को बचाने के लिये हमें इस तरह की विदेशी मौसमी स्कीमर की बाधाओं को दुरुपयोग करने की जरूरत है।
हमारा राष्ट्रीय मानचित्र इस पानी को हमारे शत्रुओं के विरुद्ध एक हथियार बनाता है।
इसे सही दिशा में मोड़ना हमारी जिम्मेदारी है।

tej pratap singh

tej pratap singh

अक्तूबर 7 2025

जिनके पास शहर में जगह नहीं है, उन्हें तुरंत उच्च क्षेत्रों में शिफ्ट होना चाहिए।
अन्यथा वे बाढ़ की सजा का सामना करेंगे।

Chandra Deep

Chandra Deep

अक्तूबर 8 2025

बारिश के दौरान बिजली कटौती का भी जोखिम बढ़ता है, इसलिए जनसंख्या को ऊर्जा बैकअप के लिए पोर्टेबल जनरेटर रखने की सलाह दी जाती है।
सुरक्षित रहने के लिये मोबाइल चार्जर भी तैयार रखें।
साथ ही, स्थानीय मीडिया के अलर्ट को लगातार फॉलो करें।
समुदाय स्तर पर आपसी मदद से बचाव कार्य तेज़ हो सकता है।
ऐसे अचानक स्थितियों में सामुदायिक भावना ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।

Mihir Choudhary

Mihir Choudhary

अक्तूबर 9 2025

चलो, इस बारिश में भी मुस्कुराते रहो! 🌧️⚡️
जल‑संकट में भी हम अपने दोस्तों को साथ रखें! 😊🚀

Tusar Nath Mohapatra

Tusar Nath Mohapatra

अक्तूबर 10 2025

हाथ में तौलिया और दिल में आशा – ये मौसम भी हमसे नहीं जीत पाएगा।
कभी‑कभी भारी बारिश से ही सड़कों पर एक नया नजारा बन जाता है, तो चलो इसका मज़ा लेते हैं।

Ramalingam Sadasivam Pillai

Ramalingam Sadasivam Pillai

अक्तूबर 11 2025

समय की धारा में हर वर्षा एक स्मृति बनती है, जिसे समझना हमारे अस्तित्व का हिस्सा है।
बदलाव को अपनाते हुए हमें अपने कदम आगे बढ़ाने चाहिए।

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