विलंब का मुख्य कारण और आधिकारिक घोषणा
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDL) ने आधिकारिक प्रेस रिलीज़ में बताया कि आयकर रिटर्न (ITR दाखिला सीमा) का अंतिम दिन अब 16 सितंबर 2025 रहेगा। यह घोषणा आयकर आयुक्त वी. राजिथा, जो CBDT के मीडिया एवं तकनीकी नीति आयुक्त हैं, ने 15 सितंबर को की। उनका कहना था कि नया आदेश और नोटिफिकेशन जल्द जारी किया जाएगा, जिससे सभी納税者 को स्पष्ट दिशा‑निर्देश मिल सकें।
पहले की नियत तारीख 31 जुलाई 2025 थी, पर आयकर फ़ॉर्म में बड़े बदलाव, जैसे नई टैक्स स्लैब, वैधता जाँच और डिजिटल सिग्नेचर प्रोसेस, ने सिस्टम विकास एवं परीक्षण में अतिरिक्त समय का 요구 किया। यही कारण था कि CBDT ने पहले 15 सितंबर तक का विस्तार किया, और अब यह आखिरी बढ़ोतरी है।
करदाताओं के लिए विशेष सुविधाएँ और दंड की सख़्त व्यवस्था
डिटैक्स्ड एट सोर्स (TDS) के क्रेडिट मई के अंत तक उपलब्ध होते हैं, पर उनका वास्तविक प्रतिबिंब जून के शुरुआती दिनों में दिखता है। इससे कई納税者 को सीमित अवधि में रिटर्न फाइल करना कठिन लगा, इसलिए अतिरिक्त एक दिन का विस्तार किया गया।
फॉल्स न्यूज़ की लहर को रोकने के लिए आयकर विभाग ने सामाजिक मीडिया पर कई झूठे अफवाहें देखी, जैसे कि अंतिम तिथि 30 सितंबर तक बढ़ गई है। विभाग ने स्पष्ट किया कि ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई और केवल आधिकारिक सरकारी चैनलों से ही जानकारी लेनी चाहिए।
फाइलिंग अवधि के दौरान, विभाग ने 24‑घंटे हेल्पडेस्क चालू रखा। इस सहायता केंद्र ने फोन, लाइव चैट, WebEx सत्र और ट्विटर व फेसबुक जैसे प्लेटफ़ॉर्म पर तुरंत जवाब दिया। इसके अलावा, कई प्रश्नों के हल के लिये विस्तृत FAQs भी ऑनलाइन उपलब्ध कराई गईं।
देरी करने वाले納税者 पर सेक्शन 234F के तहत ₹5,000 का जुर्माना लागू होगा, अगर उनका कुल आय ₹5 लाख से अधिक है। यह दंड देर‑से‑फ़ाइलिंग को रोकने के लिये सख़्त बनाया गया है, इसलिए सभी को सलाह दी जाती है कि वे अंतिम तिथि से पहले अपना रिटर्न जमा कर लें।
- नए फ़ॉर्म में बदलाव और डिजिटल सिग्नेचर की आवश्यकता
- टीडीएस क्रेडिट की देरी से उत्पन्न समय सीमा का संकुचन
- 24‑घंटे हेल्पडेस्क द्वारा फोन, चैट, WebEx और सोशल मीडिया सहायता
- सेक्शन 234F के तहत ₹5,000 का दंड (आय > ₹5 लाख)
Ramalingam Sadasivam Pillai
सितंबर 25 2025समय हमेशा बदलता रहता है, और कर विभाग भी इसी बदलाव का हिस्सा है। नई अंतिम तिथि का विस्तार taxpayers को एक अतिरिक्त साँस देने जैसा है। यह पहल डिजिटल प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। लेकिन याद रखें, अंतिम सीमा के बाद दंड अनिवार्य रहेगा, इसलिए समय पर फ़ाइल करना ज़रूरी है।