चेन्नई सुपर किंग्स ने आईपीएल 2026 के लिए अपनी टीम को पूरी तरह से बदल दिया है — और इस बार बदलाव बस एक खिलाड़ी का नहीं, बल्कि एक युग का है। चेन्नई सुपर किंग्स ने अपने नवीनतम नीलामी में 41 करोड़ रुपये खर्च किए, और इसमें से 14.20 करोड़ रुपये एक अनजान 20 साल के बाएं हाथ के स्पिनर प्रशांत वीर को दिए गए। ये वो रकम है जिसने उसे आईपीएल इतिहास का सबसे महंगा अनकैप्ड खिलाड़ी बना दिया। और ये सिर्फ एक खरीद नहीं, बल्कि एक विरासत का हस्तांतरण है — रवींद्र जडेजा का स्थान अब इस युवा ताकत ने ले लिया है।
संजू सैमसन: टीम इंडिया में न मिला रोल, चेन्नई में बनेगा कील
जब संजू सैमसन राजस्थान रॉयल्स से चेन्नई आए, तो लोगों ने सोचा कि वो बस एक अनुभवी विकेटकीपर-बल्लेबाज़ हैं। लेकिन अब उनकी भूमिका बदल गई है। उन्हें ओपनिंग में उतारा जाएगा — वहीं जहां टीम इंडिया में उन्हें कभी मौका नहीं मिला। उनके साथ खेलेगा आयुष महात्रे, जिसने आईपीएल 2025 में सिर्फ 7 मैच खेले थे, लेकिन 180+ की स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी की। ये दोनों एक नया ओपनिंग जोड़ा बना रहे हैं — जिसका लक्ष्य है शुरुआत में ही गेंदबाज़ों को दबाव में डालना।
रुतुराज गैयकवाड़: नंबर 3 पर बदला नियम
कप्तान रुतुराज गैयकवाड़ जो आईपीएल 2025 में चोट के कारण छूट गए, अब वापस आए हैं — और उनका फॉर्म शानदार है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ओडीआई में उन्होंने एक शानदार शतक जड़ा है। अब उन्हें नंबर 3 पर रखा जाएगा, जहां वो बल्लेबाजी की शुरुआत कर सकते हैं और टीम को स्थिरता दे सकते हैं। इस फैसले का अर्थ है कि चेन्नई अब ओपनिंग के लिए नए खिलाड़ियों पर भरोसा कर रही है, और गैयकवाड़ को अपनी पूरी ऊर्जा बीच में लगाने का मौका दिया जा रहा है।
प्रशांत वीर: जडेजा का उत्तराधिकारी?
ये बात अब किसी के लिए रहस्य नहीं — प्रशांत वीर को चेन्नई का अगला ऑलराउंडर बनाया जा रहा है। वो बाएं हाथ के स्पिनर हैं, जो अंतिम 5 ओवर में भी बल्लेबाजी कर सकते हैं। उन्होंने चेन्नई के ट्रायल में अपनी बहुमुखी प्रतिभा दिखाई, और अब वो उस खाली जगह को भरेंगे जो जडेजा के जाने के बाद बन गई थी। जडेजा ने 15 साल तक चेन्नई के लिए बल्ले और गेंद से काम लिया। अब एक ऐसा खिलाड़ी आया है जिसकी उम्र उसकी आधी है — लेकिन उसकी उम्मीदें दोगुनी हैं।
धोनी का रोल: विकेटकीपर या इम्पैक्ट प्लेयर?
एमएस धोनी अब भी टीम के दिल के करीब हैं। उन्हें विकेटकीपर के रूप में टीम में रखा गया है, लेकिन अब उनका इस्तेमाल इम्पैक्ट प्लेयर के तौर पर भी किया जा सकता है। ये एक बड़ा बदलाव है — जहां एक समय धोनी खेल के अंत तक खेलते थे, अब वो एक रणनीतिक हथियार बन गए हैं। अगर टीम शुरुआत में दो विकेट खो दे, तो धोनी को बीच में उतारा जा सकता है — एक ऐसा लेवल जहां वो अपनी अनुभवी बल्लेबाजी से गेम बदल सकते हैं।
मिडिल ऑर्डर: ब्रेविस, दूबे और विविधता का खेल
मिडिल ऑर्डर में डेवाल्ड ब्रेविस और शिवम दूबे दोनों शुरू से ही टीम में जगह बना चुके हैं। लेकिन उनकी बल्लेबाजी की शैली एक जैसी है — दोनों तेज रफ्तार से बल्लेबाजी करते हैं। इसलिए टीम को हर मैच के अनुसार फैसला करना होगा। क्या ब्रेविस को नंबर 4 पर रखा जाए? या दूबे को? या फिर अगर टीम को जल्दी विकेट चाहिए, तो सरफराज खान को ऊपर भेजा जाए? ये चुनाव टीम की जीत या हार तय कर सकते हैं।
गेंदबाजी: नैथन एलिस, नूर अहमद और खालील अहमद
पेस अटैक में नैथन एलिस एक बड़ा बदलाव है। उनकी विविधता और टी20 में उनकी बार-बार दिखाई गई कारगरी ने उन्हें टीम की नई बुनियाद बना दिया है। उनके साथ खालील अहमद जो आईपीएल 2025 में अस्थिर रहे, लेकिन अब उनकी गेंदबाजी का विश्वास वापस आ रहा है। और फिर आता है नूर अहमद — जिन्होंने आईपीएल में अपनी गेंदबाजी से एक नया मानक बनाया है। वो अब चेन्नई के लिए लीड स्पिनर हैं।
इम्पैक्ट प्लेयर्स: कार्तिक शर्मा, उर्विल पटेल और अन्य
चेन्नई के पास अब इम्पैक्ट प्लेयर्स के लिए भी बहुत सारे विकल्प हैं। कार्तिक शर्मा — जिन्हें नीलामी में 14.20 करोड़ रुपये में खरीदा गया — एक विकेटकीपर-बल्लेबाज हैं जिनकी बल्लेबाजी अगर बीच में लग जाए, तो गेम बदल सकती है। उर्विल पटेल तो बस एक बल्लेबाज़ हैं जिन्होंने लीग में अपनी जबरदस्त बल्लेबाजी से सबको हैरान कर दिया। लेकिन उनकी बल्लेबाजी अधिक जोखिम भरी है — जो जीत भी सकती है, हार भी।
अगले कदम: क्या चेन्नई फिर से चैंपियन बनेगी?
चेन्नई का ये टीम बनाने का तरीका एक नई रणनीति का प्रतीक है — अनुभव के साथ युवा ऊर्जा का संगम। उन्होंने जडेजा के जैसे खिलाड़ी को नहीं बदला, बल्कि उनकी जगह एक नई पीढ़ी को बैठाया है। लेकिन सवाल ये है — क्या ये युवा खिलाड़ी दबाव में काम कर पाएंगे? क्या संजू सैमसन की ओपनिंग रणनीति टीम इंडिया के लिए भी एक मॉडल बन जाएगी? और क्या धोनी की नियुक्ति इम्पैक्ट प्लेयर के रूप में एक नया ट्रेंड शुरू कर देगी?
एक बात तो तय है — चेन्नई का ये टीम बस एक टीम नहीं, बल्कि एक विरासत का नया अध्याय है। और इस बार, वो विरासत को नहीं, बल्कि भविष्य को खेल रही है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रशांत वीर को क्यों रवींद्र जडेजा का उत्तराधिकारी माना जा रहा है?
प्रशांत वीर एक बाएं हाथ के स्पिनर हैं जो अंतिम ओवरों में बल्लेबाजी कर सकते हैं — यही वही गुण है जो जडेजा को चेन्नई के लिए अनमोल बनाता था। वो टीम के लिए ऑलराउंडर के रूप में काम करेंगे, और उनकी उम्र और लचीलापन ने टीम को लगाया कि वो जडेजा के भविष्य के लिए बेहतर विकल्प हैं।
संजू सैमसन को ओपनिंग में क्यों उतारा गया?
टीम इंडिया में संजू को ओपनिंग का मौका नहीं मिला, लेकिन आईपीएल में उनकी बल्लेबाजी की गति और अनुभव इस भूमिका के लिए परफेक्ट है। चेन्नई ने इस फैसले से अपने ओपनिंग के लिए नए लोगों को अवसर देने का फैसला किया है, और सैमसन इसकी नेतृत्व भूमिका निभा सकते हैं।
धोनी को इम्पैक्ट प्लेयर के रूप में उपयोग करने का क्या फायदा है?
धोनी की बल्लेबाजी का असली असर दबाव के समय होता है। अगर टीम शुरुआत में विकेट खो दे, तो उन्हें बीच में उतारकर गेम को बदला जा सकता है। ये रणनीति उनकी अनुभवी बल्लेबाजी को बेहतर तरीके से इस्तेमाल करती है और उनके शरीर को भी आराम देती है।
कार्तिक शर्मा और प्रशांत वीर जैसे अनकैप्ड खिलाड़ियों को इतना पैसा क्यों दिया गया?
चेन्नई ने लंबे समय से युवा खिलाड़ियों को अपनाया है, और इस बार उन्होंने बड़े निवेश के साथ भविष्य की नींव रखी। इन दोनों के पास टीम के लिए बहुमुखी प्रतिभा है — बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग में। ये निवेश अगले 5 सालों के लिए टीम को स्थिर बनाने के लिए है।
क्या चेन्नई की ये टीम आईपीएल 2026 का खिताब जीत सकती है?
हां, अगर युवा खिलाड़ियों का दबाव में प्रदर्शन अच्छा रहे और धोनी की रणनीति सही तरीके से लागू हो। टीम के पास बैलेंस है, लेकिन अनुभव की कमी है। अगर वो शुरुआत में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो ये टीम फाइनल तक पहुंच सकती है।
आईपीएल 2026 में चेन्नई का सबसे बड़ा खतरा क्या है?
सबसे बड़ा खतरा ये है कि उनके नए खिलाड़ियों को बड़े मैचों में दबाव में बल्लेबाजी करनी होगी। अगर ओपनिंग जोड़ा या मिडिल ऑर्डर असफल रहा, तो टीम आसानी से गिर सकती है। इसलिए शुरुआती मैचों में उनका प्रदर्शन बहुत महत्वपूर्ण होगा।