दक्षिण कोरिया द्वारा उत्तर कोरिया पर 24/7 लाउडस्पीकर प्रसारण फिर से शुरू करने का निर्णय

दक्षिण कोरिया द्वारा उत्तर कोरिया पर 24/7 लाउडस्पीकर प्रसारण फिर से शुरू करने का निर्णय

परिचय

दक्षिण कोरिया ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है जिससे कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव बढ़ने की आशंका है। दक्षिण कोरिया के सैन्य ने घोषणा की है कि वे उत्तर कोरिया पर चौबीसों घंटे लाउडस्पीकर प्रसारण फिर से शुरू करेंगे। यह कदम उत्तर कोरिया द्वारा लगातार गुब्बारों के माध्यम से दक्षिण कोरिया की सीमा में कचरा भेजने के उत्तर में उठाया गया है। इन लाउडस्पीकर प्रसारणों में विभिन्न प्रकार की सामग्री होती है, जिनमें प्रोपगेंडा, विश्व समाचार और के-पॉप म्यूजिक शामिल होते हैं। यह प्रसारण मनोवैज्ञानिक युद्ध के प्रभावी उपकरण माने जाते है।

लाउडस्पीकर प्रसारण का इतिहास

लाउडस्पीकर प्रसारण की आदतें कोरियाई प्रायद्वीप में नई नहीं है। 1953 के कोरियाई युद्ध के बाद से ही दोनों देशों ने समय-समय पर एक-दूसरे पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किया है। 2018 में एक शांति समझौते के तहत इन्हें बंद कर दिया गया था। वह समझौता उत्तरी और दक्षिणी कोरियाई नेताओं के बीच संबंध सुधारने के उद्देश से हुआ था। लेकिन उत्तर कोरिया की हालिया हरकतों ने इस समझौते को अब मोहताज कर दिया है।

उत्तर कोरिया की गतिविधियाँ

हाल ही में उत्तर कोरिया ने गुब्बारों के माध्यम से दक्षिण कोरिया की सीमा में कचरा और विभिन्न प्रकार की सामग्री भेजी है। इससे न केवल पर्यावरणीय नुकसान हुआ है बल्कि दक्षिण कोरियाई नागरिकों की संपत्तियों को भी हानि पहुँची है। उत्तर कोरिया ने इन गतिविधियों की जिम्मेदारी से इनकार किया है, जिससे इस संकट की स्थिति और गंभीर हो गई है। उत्तर कोरिया की 'ग्रे जोन' रणनीति उसे सीधे तौर पर शामिल किए बिना तनाव भरने का एक उपाय है।

मनोवैज्ञानिक युद्ध का असर

मनोवैज्ञानिक युद्ध का असर

लाउडस्पीकर द्वारा प्रसारित सामग्री का असर गहरा होता है। दिन में यह प्रसारण 10 किलोमीटर और रात में 24 किलोमीटर तक सुने जा सकते हैं। इन प्रसारणों में शामिल सामग्री को विशेष रूप से उत्तर कोरियाई जनता के मनोबल को गिराने और उनके नेतृत्व के खिलाफ उन्हें भड़काने के लिए तैयार किया गया है। इसमें उत्तर कोरिया की राजनीतिक स्थिति और उनके नेता किम जोंग उन की आलोचना भी शामिल होती है।

सकारात्मक प्रभाव और चुनौतियाँ

विशेषज्ञ मानते हैं कि इस तरह के प्रसारण में तनाव बढ़ने की संभावनाएं होती हैं, लेकिन यह भी संभव है कि यह उत्तर कोरियाई नेतृत्व पर दबाव बढ़ाने का एक माध्यम बन सके। हालाँकि, यह स्थिति पर ही निर्भर करता है कि उत्तर कोरिया इस पर कैसी प्रतिक्रिया देता है। मनोवैज्ञानिक युद्ध की यह रणनीति दोनों देशों के बीच वार्ता के दरवाजे भी बंद कर सकती है, जिसे पुनः सैन्य संघर्ष में बदलने का खतरा है।

वर्तमान स्थिति और भविष्य

इस समय दोनों देशों के बीच किसी भी तरह की गंभीर वार्ता नहीं हो रही है, जो स्थिति को और जटिल बना रही है। शांति स्थापित होने के बावजूद भी घेराबन्दी और आक्रामकता जारी है। विशेषज्ञ सावधान करते हैं कि यह तनाव में वृद्धि कर सकता है और दोनों देशों के बीच अप्रत्याशित संघर्ष का कारण बन सकता है।

निष्कर्ष

निष्कर्ष

कुल मिलाकर, यह कदम कोरियाई प्रायद्वीप में शांति और स्थिरता को प्रभावित कर सकता है। बावजूद इसके, यह भी माना जा रहा है कि यह उत्तर कोरिया पर दबाव बनाने का एक माध्यम हो सकता है। यह देखना होगा कि इस नई मनोवैज्ञानिक युद्ध रणनीति के अंतर्गत स्थिति कैसी रहती है और दोनों देशों की आगे की रणनीतियाँ क्या होंगी।

टिप्पणि (6)

Nitin Agarwal

Nitin Agarwal

जुलाई 20 2024

दक्षिण कोरिया ने फिर से लाउडस्पीकर चालू किया है। यह कदम 1950‑के दशक की मनोवैज्ञानिक युद्ध की परम्परा को दोहराता है। सीमा‑पार आवाज़ें स्थानीय संस्कृति और इतिहास को भी छूती हैं। इससे दोनों देशों के बीच तनाव की गहराई बढ़ सकती है।

Ayan Sarkar

Ayan Sarkar

जुलाई 20 2024

सिग्नल इंटेलिजेंस मॉड्यूल अब अवेयरनेस ऑपरेशन सेट कर रहा है। ऑपरेटर्स ने हाई‑फ़्रीक्वेंसी प्रोप्रैगेंडा फ़ीड को एन्क्रिप्टेड बैंड में लीवर किया है। यह पूरी तरह से सशस्त्र प्रोपैगंडा नेटवर्क का हिस्सा है।

Amit Samant

Amit Samant

जुलाई 20 2024

कोरियाई प्रायद्वीप में लाउडस्पीकर का पुनः आरंभ एक रणनीतिक कदम है।
वर्तमान में यह कदम उत्तर कोरिया की सीमापार गतिविधियों के जवाब में लिया गया है।
भौगोलिक निकटता देखते हुए ध्वनि तरंगें दोनों पक्षों के नागरिकों तक आसानी से पहुँचती हैं।
साइबर‑डोमेन और सूचना‑युद्ध के साथ यह मनोवैज्ञानिक दबाव का नया रूप है।
अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ मानते हैं कि ऐसी ध्वनि अभियानों का दीर्घकालिक प्रभाव जटिल हो सकता है।
यदि सामग्री में उचित सामाजिक‑विज्ञान अभिप्राय न हो तो जनसंख्या में प्रतिरोध पैदा हो सकता है।
दक्षिण कोरियाई प्रशासन ने संगीत और समाचार की मिश्रित प्लेलिस्ट तैयार की है।
इसमें के‑पॉप ट्रैक और दुनिया भर की ताज़ा खबरें सम्मिलित हैं।
यह मिश्रण श्रोताओं को सहज बनाता है और संदेश की स्वीकार्यता बढ़ाता है।
उसी समय, नकारात्मक भावनाओं को कम करने हेतु वैकल्पिक संवाद चैनल स्थापित करने की सिफ़ारिश की गई है।
शांतिपूर्ण संचार के माध्यम से दोनों पक्षों के बीच भरोसा पुनः स्थापित किया जा सकता है।
इस दिशा में कई NGOs ने स्थानीय समुदायों के साथ कार्यशालाओं का आयोजन करने का सुझाव दिया है।
वित्तीय सहयोग और तकनीकी सहायता से इन कार्यक्रमों की प्रभावशीलता बढ़ेगी।
अंततः, ध्वनि‑प्रसारण को एक मध्यस्थ के रूप में उपयोग करके दोनो देशों को संवाद के नए मंच पर ला सकते हैं।
इस आशावादी दृष्टिकोण से भविष्य में तनाव कम हो सकता है और स्थिरता प्राप्त हो सकती है।

Jubin Kizhakkayil Kumaran

Jubin Kizhakkayil Kumaran

जुलाई 20 2024

भारी कूटनीति से ज्यादा तलवार की आवाज़ चाहिए। लाउडस्पीकर सिर्फ़ टाक्स की नकल नहीं, बल्कि राष्ट्रीय अभिमान की ध्वनि है। अगर सच्चा शत्रु नहीं तो यह शो कितना उपयोगी है?

tej pratap singh

tej pratap singh

जुलाई 20 2024

ऐसे मनोवैज्ञानिक युद्ध से मानवता को सतह पर गिरा दिया जाता है।

Chandra Deep

Chandra Deep

जुलाई 20 2024

ईमानदारी से कहूँ तो मनोवैज्ञानिक ऑपरेशन सामाजिक तनाव को बढ़ा देता है
ऐसे में सिविल सोसाइटी को जागरूकता कैंपेन चलाना चाहिए
स्थानीय स्तर पर भागीदारी बढ़ाने से असर कम हो सकता है

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