IEX के शेयरों का गिरता ग्राफ और चिंता की वजह
एक वक्त था जब IEX का शेयर 300 रुपए के पार था, निवेशक उसका दम-खम देखकर बेफिक्र रहते थे। लेकिन अब हालात पलट गए हैं। जून 2025 के दूसरे हफ्ते में IEX के शेयर 8% से ज्यादा टूटकर 153.59 रुपए और फिर एक दिन में ही 10% लुढ़ककर 188.5 रुपए तक आ गए। दरअसल एंडियन एनर्जी एक्सचेंज यानी IEX की हालत खराब होने की सबसे बड़ी वजह है ‘बाजार कपलिंग’ को लेकर आई सरकारी चर्चा।
‘बाजार कपलिंग’ यानी बिजली ट्रेडिंग का तरीका बदलने की तैयारी—आसान भाषा में कहें तो देश की सभी पावर एक्सचेंजों में बिजली के दाम एक जैसे तय होंगे। इसका सबसे बड़ा असर IEX जैसी कंपनियों पर होगा, जो अभी बाजार में सबसे मजबूत खिलाड़ी हैं। जैसे ही सरकार ने कपलिंग लागू करने पर विचार शुरू किया, निवेशकों में डर बैठ गया कि अब कंपनी की ‘डोमिनेंस’ में सेंध लग जाएगी। जिस दिन केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस पर बड़ा मीटिंग किया, उसी दिन शेयर काफी गिरा।
बाजार कपलिंग से कारोबार पर किस तरह पड़ेगा असर?
अभी IEX देश की सबसे बड़ी बिजली ट्रेडिंग एक्सचेंज है। ज्यादा खरीदार, ज्यादा वॉल्यूम और ट्रांजैक्शन से इसकी कमाई बढ़ती थी। लेकिन अगर बाजार कपलिंग लागू हो गया, तो बिजली की कीमत हर एक्सचेंज पर एक जैसी रहेगी और खरीदारों को अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर जाने की मजबूरी नहीं होगी। इससे कंपनी की एक्सक्लूसिव ग्रोथ रुक सकती है और दूसरे एक्सचेंजों को मौका मिल जाएगा।
विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर यह नीति आई, तो IEX की मनमानी कीमत और वॉल्यूम का दौर खत्म हो जाएगा। यही डर निवेशकों को बेचैन कर रहा है। हाल के हफ्तों में ट्रेडिंग वॉल्यूम रिकॉर्ड रहा—मई 2025 में बिजली कारोबार 14% बढ़ा। लेकिन मुनाफे की ये तस्वीर अब धुंधली नजर आने लगी है।
इसी बीच वॉल्यूम में हो रहे इजाफे को देखकर कुछ निवेशक ‘डिप’ में खरीददारी के मौके खोजने लगे हैं। लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि जब तक सरकार का स्पष्टीकरण नहीं आता और बाजार कपलिंग की डिटेल सामने नहीं आती, तब तक घबराहट कम नहीं होगी। कुछ एक्सपर्ट्स लगातार निगाह रखने की सलाह दे रहे हैं—जोश में आकर खरीदना या घबराकर बेचना जोखिम भरा हो सकता है।
मौजूदा हालात में निवेशकों के लिए यह स्पष्ट है कि बाजार कपलिंग लागू हुई तो पावर ट्रेडिंग के तौर-तरीकों में बड़ा बदलाव आ सकता है। फिलहाल, सरकार और एक्सचेंजों के बीच राय मशविरा जारी है। सलाह यही है कि बड़ी-छोटी खबरों पर नज़र रखिए, जल्दबाजी से बचिए और रणनीति को बार-बार रिव्यू कीजिए।
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