ईडन गार्डन्स की रोशनी, उद्घाटन समारोह की तैयारी, और आसमान पर मंडराते बादल—सीज़न की पहली गेंद फेंकी जाएगी या बादल बाज़ी मार लेंगे? शनिवार, 22 मार्च को कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) के बीच होने वाला ओपनिंग मैच मौसम की मार झेल सकता है। कोलकाता और आसपास के जिलों के लिए भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। पूर्वानुमान में गरज-चमक के साथ बारिश और तेज़ हवाओं की आशंका जताई गई है।
IMD का कहना है कि केंद्रीय ओडिशा से विदर्भ तक एक ट्रफ बनी हुई है और पूर्वी व मध्य भारत के हिस्सों में विंड कन्फ्लुएंस (हवाओं का मिलना) हो रहा है। इसके कारण 20-21 मार्च को उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में बौछारें, गरज और तेज़ हवाएं चलीं—और यह सिस्टम 22 मार्च की शाम तक बना रह सकता है। यही वजह है कि ईडन गार्डन्स की आउटफील्ड गुरुवार से ही पूरी तरह कवर है और ग्राउंड स्टाफ लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है।
उद्घाटन समारोह भी दांव पर है। प्लान यह था कि शाम को मंच सजेगा—शाहरुख़ खान का मोनोलॉग, फिर श्रेया घोषाल, दिशा पटानी और करण औजला जैसे कलाकारों के प्रदर्शन। लेकिन मौसम ने आयोजकों को बैकअप प्लान पर सोचने पर मजबूर कर दिया है। प्रैक्टिस सेशन के दौरान भी शहर पर तेज़ बारिश हुई, जिससे मैच डे के लिए शंकाएं बढ़ गईं।
मौसम का अलर्ट और मैच पर असर
ऑरेंज अलर्ट का मतलब होता है—तैयार रहिए, हालात बिगड़ सकते हैं। मार्च में कोलकाता में शाम के समय तेज़ आंधी-बारिश वाली ‘नॉर्थवेस्टर/कलबैশाखी’ आम है। ऐसे में छोटी-छोटी खिड़कियां मिल सकती हैं जहां बारिश थमे, मगर बिजली कड़कने और झोंकों वाली हवा के कारण खेल तुरंत शुरू करना सुरक्षित नहीं होता। अंपायरों को ग्राउंड की स्थिति के साथ सुरक्षा पर भी फैसला लेना होगा।
मैच का शेड्यूल नाइट स्लॉट में है—यानी पीक समय पर बादल छाने की संभावना ज्यादा। अच्छी खबर यह है कि ईडन गार्डन्स की ड्रेनेज सिस्टम और सुपर सॉपर्स की टीम तेज़ काम करती है। पिच और स्क्वेयर अलग-अलग कवर में हैं, आउटफील्ड पर मल्टी-लेयर शीट बिछी है। अगर तेज़ बारिश रुक भी जाए तो 30–40 मिनट की खिड़की में आउटफील्ड खेलने लायक बनाई जा सकती है। चुनौती बिजली और हवा हैं—इन दोनों की स्थिति सामान्य हुए बिना मैच शुरू नहीं हो सकता।
टॉस पर भी असर पड़ेगा। बारिश टॉस से पहले हो तो टॉस टल सकता है। देरी बढ़ी तो ओवर घटेंगे और डकवर्थ-लुईस-स्टर्न (DLS) लागू होगा। लीग मैचों में रिजर्व डे नहीं होता। यानी अगर एक गेंद भी नहीं फेंकी गई तो दोनों टीमों को एक-एक अंक मिलेगा। यह सीज़न के पहले ही दिन टेबल पर असर डाल सकता है—खासकर तब जब प्लेऑफ़ रेस में आधा अंक भी फर्क कर जाता है।
उद्घाटन समारोह के लिए भी प्लान-B तैयार है—जरूरत हुई तो समय घटाया जा सकता है, स्टेज सेगमेंट कम किए जा सकते हैं या मौसम साफ होते ही सीधे मैच मोड में जाया जा सकता है। आयोजकों का फोकस साफ है—सुरक्षा पहले, फिर खेल।
अगर बारिश हुई तो क्या नियम लागू होंगे?
बारिश रुक-रुककर भी आए तो खेल कब और कैसे हो सकता है? इसकी कुछ स्पष्ट प्रक्रियाएं हैं।
- ओवर रिडक्शन: तय समय बीतने पर दोनों पारियों के ओवर घटते जाते हैं। अंपायर और मैच रेफरी हर देरी के बाद नए न्यूनतम ओवर तय करते हैं।
- न्यूनतम ओवर की शर्त: नतीजे के लिए दोनों टीमों को कम से कम 5-5 ओवर मिलना जरूरी है। इससे कम पर मैच टाई/नो-रिजल्ट के नियम लागू होंगे।
- DLS पद्धति: दूसरी पारी में लक्ष्य बारिश से प्रभावित हुआ तो DLS के हिसाब से संशोधित स्कोर सेट होगा। संसाधन (ओवर और विकेट) के हिसाब से पार स्कोर तय किया जाता है।
- कट-ऑफ टाइम: रात के एक निश्चित समय के बाद नए मैच की शुरुआत नहीं की जा सकती। इससे पहले तक जितना संभव हो, उतने ओवरों का खेल कराया जाता है।
- इनिंग्स ब्रेक में कटौती: समय बचाने के लिए इनिंग्स ब्रेक छोटा किया जा सकता है।
- रिजर्व डे नहीं: लीग फेज के मैचों में अगला दिन रिजर्व नहीं होता। मैच धुला तो अंक साझा होंगे।
सुरक्षा प्रोटोकॉल भी सख्त हैं। बिजली कड़कने पर खेल तुरंत रोका जाता है। छतरियों से पानी टपकता है, इसलिए कई स्टेडियमों में छतरी ले जाना भी प्रतिबंधित रहता है—फैंस को रेनकोट और पोंचो बेहतर विकल्प हैं।
फैंस के लिए कुछ काम की बातें—बारिश हो तो स्टेडियम अनुभव कैसा रहेगा?
- टिकट और रिफंड: सामान्य प्रथा यह है कि अगर एक भी गेंद नहीं फेंकी गई तो पूरी टिकट कीमत रिफंड/क्रेडिट की तरफ बढ़ती है। अलग-अलग टीम/टिकटिंग पार्टनर की T&C लागू होती हैं, इसलिए ई-टिकट/मेल देखें।
- एंट्री और सामान: रेनकोट, पारदर्शी पाउच, पावर बैंक पर स्टेडियम की गाइडलाइंस चेक करें। काँच की बोतल, बड़े बैग और छतरियाँ अक्सर अलाऊ नहीं होते।
- आवा-जाही: बारिश में ट्रैफिक बढ़ता है। समय से निकलें, पब्लिक ट्रांसपोर्ट का विकल्प रखें, ई-टिकट/आईडी डिजिटल कॉपी में रखें।
- सुरक्षा पहले: बिजली कड़कने पर ओपन एरिया में खड़े न रहें, स्ट्यूअर्ड के निर्देश मानें।
ब्रॉडकास्ट पर असर? स्टूडियो कवरेज और मौसम अपडेट चलते रहेंगे। टॉस और प्लेइंग-इलेवन की घोषणा देरी से हो सकती है। अगर ओवर घटे तो इन-मैच ग्राफिक्स और DLS क्यूज ज्यादा दिखेंगे।
क्रिकेटिंग एंगल से यह ओपनर बड़ी टक्कर माना जा रहा था। KKR डिफेंडिंग चैंपियन है और घर पर उनका रिकॉर्ड मजबूत रहा है। RCB के पास बड़े स्ट्राइकर और अनुभवी टॉप ऑर्डर हैं। ईडन की शाम को सुनील नाराइन की स्पिन, आंद्रे रसेल की पावर-हिटिंग, और दूसरी तरफ विराट कोहली, फाफ डु प्लेसिस और ग्लेन मैक्सवेल—ऐसा मुकाबला जिसे फैंस पूरे साल याद रखते। मौसम ही अगर खेल बिगाड़ दे तो निराशा होना तय है।
ग्राउंड मैनेजमेंट की बात करें तो कवरिंग का दायरा इस बार और बढ़ाया गया है—पिच, रन-अप, इनर सर्कल, और संवेदनशील पैच पूरी तरह ढके हुए हैं। सुपर सॉपर्स, ब्लोअर्स और ड्रेनेज चैनल एक्टिव हैं। लेकिन आउटफील्ड पर पानी बैठना और हवा से कवर खिसकना दो बड़ी दिक्कतें रहती हैं—जिन्हें संभालने के लिए अतिरिक्त कर्मी तैनात हैं।
टॉस की रणनीति भी मौसम से जुड़ जाती है। ऐसे हालात में कप्तान चेस या डिफेंड का फैसला मौसम खिड़की देखकर करेंगे। ओस का फैक्टर भी है—बारिश के बाद अगर हवा साफ हो गई तो आउटफील्ड हल्का स्लिपरी और गेंद गीली हो सकती है, जिससे स्पिनर्स की पकड़ ढीली पड़ेगी और तेज़ गेंदबाजों के लिए बाउंसर/हार्ड लेंथ मुफीद रहेगी। अगर ओवर घटे तो पावर-हिटर्स की वैल्यू और बढ़ जाती है, क्योंकि रिसोर्स सीमित होते हैं और DLS का दबाव रहता है।
उद्घाटन समारोह पर वापिस आते हैं—संभावना है कि परफॉर्मेंस स्लॉट कम कर दिए जाएं या स्टेज एक्ट्स के बीच गैप घटाए जाएं ताकि मौसम साफ होते ही खेल शुरू कराया जा सके। आयोजक टीम ने साउंड-लाइट रिग्स को वॉटरप्रूफिंग से कवर किया है और केबल रूट्स ऊंचे रखे गए हैं ताकि पानी जमने से शॉर्ट-सरकिट का खतरा न हो। बिजली चमकने पर मंच गतिविधि भी रोकी जा सकती है।
शहर के लिए यह बड़ा इवेंट है। पुलिस, सिविक एजेंसियां और केबल टीमें बारिश के मद्देनज़र अतिरिक्त शिफ्ट पर हैं—ट्रैफिक मैनेजमेंट, भीड़ नियंत्रण, और स्टेडियम के बाहर पानी निकासी जैसे काम पर फोकस है। फैंस के लिए सबसे भरोसेमंद चीज रियल-टाइम अपडेट हैं—मैच डे पर आधिकारिक ऐलान, स्टेडियम एनाउंसमेंट और ब्रॉडकास्ट पर नजर रखें।
आखिर में सवाल वही—क्या पहली रात क्रिकेट जीत पाएगा? खिड़की मिलती है तो कम ओवरों का तेज़-तर्रार मुकाबला भी दर्शकों को रोमांच दे सकता है। और अगर बारिश ने रोका, तो एक-एक अंक से सफर शुरू होगा। सीज़न लंबा है, लेकिन ओपनिंग नाइट का असर अलग होता है—मोमेंटम, माहौल और विश्वास—तीनों यहीं से बनते हैं। इसीलिए आयोजक, खिलाड़ी और फैंस सबकी नजर आसमान पर है, उम्मीद है कि IPL 2025 का पहला शो टाइम पर हो।
tej pratap singh
सितंबर 3 2025बारिश के पीछे सरकारी योजना छुपी है। मौसम विभाग की चेतावनी सिर्फ दर्शकों को घर से बर्नआउट से बचाने के लिए बनाई गई है। जब तक इंट्रानेट को लीक नहीं कर दिया जाता, कोई नहीं सुनेगा।