केंद्रीय बजट 2024, भारत सरकार के आर्थिक एवं वित्तीय योजनाओं का एक अहम हिस्सा है। बजट के माध्यम से सरकार अपने आगामी वित्त वर्ष के दौरान किये जाने वाले खर्चों और प्राप्तियों का खाका पेश करती है। ये बजट वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए तैयार किया गया है, जो 1 अप्रैल से शुरू होकर अगले साल 31 मार्च तक चलेगा।
बजट निर्माण प्रक्रिया
बजट निर्माण की प्रक्रिया बहुत ही जटिल और विस्तृत होती है। यह प्रक्रिया बजट पेश करने से लगभग छह महीने पहले शुरू होती है। सबसे पहले, वित्त मंत्रालय द्वारा विभिन्न सरकारी विभागों और मंत्रालयों से उनके प्रस्ताव और अपेक्षाएं मांगी जाती हैं। इन प्रस्तावों को गहन विश्लेषण के बाद बजट में शामिल किया जाता है।
इस दौरान, वित्त मंत्रालय पिछले वित्तीय वर्ष के प्रदर्शन का भी मूल्यांकन करता है। इसमें सरकार के आय-व्यय का विश्लेषण, विभिन्न योजनाओं और प्रोजेक्ट्स की समीक्षा, और जनसंख्या के विभिन्न हिस्सों की आवश्यकताओं का मुल्यांकन शामिल होता है।
विभिन्न स्तरों की भागीदारी
बजट निर्माण में सिर्फ सरकारी अधिकारियों की ही नहीं, बल्कि जनता और विभिन्न हितधारकों की भी भागीदारी होती है। वित्त मंत्रालय विभिन्न उद्योग संघों, व्यापारिक संगठनों और आम जनता से सुझाव और शिकायतें आमंत्रित करता है। इन सुझावों को बजट में शामिल करने का प्रयास किया जाता है, ताकि सभी का प्रतिनिधित्व हो सके।
इसके अतिरिक्त, आर्थिक विशेषज्ञों और वित्तीय विश्लेषकों की राय भी महत्वपूर्ण होती है। विभिन्न समितियों के माध्यम से इन विशेषज्ञों की राय ली जाती है और उसे बजट निर्माण में शामिल किया जाता है।
प्रमुख लक्ष्यों की पूर्ति
बजट का महत्वपूर्ण लक्ष्य होता है देश की आर्थिक स्थिरता को बनाए रखना और विकास को बढ़ावा देना। इसमें सरकार की विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं के लिए आवंटित राशि, राजस्व की प्राप्ति, और वित्तीय घाटे को नियंत्रित करने के उपाय शामिल होते हैं।
सरकार का कार्य है कि वह बजट के माध्यम से जनता की अपेक्षाओं को पूरा करे और विभिन्न आर्थिक चुनौतियों का सामना करे। इसके लिए वह निरंतर आर्थिक आंकड़ों का अध्ययन करती है और समय-समय पर नीतियों में बदलाव करती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले इस बजट में आर्थिक स्थिरता, रोजगार के अवसर, कृषि सुधार, और बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष ध्यान दिया जा सकता है।
वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य
इस बार का केंद्रीय बजट इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने 2024 के लोकसभा चुनावों में लगातार तीसरी बार जीत हासिल की है। इस नई सरकार के कार्यकाल के पहले बजट में क्या नई योजनाएं और प्राथमिकताएं होंगी, यह देखने लायक होगा।
चुनावी जीत के तुरंत बाद, सरकार के लिए यह बजट एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिसमें वह अपनी भावी योजनाओं और नीतियों को जनता के समक्ष प्रस्तुत कर सकती है। यह बजट नीति निर्धारण में सरकार की दीर्घकालिक सोच और रणनीति को प्रदर्शित करता है।
निर्मला सीतारमण ने फरवरी 1 को एक अंतरिम बजट को पेश किया था। चुनावों के कारण केन्द्रीय बजट में देरी हुई थी, लेकिन अब पूर्ण बजट जुलाई के आखिर में पेश किया जाएगा। इस नए बजट से जनता को बहुत उम्मीदें हैं, खासकर उन तबकों को जिनका आर्थिक संकट अब तक बरकरार है।
अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
सरकार के वार्षिक बजट का सीधा प्रभाव देश की आर्थिक स्थिति पर पड़ता है। यह बजट देश की वित्तीय स्थिरता, रोजगार के अवसर, और विभिन्न क्षेत्रों में विकास को प्रभावित करता है।
आर्थिक क्षेत्र में सुधार और निवेश को बढ़ावा देने के प्रयास इस बजट में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इसके अलावा, कृषि क्षेत्र के सुधार और ग्रामीण विकास के लिए विशेष योजनाएं घोषित की जा सकती हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि करना और ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का विकास करना होगा।
इसके साथ ही, शहरी क्षेत्रों में भी आधारभूत संरचना के विकास के लिए बजट में विशेष प्रावधान किये जा सकते हैं। स्मार्ट सिटी परियोजनाएं, मेट्रो नेटवर्क का विस्तार, और कौशल विकास की योजनाएं भी इस बजट में प्रमुखता से शामिल हो सकती हैं।
राजकोषीय संतुलन
सरकार का एक मुख्य उद्देश्य अपने राजकोषीय घाटा को नियंत्रित रखना होता है। इसके लिए वह विभिन्न उपायों का प्रयोग करती है जैसे कि कर सुधार, सरकारी आय में वृद्धि, और गैर-जरूरी खर्चों पर नियंत्रण। वित्तीय घाटे को नियंत्रित रखना महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह देश की क्रेडिट रेटिंग और निवेश के माहौल पर सीधा प्रभाव डालता है।
इस बार का बजट राजकोषीय संतुलन को बनाए रखने और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के प्रयासों का प्रतिबिंब हो सकता है। यह बजट विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं के लिए आवंटित राशि और राजस्व की प्राप्ति को सही तरीके से संपादित करते हुए तैयार किया गया है।
इस तरह, केंद्रीय बजट 2024 देश की आर्थिक स्थिरता और विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला है। निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत किये जाने वाले इस बजट पर पूरा देश निर्भीकता से नजरें बनाए हुए है। उम्मीद है कि यह बजट हर वर्ग और क्षेत्र के लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतरेगा और देश की आर्थिक प्रगति को एक नई दिशा देगा।
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