नबन्ना अभियान: आरजी कर अस्पताल दुष्कर्म-मर्डर मामले में ममता बनर्जी की इस्तीफे की माँग

नबन्ना अभियान: आरजी कर अस्पताल दुष्कर्म-मर्डर मामले में ममता बनर्जी की इस्तीफे की माँग

नबन्ना अभियान: ममता बनर्जी के इस्तीफे की माँग

पश्चिम बंगाल के राजनीति और सामाजिक स्थिति में एक नया मोड़ आया है। कोलकाता में नवगठित छात्र संगठन पश्चिमबंग चात्र समाज के नेतृत्व में नबन्ना अभियान के तहत एक विशाल विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया। इस विरोध प्रदर्शन में छात्रों ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के तत्काल इस्तीफे की माँग की है, खासकर आरजी कर अस्पताल में हुए दुष्कर्म और मर्डर के मामले पर सरकार की लापरवाही का आरोप लगाते हुए।

विरोध प्रदर्शन के माँग

छात्र समूह की मुख्य माँगें हैं: पीड़िता को न्याय, दोषी को फांसी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का इस्तीफा। छात्र संगठन ने इस घटना को बेहद संवेदनशील और न्यायिक प्रक्रिया में गंभीर त्रुटियों का परिणाम बताया है। छात्र नेता प्रबीर दास, जो रवींद्र भारती विश्वविद्यालय के मास्टर छात्र हैं, ने कहा कि इस तरह की घटनाएँ हमारी समाज की गहरी समस्याओं को दर्शाती हैं।

विरोध में भाग ले रहे प्रमुख छात्रों में प्रभात हलधर, जो कल्याणी विश्वविद्यालय से हैं, और सायन लाहिरी, जो रवींद्र मुक्त विश्वविद्यालय से हैं, शामिल हैं। इन छात्रों का कहना है कि सरकार की उदासीनता ने उन्हें इस बड़े कदम उठाने पर मजबूर किया है। स्पष्ट रूप से उन्होंने इस मामले पर न्याय और कड़े कदम उठाने की माँग की है।

सरकारी प्रतिक्रिया

विरोध प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) इस विरोध का समर्थन कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि विरोध के पीछे आरएसएस के संबंध हो सकते हैं। सीपीआई(एम) और कांग्रेस ने भी इस प्रदर्शन से दूरी बनाई है और आरोप लगाया कि संगठन में आरएसएस के लोग शामिल हैं।

कानूनी स्थिति और सुरक्षा इंतजाम

कोलकाता प्रशासन ने इस घटना पर कड़ा रवैया अपनाया है और नबन्ना मार्च को अवैध घोषित किया है। इसके बावजूद, छात्रों ने मार्च करने का फैसला किया है। पुलिस ने भारी तैनाती और सुरक्षा के इंतजाम किए हैं ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटनाओं से बचा जा सके।

टीएमसी ने बीजेपी नेताओं के हिंसा भड़काने के प्रयास का भी आरोप लगाया है और कुछ वीडियो जारी किए हैं, हालांकि उनकी प्रामाणिकता पर सवाल उठ रहे हैं। प्रवक्ता सायन लाहिरी ने सभी राजनीतिक जुड़ावों का खंडन किया है, जबकि शुभंकर हलदर ने स्वीकार किया कि वे RSS से जुड़े हैं।

इस पूरे घटनाक्रम ने राज्य में तनाव को बढ़ा दिया है और संभावित टकरावों की आशंका बनी हुई है। विरोध प्रदर्शन ने राज्य सरकार को सवालों के घेरे में ला दिया है और अगली प्रक्रिया पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं।

टिप्पणि (5)

Nitin Agarwal

Nitin Agarwal

अगस्त 28 2024

नबन्ना अभियान में छात्रों का हक़ीqat‑पूर्ण आवाज़ सुनना ज़रूरी है।

Ayan Sarkar

Ayan Sarkar

अगस्त 28 2024

यह आंदोलन सिर्फ एक स्थानीय मुद्दा नहीं बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा का प्रश्न है। पुलिस की कट्टरता और सरकार की निष्क्रियता को मिलाकर एक बड़े षड्यंत्र का जाल बुन रहा है। आरजी कर अस्पताल में हुई घटना को अस्वीकार करके विपक्षी पार्टियों को एक गहरी धुंध में ले जाया जा रहा है। टेंसर‑ड्राइव्ड डेटा दिखाता है कि इलेक्ट्रॉनिक निगरानी की मदद से कई अधिकारियों को नियंत्रित किया गया है। टीएमसी के बयान को देख कर स्पष्ट होता है कि वे बीजेज़ेड के सॉफ़्ट‑पावर को बढ़ावा दे रहे हैं। इस परिप्रेक्ष्य में सामाजिक आंदोलनों को एक रणनीतिक लीड‑जेनरेशन टूल माना जाना चाहिए। राइल‑ऐड जियोग्राफ़िकल प्रोफ़ाइलिंग से पता चलता है कि छात्र समूह में कई अनजान एजेंट छिपे हैं। कनेक्टेड‑डॉट्स के माध्यम से लीडरशिप को लापरवाही का आरोप देना एक सिम्युलेटेड पॉलिसी है। ममता बनर्जी का इस्तीावा मांगना एक प्रकट क्यू‑क्यू‑एल (कंस्ट्रक्टेड क्वालिटी लाइट) सिग्नल है। इस सिग्नल को नजरअंदाज करना अस्थिरता को फॉरएवर एन्हांस करेगा। मोर्चे पर फैंसले को फ्रेम करने वाले एल्गोरिथ्म्स एक एंटी‑डेमोक्रेसी मोड को एन्कोड कर रहे हैं। इसलिए यह सवाल नहीं कि न्याय चाहिए, बल्कि यह कि सिस्टम में ही त्रुटि कहाँ है। सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियों की बैक‑एंड मैट्रिक्स को डिकोड करके ही समाधान निकलेगा। जनता को जागरूक करने के लिए एक सिंगल‑साइडेड नरेटिव की ज़रूरत है। अंत में, यदि सरकार इस सच्चाई को नहीं मानती तो नागरिकों को स्व-नियंत्रित एक्शन लेना पड़ेगा।

Amit Samant

Amit Samant

अगस्त 29 2024

नबन्ना अभियान में छात्रों की पीड़ा को समझते हुए हमें संवेदनशीलता दिखानी चाहिए।
पीड़िता के लिए त्वरित और निष्पक्ष न्याय महत्त्वपूर्ण है।
सरकार को अपनी ज़िम्मेदारी पूरी करने के लिए सभी कानूनी प्रक्रियाओं को तेज करना चाहिए।
समाज के सभी वर्गों को मिलकर इस घटना की गहरी जड़ें खोजनी होंगी।
आशा है कि न्याय प्रणाली जल्द ही सच्चाई को सामने लाएगी।

Jubin Kizhakkayil Kumaran

Jubin Kizhakkayil Kumaran

अगस्त 29 2024

देश की एकता को खतरे में डालने वाली ये बयानों को हम अस्वीकार करते हैं।
राष्ट्रवादी भावना को कोई भी राजनीति का खेल नहीं बनाना चाहिए।
इस तरह के मंच पर केवल सच्ची स्वायत्तता ही आवश्यक है।

tej pratap singh

tej pratap singh

अगस्त 29 2024

ऐसे झूठे आरोप बनाकर सामाजिक शांति को बिगाड़ना अनैतिक है।
इन्हें तुरंत रोकना चाहिए।

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