ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाकिस्तान संघर्षविराम: ट्रंप की मध्यस्थता से बनी शांति

ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाकिस्तान संघर्षविराम: ट्रंप की मध्यस्थता से बनी शांति

ऑपरेशन सिंदूर: आतंकी हमले का जवाब और सैन्य तैयारियों की झलक

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को फिर भड़का दिया। भारत ने इस हमले के लिए सीधे पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया और तेज़ प्रतिक्रिया देने का फैसला किया। इस बार भारतीय सेना ने भारत-पाकिस्तान संघर्षविराम से पहले 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत सटीक और सीमित दायरों में कार्रवाई की। इस ऑपरेशन में राफेल फाइटर जेट्स की तैनाती खास चर्चा में रही। भारतीय नौसेना भी हरकत में आ गई थी। बॉर्डर पर अतिरिक्त फोर्सेज को तैनात किया गया। वहीं, पाकिस्तान ने हमले में अपनी किसी भी तरह की भूमिका से इनकार किया, लेकिन सैन्य स्तर पर उसके यहां भी हलचल रही।

आप को बता दें कि कश्मीर भारत-पाकिस्तान के बीच दशकों से विवादित इलाका रहा है। यहां अक्सर सीजफायर के उल्लंघन, आतंकी घुसपैठ, और दोनों तरफ से गोलीबारी की घटनाएं देखने को मिलती हैं। इस बार हालात इतने तनावपूर्ण हो गए कि स्थानीय इलाकों में अफरा-तफरी फैल गई। लोगों ने घरों में पनाह ली, कई इलाकों में स्कूल-कॉलेज बंद किए गए, और मोबाइल नेटवर्क पर भी आंशिक रोक लगाने की खबरें आईं।

अंतरराष्ट्रीय दबाव और ट्रंप की 'Truth Social' पर एंट्री

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दोनों परमाणु संपन्न देशों के बीच तनाव तेजी से बढ़ता गया। इस पूरे घटनाक्रम पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें टिकी रहीं। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थ भूमिका यहां अचानक सुर्खियों में आ गई। ट्रंप ने खुद अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'Truth Social' पर संघर्षविराम की घोषणा करते हुए कहा कि उन्होंने दोनों देशों के नेताओं से सीधे बात की और तनाव कम करने के उपाय सुझाए। स्वाभाविक है, ट्रंप का यह दावा चर्चा का विषय बना रहा, लेकिन पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने भी इस समझौते की पुष्टि करते हुए क्षेत्र में स्थिरता को प्राथमिकता देने की बात कही।

वहीं, भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह लगातार हालात पर नजर बनाए हुए थे। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ ने भी क्षेत्रीय सुरक्षा और संप्रभुता पर समझौते को स्वीकृति दी। इस संघर्षविराम के दौरान जम्मू-कश्मीर और पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में मकानों व सड़कों के नुकसान की खबरें मिलीं, लेकिन सरकार की ओर से सैटेलाइट इमेज या अन्य ठोस विवरण सामने नहीं आया। स्थानीय प्रशासन ने राहत और पुनर्निर्माण पर काम शुरू कर दिया है।

कश्मीर घाटी में हालात पिछले चार दिनों में जिस तेजी से बिगड़े थे, उसी तेजी से ट्रंप की मध्यस्थता के बाद संघर्षविराम की घोषणा ने अस्थाई राहत दी है। हालांकि दोनों देशों के बीच अविश्वास और तनाव की पुरानी कहानी बार-बार ऐसे हालात पैदा कर देती है। इस पूरे मामले ने एक बार फिर पूरे दक्षिण एशिया में अशांति और स्थिरता के बीच की महीन लकीर को उजागर कर दिया है।

एक टिप्पणी लिखें