जब भारत मौसम विभाग (IMD) ने 6 अक्टूबर 2025 को ऑरेंज अलर्ट जारी किया, तो हिमाचल प्रदेश के कई शहरों में मौसम की स्थिति अचानक नाटकीय हो गई। इस अलर्ट में चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मनाली, सिरMaur और लाहौल‑स्पीति जिलों को भारी वर्षा, गरज‑तूफान और 40‑50 किमी/घंटा तक की तेज़ हवाओं की चेतावनी देना पड़ा। उसी शाम को धौलाधर पहाड़ों में इस वर्ष की पहली बर्फ़बारी देखी गई, जिससे तापमान में अचानक गिरावट आई।
पश्चिमी व्यवधान क्यों आया?
वास्तव में, एक तेज़ पश्चिमी व्यवधाननॉर्थवेस्ट इंडिया ने अक्टूबर के पहले हफ्ते में पूरे उत्तर‑पश्चिम भारत को घेर लिया था। समुद्र‑तट से अरब सागर और बंगाल की खाड़ी दोनों से लवरेज नमी ऊपर की ओर उठती रही, जिससे हिमाचल प्रदेश में गीले‑गर्म वायु परतें बना। इस नमी‑समृद्ध प्रवाह ने 4‑7 अक्टूबर के बीच लगातार भारी वर्षा को बढ़ावा दिया।
हिमाचल में तापमान और वर्षा का विस्तृत आँकड़ा
- तमाम जिलों में न्यूनतम तापमान 3.1°C (टाबो) से 10°C (कुफ़री और नरकंदा) तक गिरा।
- उच्चतम तापमान अधिकांश निचले क्षेत्रों में 27‑32°C के बीच रहा, जबकि ऊँचे इलाकों में 0‑25°C के बीच बदलता रहा।
- गुज़रते हुए 6 घंटे में कुछ स्थानों पर बारिश की मात्रा 40‑50 मिमी तक दर्ज हुई।
- हवा की गति कई जगह 30‑61 किमी/घंटा तक बढ़ी, विशेषकर रेकॉन्ग्पेओ, टाबो, बिलासपुर में।
- हिमाचली राजधानी शिमले में झड़के और हरी‑बिजली की रोशनी देखी गई।
स्थानीय अधिकारी और मौसम विज्ञानी की राय
डॉ. अंजना सिंह, वरिष्ठ मौसम विज्ञानी, भारत मौसम विभाग ने कहा, "यह पश्चिमी व्यवधान का दुष्परिणाम है जो इस समय सबसे अधिक नमी ले कर आया है। यदि सावधान नहीं रहे तो कई जगह बाढ़, जलभराव और ट्रैफिक जाम हो सकते हैं।" उन्होंने साथ ही कहा कि अगले दो दिनों में हल्के से मध्यम बारिश के साथ ठंडे हवाओं की संभावना बनी रहेगी।
पर्यटकों और स्थानीय लोग के लिए चेतावनी
धूमधाम से चल रहे पर्यटन सीजन को अब अलर्ट का असर महसूस हो रहा है। डहरामसला, मनाली, स्पीति जैसे पर्यटक स्थल में होटल व पर्यटन गाइडों ने विशेष सलाह जारी की है: "भारी बौछार, बर्फ़बारी और तेज़ हवाओं के कारण ट्रैकिंग और रोड ट्रिप में रुकावटें हो सकती हैं। यदि यात्रा अनिवार्य हो तो सुरक्षित मार्गों का चयन करें और स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों का पालन करें।"
आगामी दिनों में क्या उम्मीद रखें?
IMD ने कहा कि 7 अक्टूबर तक बारिश की संभावना बनी रहेगी, लेकिन तीव्रता में हल्का गिरावट आएगी। 8‑15 अक्टूबर के बीच प्रदेश में औसतन 8‑15 दिनों तक बारिश हो सकती है, जिससे पूरे महीना गीला रह सकता है। जल निकायों में जल स्तर में वृद्धि का जोखिम बढ़ेगा, इसलिए बाढ़‑प्रवण क्षेत्रों में पुनः‑निर्माण या निपटान के उपाय तेज़ी से लागू किए जाने की जरूरत है।
मुख्य तथ्य (Key Facts)
- ऑरेंज अलर्ट की तिथि: 6 अक्टूबर 2025
- प्रभावित प्रमुख जिलें: चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मनाली, सिरMaur, लाहौल‑स्पीति
- पहली बर्फ़बारी: धौलाधर रेंज में
- सबसे कम तापमान: टाबो – 3.1°C
- वायुमंडलीय गति: 30‑61 किमी/घंटा (स्थानीय स्तर पर)
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
यह ऑरेंज अलर्ट स्थानीय किसानों को कैसे प्रभावित करेगा?
भारी बरसात और तेज़ हवाएं फसल के पैदावार को नुकसान पहुँचा सकती हैं, विशेषकर धान और गेहूं के बिचौनी चरण में। कई क्षेत्रों में जलभराव की आशंका है, इसलिए किसानों को शीघ्र ही अतिरिक्त निकासी व्यवस्था करना और फसल को सुरक्षित रखने के लिए तिरछे बंज़र लगाना आवश्यक होगा।
पर्यटकों को किस प्रकार की तैयारी करनी चाहिए?
पर्यटकों को वाटरप्रूफ़ जैकेट, गर्म कपड़े और उचित जूते साथ रखें। यात्रा से पहले स्थानीय मौसम अपडेट देखें और यदि संभव हो तो बर्फ़बारी वाले ट्रैक से बचें। आपातकालीन संपर्क और निकासी मार्गों की जानकारी पहले से रखनी चाहिए।
पश्चिमी व्यवधान क्या है और यह कब तक रहेगा?
पश्चिमी व्यवधान एक मौसमी वायुमंडलीय प्रणाली है जो मध्य‑पश्चिमी यूरोप से ग्रीष्मकालीन एशिया तक यात्रा करती है, साथ ही ठंडा वायु प्रवाह और नमी ले आती है। इस वर्ष का व्यवधान 4‑7 अक्टूबर के बीच सबसे तीव्र रहा और अब धीरे‑धीरे घट रहा है, परन्तु अगले 48‑72 घंटों में स्थानीय बारिश जारी रह सकती है।
क्या बर्फ़ की बारी से खतरा है?
धौलाधर रेंज में पहले बर्फ़ की बारी के कारण कुछ हाईवे पर फिसलन वाली सड़कों की रिपोर्ट आई है। भारी बर्फ़बारी अभी भी उच्च ऊँचाई वाले क्षेत्रों में जारी है, जिससे ट्रैकिंग मार्ग बंद हो सकते हैं और स्थानीय निवासियों को हीटिंग सिस्टम की जरूरत पड़ेगी।
सड़क एवं हवाई यातायात पर किस तरह का असर पड़ेगा?
भारी बारिश और तेज़ हवाओं के कारण कई राष्ट्रीय राजमार्गों पर जलभराव और अस्थायी बंदी की संभावना है। शिमला हवाई अड्डे पर भी धुएँ के कारण उड़ानों में देरी हो सकती है, इसलिए यात्रियों को बोर्डिंग समय से पहले अपडेट चेक करने की सलाह दी जाती है।
Mohammed Azharuddin Sayed
अक्तूबर 6 2025ऑरेंज अलर्ट के बाद शिमला और कांगड़े के आसपास तेज़ हवाओं ने कई पेड़ों को झटका दिया है। हवा की गति 55 किमी/घंटा तक पहुंची, जिससे सड़क पर धूलभरी धुनी बनी रही। बरसात की तीव्रता 40‑50 मिमी प्रति घंटा दर्ज की गई, जिससे निचली इलाकों में जलभराव की स्थिति बन गई। बर्फ़बारी से तापमान में अचानक गिरावट आई, विशेषकर धौलाधर रेंज में। ग्रामीण इलाकों में फसल की रक्षा के लिए अतिरिक्त ड्रेनेज व्यवस्था अब जरूरी है।