पहल्गाम आतंकी हमला: कुमार विश्वास ने धार्मिक आधार पर निशाना बनाने को बताया मानवता पर धब्बा

पहल्गाम आतंकी हमला: कुमार विश्वास ने धार्मिक आधार पर निशाना बनाने को बताया मानवता पर धब्बा

पहल्गाम आतंकी हमला: धार्मिक पहचान पर हमला, देशभर में गुस्सा

जम्मू कश्मीर के टूरिस्ट हॉटस्पॉट पहल्गाम में हाल ही में जो आतंकी हमला हुआ, उसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में 26 लोगों की दर्दनाक मौत हुई, जिनमें ज्यादातर हिन्दू पर्यटक थे। हमले के बाद से ही देशभर में आक्रोश है—और खुद कुमार विश्वास ने इसे मानवता के लिए सबसे बड़े खतरे के रूप में बताया है।

कुमार विश्वास ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'आतंकियों ने पीड़ितों की धार्मिक पहचान पूछकर उनकी जान ले ली। ये महज दहशतगर्दी नहीं, बल्कि इंसानियत और धार्मिक सौहार्द को सीधा-सीधा चुनौती देना है।' उनकी बातों से साफ था कि वह केवल हमले को नहीं, बल्कि इसके पीछे छिपी मानसिकता को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। इसका असर पूरे देश में महसूस किया गया, क्योंकि ये मामला सिर्फ कानून व्यवस्था पर सवाल नहीं उठाता, बल्कि सामाजिक ताने-बाने पर भी गहरा वार करता है।

सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल, सरकार पर दबाव

सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल, सरकार पर दबाव

पहल्गाम जैसे पर्वतीय पर्यटन स्थल पर जब हमला हुआ तो लोगों को सबसे बड़ा झटका सुरक्षा व्यवस्था को लेकर लगा। देश के अलग-अलग हिस्सों से पर्यटक जम्मू कश्मीर घूमने आते हैं—उनकी सुरक्षा किस हद तक खतरे में है, ये सवाल बार-बार उठ रहा है। कुमार विश्वास खुलकर बोले, 'पर्यटकों की इतनी बड़ी संख्या में मौजूदगी देखकर भी सुरक्षा घेरा क्यों नाकाम हुआ?' उन्होंने सरकार से घटना की उच्चस्तरीय जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।

इस बार आतंकी संगठन का तरीका भी हैरान करने वाला रहा—उनका निशाना चुनकर मारना, वो भी धार्मिक पहचान जानने के बाद। ऐसे में आम लोगों के मन में डर घर कर गया है कि क्या कश्मीर में अब भी उनकी जान महफूज है? स्थानीय लोग इस घटना के बाद और ज्यादा डरे हुए हैं, जबकि कई पर्यटकों ने अपनी ट्रैवल योजनाएं रद्द कर दी हैं। इस बीच पुलिस और सेना ने सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया है ताकि आरोपियों को जल्द पकड़ा जा सके।

सरकार पर दबाव लगातार बढ़ रहा है। विपक्ष और अन्य राजनीतिक दलों ने भी एक सुर में इस हत्याकांड की निंदा की है। कई नेताओं ने मांग की है कि केंद्र सरकार तुरंत ठोस कदम उठाए, ताकि इस तरह के हमले दोबारा न हों। जम्मू कश्मीर राज्य प्रशासन भी अब सुरक्षा रणनीति नए सिरे से बनाने की बात कर रहा है।

  • पहल्गाम हमले में 26 की मौत, टूरिस्ट्स में खौफ
  • घटना के बाद इलाके में सख्त कर्फ्यू, सेना का ऑपरेशन जारी
  • राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने फौरन एक्शन की मांग की
  • सरकार पर सुरक्षा चूक को लेकर बड़ा दबाव

हालात को देख बहुत साफ है कि ऐसी घटनाएं केवल एक समुदाय या क्षेत्र तक सीमित नहीं हैं—पूरा देश खुद को इससे जुड़ा महसूस करता है। सुरक्षा और सामाजिक एकता दोनों की जिम्मेदारी एक साथ खड़ी हो गई है।

एक टिप्पणी लिखें