पेरिस 2024 पैरालंपिक्स दिवस 5: भारतीय ध्वज लहराते हुए 15वें स्थान पर, तीन स्वर्ण पदक जीतकर चमका

पेरिस 2024 पैरालंपिक्स दिवस 5: भारतीय ध्वज लहराते हुए 15वें स्थान पर, तीन स्वर्ण पदक जीतकर चमका

पेरिस 2024 पैरालंपिक्स में भारत की चमक

पेरिस 2024 पैरालंपिक्स का पांचवा दिन भारतीय खेल प्रशंसकों के लिए गर्व का क्षण बनकर आया। भारत ने अब तक तीन स्वर्ण पदक जीतते हुए कुल सात पदकों के साथ आकर्षक प्रदर्शन किया है और सामान्य सूचकांक में 15वें स्थान पर पहुंच गया है। दुनिया भर से आए 4,400 एथलीटों के बीच, भारत का यह प्रदर्शन सराहनीय है। महत्वपूर्ण बात यह है कि यह पदक सिर्फ संख्या नहीं हैं, बल्कि इनके पीछे कई संघर्षों और मेहनत की कहानियाँ हैं।

भारतीय पदक विजेताओं का प्रदर्शन

सुमित अंतिल ने पुरुषों की जेवलिन थ्रो एफ64 स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर सभी को प्रभावित किया। यह उनका पैरालंपिक्स में तीसरा स्वर्ण पदक है, जो उनके दृढ़ संकल्प और बेहतरीन तकनीक का परिचायक है। इसी तरह, अवनी लेखरा ने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच1 श्रेणी में स्वर्ण पदक जीतकर भारतीय ध्वज और ऊँचा किया।

इसके अलावा, मोना अग्रवाल ने इसी स्पर्धा में कांस्य पदक जीता। मनीष नरवाल ने पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच1 स्पर्धा में रजत पदक जीता, जबकि रूबिना फ्रांसिस ने महिला 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच1 स्पर्धा में कांस्य पदक जीता। प्रीति पाल ने महिलाओं की 200 मीटर टी35 स्पर्धा में कांस्य पदक जीता और निशाद कुमार ने पुरुषों की हाई जंप टी47 फाइनल में रजत पदक जीता। इन पदकों के माध्यम से भारतीय खिलाड़ियों ने अपनी क्षमताओं का शानदार प्रदर्शन किया है।

पैरालंपिक्स 2024 में शीर्ष देश

पेरिस 2024 पैरालंपिक्स में चीन ने हमेशा की तरह अपने दबदबे को बनाए रखा है और 42 स्वर्ण पदकों समेत कुल 71 पदक जीते हैं। इसके साथ ही, ग्रेट ब्रिटेन 23 स्वर्ण और 43 कुल पदकों के साथ दूसरे स्थान पर है। अमेरिका ने 8 स्वर्ण और 27 कुल पदकों के साथ तीसरे स्थान पर कब्जा जमाया है।

इस पैरालंपिक्स आयोजन में विभिन्न खेल स्पर्धाओं में दुनिया भर के खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। कुल मिलाकर 549 मेडल इवेंट्स में प्रतिस्पर्धा हो रही है, जो कि 22 खेलों के बीच वितरित हैं। भारत जैसे विकासशील देश के लिए इस मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराना और पदक तालिका में अच्छा प्रदर्शन करना गर्व की बात है।

आगे की चुनौतियाँ और उम्मीदें

भारत के खिलाड़ियों का यह प्रदर्शन दिखाता है कि यदि सही दिशा और समर्थन मिले, तो भारतीय पैरा-एथलीट्स किसी से पीछे नहीं हैं। अब हमें इन खिलाड़ियों से और भी ज्यादा उम्मीदें हैं कि वे आने वाले दिनों में और भी पदक जीतकर देश का गौरव बढ़ाएंगे। भारत के खेल मंत्रालय और विभिन्न खेल संघों को अब इन खिलाड़ियों को और अधिक समर्थन और ट्रेनिंग सुविधाएं उपलब्ध कराने की आवश्यकता है, जिससे आने वाले समय में भारत को और भी अधिक मौकों पर गर्व हो सके।

इस वर्ष का पैरालंपिक्स न केवल एक खेल महोत्सव है, बल्कि यह हमें सिखाता है कि मेहनत और दृढ़ संकल्प के साथ किसी भी कठिनाई को पार किया जा सकता है। भारतीय खिलाड़ियों ने हमें यह साबित करके दिखाया है कि यदि सही प्रोत्साहन मिले, तो वे किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं और अपनी मंजिल तक पहुँच सकते हैं।

समाप्ति और निष्कर्ष

पेरिस 2024 पैरालंपिक्स के पाँचवे दिन तक का यह सफर भारतीय खेल इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय है। चीन के प्रबल नेतृत्व में ग्रेट ब्रिटेन और अमेरिका के साथ कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच भारत का 15वें स्थान पर आना एक बड़ी उपलब्धि है। हमें अपने खिलाड़ियों पर गर्व है और आने वाले दिनों में उनके और भी शानदार प्रदर्शन की उम्मीदें हैं।

यह पैरालंपिक्स हमें यह भी सिखाता है कि खेल सिर्फ एक प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि प्रेरणा और आत्मविश्वास का स्रोत है। हमारे खिलाडी हमें यह पीढ़ियाँ दर पीढ़ियाँ याद दिलाते रहेंगे कि अदम्य इच्छाशक्ति और संघर्ष से जीत हमेशा हमारी हो सकती है।

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