इंदिरा गांधी की जयंती पर श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीमती इंदिरा गांधी की 107वीं जयंती के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इंदिरा गांधी, जो भारत की पहली और एकमात्र महिला प्रधानमंत्री हैं, की आज भी भारतीय राजनीति में एक प्रभावशाली व्यक्तित्व के रूप में पहचान बनी हुई है। उनका जन्म 19 नवंबर, 1917 को हुआ था और उन्होंने 1966 से 1977 तक तथा फिर 1980 से अपनी हत्या तक, 1984 में, भारत के प्रधानमंत्री के रूप में सेवा की। उन्हें एक सशक्त और निर्णायक नेता के तौर पर याद किया जाता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर इंदिरा गांधी को नमन करते हुए कहा, 'हमारी पूर्व प्रधानमंत्री, श्रीमती इंदिरा गांधी जी को उनकी जयंती पर नमन।' इस श्रद्धांजलि के पीछे एक गहरी भावना थी जो इंदिरा गांधी की अपने समय की उत्कृष्ट उपलब्धियों और नीतियों को ध्यान में रखते हुए दी गई थी।
इंदिरा गांधी का राजनीतिक योगदान
इंदिरा गांधी की प्रधानमंत्री के रूप में सेवा अवधि को कई ऐतिहासिक और साहसिक निर्णयों के लिए जाना जाता है। उन्होंने भारत को एक सशक्त राष्ट्र बनाने की दिशा में कई अहम कदम उठाए, जिनमें से एक था 'हरित क्रांति', जिसके माध्यम से उन्होंने देश के कृषि उत्पादन को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। यह कदम भारतीय कृषि को नई पहचान देने वाला साबित हुआ। उन्होंने न केवल देश की खाद्य सुरक्षा को मजबूत किया, बल्कि युवा किसानों को भी प्रेरित किया।
इसके अतिरिक्त, इंदिरा गांधी ने भारत को एक स्वतंत्र राष्ट्र की पहचान दिलाने हेतु गुटनिरपेक्ष आंदोलन में भारत का नेतृत्व किया। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि भारत का स्वरूप एक ऐसा हो जो बाहरी दबावों से मुक्त हो और उसकी स्वतंत्र नीति बनाई जा सके।
इंदिरा गांधी की विरासत
श्रीमती गांधी का कार्यकाल भले ही विवादों से घिरा रहा हो, लेकिन उन्होंने जो नीतिगत प्राथमिकताएं तय कीं, उन्होंने लंबे समय तक भारतीय राजनीति और समाज पर प्रभाव डालना जारी रखा। उनकी आर्थिक नीतियों ने भारत को एक नई दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह अपने साहस और दृढ़ निश्चय के लिए जानी जाती थीं और उनके आलोचक भी उनके अद्वितीय नेतृत्व गुणों का सम्मान करते हैं।
राष्ट्र की श्रद्धांजलि और स्मृतियां
इंदिरा गांधी की जयंती पर कांग्रेस पार्टी ने भी उन्हें याद किया और कहा कि वह साहस और स्थिरता का प्रतीक थीं। उनके पोते राहुल गांधी ने भी अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा किए और कहा कि उनकी दादी साहस और प्रेम का प्रतीक थीं। राहुल गांधी ने अपनी और इंदिरा गांधी की पुरानी तस्वीरें साझा कीं जो उनकी यादों को ताजा करती हैं।
इंदिरा गांधी की जयंती आज एक अवसर है जब पूरा राष्ट्र उनके असाधारण योगदान का स्मरण करता है। उनकी नीतियों और नेतृत्व ने भारत को एक मजबूत और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने में मदद की और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा देने का काम किया।
इंदिरा गांधी के योगदान की नई दिशा
वर्तमान समय में, जब हम पीछे मुड़कर देखते हैं, तो यह स्पष्ट होता है कि इंदिरा गांधी का राजनीतिक योगदान आज भी प्रासंगिक है। उन्होंने सामाजिक सुधारों को एक नई गति देते हुए समाज के पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए काम किया। यही कारण है कि उनके योगदान को आज भी सम्मान और प्रेरणा के साथ देखा जाता है।
इंदिरा गांधी का जीवन और उनका नेतृत्व एक विस्तृत कैनवास के समान है, जिसमें हर रंग व्यवस्था और विचारों की गहरी छाप छोड़ता है। उनके अदम्य साहस ने उन्हें भारतीय राजनीति में एक अनूठा स्थान दिलाया, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता।
Amit Bamzai
नवंबर 19 2024इंदिरा गांधी की जयंती पर मोदी जी का नमन पढ़कर मैं बहुत भावुक हो गया। उनका इतिहास हमारे राष्ट्रीय आत्मविश्वास में गहराई तक समा गया है। उन्होंने हरित क्रांति को आगे बढ़ाया जिससे किसानों की जिंदगी बदल गई। उन्होंने गुटनिरपेक्षता के सिद्धांतों को दृढ़ता से लागू किया। उनका दृढ़ निश्चय आज भी नीति निर्माताओं को प्रेरित करता है। इंदिरा जी की राजनीतिक दृढ़ता को समझना कठिन नहीं है। वह समय के साथ चलते रहे और चुनौतियों का सामना करते रहे। उनका योगदान कृषि, विदेश नीति और सामाजिक सुधार में उल्लेखनीय है। वह महिला नेतृत्व की शक्ति को प्रदर्शित करती थीं। उनके निर्णयों का प्रभाव आज भी हमारी आर्थिक रणनीतियों में देखा जाता है। मैं मानता हूँ कि उनका आदर्श हमें आत्मनिर्भरता की ओर ले जाता है। उनका साहस और दृढ़ता नई पीढ़ियों को प्रेरित करती है। मैं उनके योगदान को न केवल स्मरण करता हूँ बल्कि उसकी सीख अपनाने का प्रयास भी करता हूँ। इस नमन में मोदी जी का इरादा इंदिरा गांधी के विजन को आगे बढ़ाना था। यह नज़रिया हमारे भविष्य के निर्माण में सहायक हो सकता है। अंत में, मैं आशा करता हूँ कि हम उनके सिद्धांतों को जीवंत रखें।