पूर्व RBI गवर्नर शक्तिकांत दास बने पीएम मोदी के प्रधान सचिव-2

पूर्व RBI गवर्नर शक्तिकांत दास बने पीएम मोदी के प्रधान सचिव-2

शक्तिकांत दास की नई ज़िम्मेदारी

पूर्व RBI गवर्नर शक्तिकांत दास की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव-2 के रूप में नियुक्ति न केवल एक महत्वपूर्ण कदम है बल्कि भारतीय प्रशासनिक सेवा और आर्थिक नीति के तहत ऋणी की निरंतरता को भी दर्शाता है। शक्तिकांत दास, जो 1980 बैच के IAS अधिकारी हैं, ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान देश की आर्थिक चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया।

COVID-19 महामारी के दौरान, दास ने भारतीय अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए कई निर्णायक मौद्रिक नीतियों को लागू किया। उनकी रणनीतियों ने ना केवल सरकारी सर्कल्स में बल्कि वित्तीय संस्थाओं में भी उन्हें मान्यता दिलाई। संकट प्रबंधन में उनकी दक्षता और निर्णायक नीतियां सरकार के लिए विशेष महत्वपूर्ण मानी जाती हैं।

अर्थव्यवस्था में रणनीतिक सलाह

प्रधान सचिव-2 के रूप में, शक्तिकांत दास अब आर्थिक और वित्तीय मामलों में प्रधानमंत्री कार्यालय को रणनीतिक सलाह देंगे। उनकी नियुक्ति मोदी के वर्तमान कार्यकाल के साथ-साथ होगी या अगले आदेश तक जारी रहेगी। इससे पता चलता है कि आर्थिक नीति नेतृत्व में एक ठोसता और निरंतरता सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है।

यह नियुक्ति भी यह सूचित करती है कि सरकार आर्थिक विकास और सुधार की दिशा में एक स्थायी दृष्टिकोण बना रही है, जहां पूर्व अनुभव और कार्यक्षमता का उपयोग नए और चुनौतियों भरे समय में किया जा सके। दास का अनुभव सरकार की निर्णय लेने की प्रक्रिया को मजबूत करेगा, खासकर उन समयों में जब अर्थव्यवस्था को बहाल करने की आवश्यकता होती है।

टिप्पणि (10)

Jubin Kizhakkayil Kumaran

Jubin Kizhakkayil Kumaran

फ़रवरी 26 2025

शक्तिकांत दास की नियुक्ति सिर्फ एक राजनैतिक चाल है, आर्थिक ज्ञान का सवाल ही नहीं उठता।

tej pratap singh

tej pratap singh

फ़रवरी 27 2025

वित्तीय नीतियों को सिंगल पार्टी लीडरशिप से जोड़ना सही नहीं, यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करता है।

Chandra Deep

Chandra Deep

मार्च 1 2025

दास का अनुभव वास्तव में उपयोगी हो सकता है।
उन्होंने RBI के समय कई संकट संभालें।
प्रधान सचिव‑2 की भूमिका में वह आर्थिक स्थिरता की दिशा में एक स्पष्ट मार्ग दे सकते हैं।
सरकार को इस अवसर को बर्बाद नहीं करना चाहिए।

Mihir Choudhary

Mihir Choudhary

मार्च 2 2025

बिलकुल सही कहा तुमने! 🌟 दास को इस नए पद पर देखना भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक ऊर्जा का संचार है।
आगे बेहतर नीतियों की आशा है! 🚀

Tusar Nath Mohapatra

Tusar Nath Mohapatra

मार्च 3 2025

वाह, ऐसा लगता है कि अब सब कुछ सुनहरा हो जाएगा, जैसे हर समस्या का समाधान सोने की बनी हुई चाबी से खुल जाएगा। 🙄

Ramalingam Sadasivam Pillai

Ramalingam Sadasivam Pillai

मार्च 4 2025

मौन में भी गहराई छुपी होती है; अगर हम सतही सोच से परे देखें तो दास की निपुणता वास्तविक दिशा तय कर सकती है।

Ujala Sharma

Ujala Sharma

मार्च 6 2025

जैसे ही समय आएगा, लोग देखेंगे कि यह नियुक्ति सिर्फ इंट्रूज़न नहीं बल्कि एक स्थायी ब्यूचरिस्टिक कदम है।

Vishnu Vijay

Vishnu Vijay

मार्च 6 2025

सभी का विचार सम्मानजनक है, चलो मिलकर इस परिवर्तन को सकारात्मक रूप में देखते हैं। 😊

Aishwarya Raikar

Aishwarya Raikar

मार्च 8 2025

सरकार की हर चाल के पीछे कोई बड़ा नखली योजना जरूर छिपी होती है, दास को इस पद पर रखना भी एक गुप्त एलायंस का हिस्सा लग रहा है।

Arun Sai

Arun Sai

मार्च 9 2025

प्रमुख सचिव‑2 के पद पर शक्ति‑कांत दास का अभ्युपस्थिति मैक्रोइकोनॉमिक गवर्नेंस में एक स्ट्रैटेजिक इंटरसेक्शन प्रस्तुत करता है।
वर्तमान फाइनेंशियल कंटेजेंसी फ्रेमवर्क में उनका इनपुट फेडरल रिज़र्व वर्ल्ड बैंक के डेटासेट्स के साथ सिमिलरिटी एनालिसिस को रिफ़ाइन कर सकता है।
डिजिटल एसेट एल्यूसन और ब्लॉकचेन इंटीग्रेशन की रोडमैप में उनका योगदान सिस्टमिक रिस्क मॉडेलिंग को एप्लिकेबल बनाता है।
बाजार की लिक्विडिटी प्रेशर को एग्जीक्यूटिव एक्शन के साथ स्यंकरेट करने में उनकी नीतियों की एग्ज़ीक्यूटेबलिटी महत्वपूर्ण है।
स्टेबलकोइन रेगुलेशन के तहत कंट्रोल की परिप्रेक्ष्य में उनका दृष्टिकोण रेगुलेटरी कैपेबिलिटी को एन्हांस कर सकता है।
वित्तीय इन्फ्रास्ट्रक्चर की रेज़िलिएन्स को बूस्ट करने के लिए उनका स्ट्रक्चरल रिफ़ॉर्म एक कुशाग्रली क्वांटिफाइड फ्रेमवर्क बनाता है।
ग्लोबल इंटरेस्ट रेट मोमेंटम के परिप्रेक्ष्य में उनकी पॉलिसी एजेंडा को मैक्रोप्रूडेंशियल टूल्स के साथ अलाइंड किया जा सकता है।
कंटिजेंसी प्लानिंग में उनका एंबेडेड एप्रोच रिस्क ट्री एनालिसिस को ऑप्टिमाइज़ करता है।
अंतर्मुखी फिस्कल डिसिप्लिन और एक्सटर्नल बोर्रोइंग कॉस्ट्स के बीच बैलेन्स उन्हें एक स्ट्रैटेजिक लीवर बनाता है।
डाटा‑ड्रिवेन डिसीजन मेकिंग में उनके विज़न को इंटेग्रेट करने से पॉलिसी इम्प्लीमेंटेशन का टाइम‑टू‑मार्केट घटता है।
एम्प्लॉई एंगेजमेंट और टैलेंट मैनेजमेंट में उनका एप्रोच क्लोसींग लूप फीडबैक मेकैनिज़्म को सॉलिडिफाई करता है।
इकोनॉमिक वैल्यू एडिशन में उनका योगदान इन्फ्लेशन टारगेटिंग को हॉलिस्टिक पर्सपेक्टिव से रीफ़्रेम करता है।
सतत विकास लक्ष्यों के साथ पॉलिसी कॉननर्ज़ी को एन्कर करने में उनका फोकस बायो‑इकोनॉमिक्स को फाइनेंशियल इंटेग्रेशन में लाता है।
इन सब पहलुओं को एकीकृत करने से न केवल फ़ैशनिंग इकोनॉमी बल्कि एक रेज़िलिएंट फाइनेंसियल इकोसिस्टम का निर्माण होता है।
संक्षेप में, दास की नियुक्ति एक सेंट्रल पिवट पॉइंट बन सकती है जो माइक्रो‑मेक्रो इकॉनॉमिक डायलॉज़ को सिंक्रोनाइज़ करती है।

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