जब हम बैटरी लाइफ़, डिवाइस की बैटरी एक पूर्ण चार्ज से कितने समय तक चलती है, इसे कहते हैं. Also known as Battery Life, it directly impacts how often you reach for a charger.
अधिकांश स्मार्टफोन आज लिथियम‑आयन बैटरी, ऊर्जा घनत्व और लंबी जीवनकाल के कारण प्रमुख चयन है. यह बैटरी प्रकार चार्ज‑डिस्चार्ज साइकिल को संभालता है, लेकिन ठीक से नहीं इस्तेमाल किया तो जीवन कम हो सकता है। इसलिए बैटरी लाइफ़ को समझना और सुधारना जरूरी है।
पहला कारक पावर मैनेजमेंट, ऑपरेटिंग सिस्टम और ऐप्स द्वारा बैटरी उपयोग को नियंत्रित करने की विधि है। पावर मैनेजमेंट सेटिंग्स में स्क्रीन टाइमआउट घटाना, बैकलाइट कम करना, और बैकग्राउंड ऐप रीफ़्रेश बंद करना सीधे बैटरी लाइफ़ को बढ़ाता है। दूसरा कारक चार्जिंग तकनीक, फ़ास्ट चार्ज, वायरलेस चार्ज, और चार्जर की आउटपुट क्षमता है। तेज़ चार्जर को लगातार इस्तेमाल करने से बैटरी में गर्मी बढ़ती है, जिससे क्षय तेज़ हो सकता है। आदर्श तरीका है 20‑80 % के बीच चार्ज करना और ओवर‑चार्ज से बचना।
तीसरा महत्वपूर्ण पहलू बैटरी स्वास्थ्य, बैटरी की क्षमता और रासायनिक स्थिरता का माप है। कई फोन में बैटरी हेल्थ मोड मौजूद है जो उपयोगकर्ता को बताता है कि बैटरी क्षमता कितनी घट गई है। जब यह 80 % से नीचे गिरता है, तो बैटरी लाइफ़ में स्पष्ट कमी आती है और बैटरी को बदलने का समय आ जाता है।
इन तीनों तत्वों को मिलाकर आप बैटरी लाइफ़ को 30 % तक बढ़ा सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, एक उपयोगकर्ता ने स्क्रीन की ब्राइटनेस 50 % से 30 % करने, बैकग्राउंड डेटा को बंद करने, और 18 W चार्जर के बजाय 9 W चार्जर से चार्ज करने के बाद अपनी फोन की बैटरी लाइफ़ को दो घंटे बढ़ा दिया। यही सिद्धांत टैबलेट, लैपटॉप और इलेक्ट्रिक गैजेट्स पर भी लागू होता है।
आपके पास अगर पुराना चार्जर या कम ओवर‑ड्राइव वाला बैटरी है, तो बदलाव करने से तुरंत असर दिखेगा। एक छोटा कदम—जैसे कि फ़ास्ट चार्जर को हटा कर नियमित चार्जर इस्तेमाल करना—लिथियम‑आयन बैटरी के अंदर गर्मी कम करता है, और रासायनिक स्थिरता को बचाता है। इस तरह बैटरी लाइफ़ न केवल लंबी होती है, बल्कि बैटरी के लाइफ़साइकल भी बढ़ते हैं।
स्मार्ट वॉच और वायरलेस ईयरबड जैसे लो‑पावर डिवाइस में भी यही नियम काम करता है। इनकी बैटरी छोटी होती है, इसलिए पावर मैनेजमेंट सेटिंग्स को ऑप्टिमाइज़ करना और इकनॉमी मोड का उपयोग करना आवश्यक है। वही सिद्धांत नॉटिफिकेशन को सीमित करने, GPS को ढीला रखने, और ब्लीटज गड़बड़ी को हटाने में मदद करता है।
यदि आप घर में कई गैजेट्स का उपयोग करते हैं, तो बैटरी लाइफ़ को समझना और सुधारना आपके खर्च को भी कम कर देता है। कम बार चार्जिंग का मतलब कम बिजली बिल और कम इलेक्ट्रॉनिक कचरा। इस कारण कई कंपनियां अब बैटरी‑सेव मोड और एआई‑आधारित पावर ऑप्टिमाइज़ेशन फिचर पेश कर रही हैं। ये फिचर बैटरी लाइफ़ को स्वचालित रूप से अनुकूल बनाते हैं, जिससे आपको हर बार मैन्युअली सेटिंग बदलने का झंझट नहीं रहता।
समग्र रूप से, बैटरी लाइफ़ को बढ़ाने की कुंजी है: सही बैटरी तकनीक चुनना, पावर मैनेजमेंट को समझना, चार्जिंग के तरीके को सुधरना और बैटरी स्वास्थ्य को नियमित रूप से देखना। इन बिंदुओं पर ध्यान देते हुए आप अपने सभी डिवाइसों को लंबी अवधि तक तेज़ और भरोसेमंद रख सकते हैं। अब नीचे दी गई सूची में आपको बैटरी लाइफ़ से जुड़े विभिन्न खबरें, टिप्स और विश्लेषण मिलेंगे—पढ़ते रहें और अपनी डिवाइस लाइफ़ को आज ही सुधारें।
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