डिमर्जर का मतलब है किसी कंपनी का अपना एक या ज्यादा बिजनेस अलग कंपनी में बदलना — यानी कंपनी के एक हिस्से को अलग इकाई दे देना। यह खरीद-फरोख्त नहीं, बल्कि कानूनी और वित्तीय रूप से एक व्यवसाय को अलग करने की प्रक्रिया है। आमतौर पर शेयरधारकों को नई कंपनी के शेयर दिए जाते हैं या स्थिति के अनुसार संपत्ति व देनदारियाँ ट्रांसफर की जाती हैं।
कंपनियाँ डिमर्जर इसलिए करती हैं ताकि अलग-अलग बिजनेस पर अलग-अलग फोकस रखा जा सके, जोखिम को अलग किया जा सके, वैल्यू अनलॉक हो या नियामक आवश्यकताओं का पालन हो सके। कभी-कभी निवेशकों को स्पष्ट वैल्यू दिखाने के लिए भी डिमर्जर किया जाता है—कठोर और गैर-कठोर यूनिट्स अलग हों तो निवेशक बेहतर निर्णय ले पाते हैं।
डिमर्जर की प्रक्रिया कंपनी और क्षेत्र के अनुसार बदलती है, पर सामान्यत: ये कदम शामिल होते हैं:
अगर किसी सूचीबद्ध कंपनी में डिमर्जर की घोषणा होती है तो निवेशक इन बातों पर ध्यान दें:
टैक्स की बात करें तो कुछ शर्तें पूरी होने पर डिमर्जर टैक्स-न्यूट्रल हो सकता है, पर हर केस अलग होता है — इसलिए टैक्स सलाहकार से सलाह लेना जरूरी है।
अंत में, डिमर्जर आम तौर पर रणनीतिक कदम होते हैं — सही जानकारी, वैल्यूएशन और नियामक मंजूरी देखकर ही निवेश का फैसला लें। जुना महल समाचार पर ऐसे अपडेट और विश्लेषण मिलते रहते हैं, इसलिए अपडेट रहने के लिए साइट फॉलो करें।
आईटीसी होटल्स के शेयरों ने एनएसई पर 31% छूट के साथ 180 रुपये की खोज मूल्य पर सूचीबद्धता की है और बीएसई पर 188 रुपये पर। यह लिस्टिंग आईटीसी होटल्स के डिमर्जर के बाद हुई है, जो शेयरधारकों के लिए मूल्य अनलॉक करने के उद्देश्य से की गई थी। आईटीसी होटल्स का बाजार पूंजीकरण 37,461 करोड़ रुपये से अधिक है।