अचानक हुई गैरमौसमी या असामान्य बारिश ने कई बार राहत और नुकसान दोनों दिए हैं। जहां कुछ इलाकों में गर्मी थमी और सूखे वाले किसानों को तुरंत राहत मिली, वहीं शहरों में जलभराव और खेतों में फसल को नुकसान भी हुआ। इस पन्ने पर हम सरल भाषा में बतायेंगे कि दुर्लभ वर्षा क्यों होती है, इसका असर किस तरह पड़ता है और आप किस तरह तैयार रह सकते हैं।
दुर्लभ वर्षा के कुछ सामान्य कारण ये हैं: पश्चिमी विक्षोभ, मानसून के असामान्य ब्रेक, हाई-लेवल वायु प्रवाह में बदलाव, या किसी चक्रवात/लघु चक्र की उपस्थिति। कभी-कभी El Niño/La Niña जैसी वैश्विक परिस्थितियाँ भी बारिश के पैटर्न बदल देती हैं। शहरी क्षेत्रों में गर्मी और वहन (urban heat island) स्थानीय गरम हवा बनाकर शाम को तेज़ तूफानी बारिश करवा सकती है।
भले ही बारिश अचानक लगे, मौसम विभाग (IMD) और उपग्रह निगरानी अक्सर कुछ घंटे या दिन पहले अलर्ट देते हैं। इसलिए लोकल मौसम अपडेट और रेडियो/वेब अलर्ट पर ध्यान रखना जरूरी है।
दुर्लभ बारिश के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों असर हो सकते हैं। फायदे: मिट्टी को नमी मिलती है, जलस्तर उठते हैं और गर्मी से राहत मिलती है (जैसे कुछ खबरों में झारखंड और यूपी में देखा गया)। नुकसान: अचानक आई तेज बारिश से निचले इलाकों में जलभराव, सड़कों पर फिसलन, फसलों की पकी फसल में बर्बादी, और छोटी-छोटी आपात स्थितियाँ बन सकती हैं।
यात्री, किसान और शहर के लोग अलग तरीके से प्रभावित होते हैं—यात्री के लिए यातायात बाधित हो सकता है, किसान के लिए फसल की गुणवत्ता पर असर और शहर में नालियों की सफाई का मुद्दा।
क्या करना चाहिए? नीचे आसान और उपयोगी सुझाव दिए जा रहे हैं जिन्हें तुरंत अपनाया जा सकता है:
क्या करें—तैयारी और बचाव
जुना महल समाचार पर मौसम और स्थानीय घटनाओं की अपडेट्स देखते रहें ताकि आप वक्त रहते सही निर्णय ले सकें। अक्सर छोटी-छोटी तैयारी नुकसान को बड़े स्तर पर रोक देती है। अगर आपके पास स्थानीय बारिश के अनुभव या तस्वीरें हैं, तो साझा करें—कहानी से दूसरों की मदद हो सकती है।
सहारा रेगिस्तान में एक दुर्लभ वरदान के रूप में हुई भारी वर्षा ने समस्त इलाके को एक नीला स्वर्ग बना दिया। इस बारिश से सहारा के बलुसारियों के बीच बनी अद्भुत झीलों और जलधाराओं के दृश्य देखने को मिले। पचास साल से सूखी पड़ी इरिकी झील अब फिर से भरी हुई है। मोरक्को का दक्षिण-पूर्वी हिस्सा इस अनोखी घटना का गवाह बना, जहाँ वर्षों में इतना भारी वर्षा नहीं हुई थी।