GST (Goods and Services Tax) एक देशव्यापी कर है जो बापस से कई अलग-अलग टैक्सों को मिला कर एक सरल सिस्टम बनाता है। क्या आप छोटे व्यवसायी हैं, फ्रीलांसर या ग्राहक — GST सीधे-सीधे आपकी जेब और बिलिंग पर असर डालता है। अगर आप समय से नियम नहीं मानते तो जुर्माना और ब्याज का सामना करना पड़ सकता है।
यहाँ मैं सीधे और उपयोगी बातें बताता/बताती हूँ — ज्यादा जटिल शब्द नहीं, सिर्फ वही जानकारी जो रोज़ काम आए।
कब रजिस्ट्रेशन जरूरी है? अगर आपकी सालाना टर्नओवर सीमा (सेवाओं और माल के हिसाब से अलग-अलग) तय लिमिट से ऊपर है तो रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। ऑनलाइन दुकान, रेस्तरां, ट्रेक्टर विक्रेता — अलग-2 केस होते हैं, पर नियम आमतौर पर स्पष्ट हैं: कारोबारी गतिविधि और टर्नओवर प्रमुख हैं।
GST के सामान्य स्लैब: 0%, 5%, 12%, 18% और 28%. हर प्रोडक्ट या सर्विस को किसी एक स्लैब में रखा जाता है। टैक्स दर जानने के लिए GST पोर्टल या आधिकारिक सूची देखें — यह तय करता है कि आप कितनी दर पर टैक्स जोड़ेंगे और Input Tax Credit कितना मिलेगा।
रजिस्ट्रेशन पूरी तरह ऑनलाइन है — GST.gov.in पर जाएँ, डॉक्यूमेंट अपलोड करें (PAN, Aadhar, बैंक, पता) और प्रोसेस पूरा करें। कुछ सेक्टरों में प्रोफेशनल मदद लेना फायदेमंद होता है पर छोटा व्यापार आसानी से खुद भी कर सकता है।
रिटर्न: आमतौर पर GSTR-1 (इनवॉइस की जानकारी) और GSTR-3B (कुल टैक्स पेमेन्ट) प्रमुख हैं। फाइलिंग की समय-सीमाएँ महीने या तिमाही के हिसाब से अलग होती हैं। देरी पर ब्याज और पेनल्टी लग सकती है — इसलिए कैलेंडर सेट कर लें।
1) इनवॉइस सही बनाएं — HSN/SAC कोड और GSTIN ठीक होना चाहिए। गलत इनवॉइस से Input Credit रद्द हो सकता है।
2) Input Tax Credit का लाभ उठाइए — खरीद के GST को समुचित इनवॉइस और समय पर रिटर्न से क्लेम करें।
3) रिमाइंडर और ऑटो पेमेंट सेट करें — छोटी सी देरी बड़ी पेनल्टी का कारण बन सकती है।
4) समय-समय पर रिव्यू करें — कर सलाहकार से साल में एक बार चेक करवा लें ताकि कटौती और रूल्स का पूरा फायदा मिल सके।
GST नियम बदलते रहते हैं। सबसे भरोसेमंद तरीका: आधिकारिक नोटिफिकेशन पढ़ें और अपनी फाइलिंग को व्यवस्थित रखें। अगर आप चाहें तो हम यहाँ GST से जुड़ी ताज़ा खबरें, बदलाव और उपयोगी टिप्स नियमित तौर पर साझा करते रहेंगे — ताकि आप अपडेट रहें और अनावश्यक खर्च बचा सकें।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद ने स्पष्ट किया है कि इस्तेमाल की गई गाड़ियों की बिक्री पर कोई नया कर नहीं लगाया गया है। इसके बजाय, सभी पुरानी और इस्तेमाल की गई गाड़ियों, जिसमें इलेक्ट्रिक वाहन भी शामिल हैं, की बिक्री पर एक समान 18% जीएसटी लागू होगा। यह नया प्रावधान केवल पंजीकृत व्यवसायों पर लागू होगा।