किसी का अचानक लापता होना डरावना और उलझन भरा होता है। सबसे पहले शांत रहें—पर वक्त कम है। नीचे दिए सरल और ठोस कदम तुरन्त अपनाएँ ताकि खोज तेज और असरदार हो सके।
सबसे पहले स्थानीय पुलिस स्टेशन में जाकर FIR या कोई शिकायत तुरंत दर्ज कराएँ। भारत में लापता व्यक्ति की रिपोर्ट करने के लिए किसी भी तरह की प्रतीक्षा अवधि नहीं होती—फौरन जाएं। शिकायत में नाम, उम्र, आखिरी बार दिखने का समय‑स्थान, पहनावा, अपने पास मौजूद तस्वीरें और कोई स्वास्थ्य/दिमागी समस्या बताएं।
फिर उस व्यक्ति के अंतिम संपर्कों को तुरंत कॉल और मैसेज करके देखें—दोस्त, सहकर्मी, रिश्तेदार। मोबाइल का अंतिम लोकेशन जानने के लिए फोन कंपनी से राहदानी (cell‑tower) जानकारी मांगने के लिए पुलिस की मदद लें।
ऑनलाइन एक्टिविटी जैसे सोशल मीडिया पोस्ट, व्हाट्सएप स्टेटस और बैंक/एटीएम ट्रांजेक्शन भी खोज में मदद करते हैं—यह सब पुलिस के साथ साझा करें।
सीसीटीवी और आसपास के दुकानदारों से पूछताछ करें—अक्सर पास के कैमरों में कोई सुराग मिल जाता है। भर्ती इलाकों, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और अस्पतालों में तुरंत संपर्क करें; रेफरेंस दवाखानों और लोकल एम्बुलेंस को भी सूचित कर दें।
सोशल मीडिया का सही इस्तेमाल करें: हालिया स्पष्ट फोटो, आखिरी बार दिखने का स्थान‑समय, और संपर्क नंबर साझा करें। पोस्ट में वास्तविक जानकारी और समय दें—असत्य व अफवाह से उलटे असर पड़ता है। साझा करने के लिए परिवार और परिचितों की संख्या बढ़ाएँ ताकि पोस्ट जल्दी फैल सके।
यदि बच्चा या बूढ़ा व्यक्ति गुम हुआ है तो स्थानीय NGOs और बचाव समूहों से जुड़ें; वे अनुभव के साथ खोज‑कार्य और स्थानीय नेटवर्क मदद कर सकते हैं। विदेशियों के मामले में अपने देश के दूतावास/कौंसलेट को सूचित करें।
कभी भी अकेले रिस्क भरे खोज कार्य में न उतरें। संदिग्ध सूचना मिलने पर पहले पुलिस को बताएं और उनके निर्देशों पर काम करें। किसी भी तरह की नग्न या निजी जानकारी सार्वजनिक न करें—यह सुरक्षा के लिहाज़ से जरूरी है।
निगरानी और खोज को व्यवस्थित रखने के लिए नोट बनाएं: कौन किससे मिला, कब कॉल किए गए और किन जगहों की तलाशी ली गई। यह रिकॉर्ड पुलिस के काम में भी काम आता है।
यदि आप खोज जारी रखना चाहते हैं, तो स्थानीय मीडिया को छोटा और साफ़ विवरण भेजें—आम तौर पर टीवी/रेडियो और स्थानीय समाचार प्लेटफॉर्म जल्दी ध्यान देते हैं।
अंत में, उम्मीद रखें और हर नई सूचना को पुलिस के साथ तुरंत साझा करें। गुमशुदगी के मामलों में समय ही सबसे बड़ा दोस्त होता है—जल्दी कदम उठाना ही परिणाम बदल सकता है।
लोकप्रिय टीवी शो तारक मेहता का उल्टा चश्मा के अभिनेता गुरुचरण सिंह 22 अप्रैल से लापता थे। 25 दिनों बाद उनकी वापसी हुई और पता चला कि वह अमृतसर और लुधियाना के गुरुद्वारों की यात्रा पर गए थे। उन्होंने बताया कि उन्हें आंतरिक शांति की तलाश थी।