मुख्यमंत्री किसी भी राज्य की सत्तारूढ़ सरकार का मुखिया होता है। वे नीतियाँ बनाते हैं, योजनाओं को लागू करवाते हैं और रोज़मर्रा के प्रशासन का नेतृत्व करते हैं। जब बिजली, पानी, स्वास्थ्य या स्कूलों का सवाल आता है, तो बहुत कुछ मुख्यमंत्री के फैसलों से जुड़ा होता है।
मुख्यमंत्री राज्य के मंत्रिमंडल का नेतृत्व करते हैं और विभागों के कामकाज का समन्वय करते हैं। वे बजट पेश करने में अहम भूमिका निभाते हैं और विकास परियोजनाओं की प्राथमिकता तय करते हैं। कानून और व्यवस्था पर मुख्यमंत्री की बड़ी भूमिका रहती है — पुलिस और प्रशासन से सीधे जुड़े फैसले अक्सर उनकी मंजूरी से होते हैं।
आपने हाल की खबरों में देखा होगा कि राज्य सरकारें कब किस तरह कदम उठाती हैं — जैसे गर्मी और बारिश की स्थिति में राहत-कार्य, या देशव्यापी हड़ताल के दौरान स्थानीय सेवाओं का प्रबंधन। ऐसे मौके मुख्यमंत्री अपने विभागों को निर्देश देते हैं ताकि रोज़मर्रा की समस्याएँ जल्दी सुलझें।
चुनाव में मिली सीटों के आधार पर विधानसभा में बहुमत रखने वाली पार्टी अपने नेता को मुख्यमंत्री बनाती है। राज्यपाल उन्हें शपथ दिलाते हैं। अगर मंत्रीमंडल में बहुमत नहीं रहा या विधानसभा चुनाव में पार्टी हार गई, तो मुख्यमंत्री हट सकते हैं। आपातकाल या विधायिका के भरोसे के चलते भी सरकार बदल सकती है।
कभी-कभी केंद्र और राज्य के बीच टकराव भी होता है — नीतियों का असर स्थानीय स्तर पर देखने को मिलता है। ऐसे में मुख्यमंत्री और केंद्र सरकार के रिश्ते का असर जनता पर पड़ता है।
साफ शब्दों में: मुख्यमंत्री जनता की चुनी हुई सरकार के कामकाज को संभालते हैं, योजनाएँ लागू करते हैं और कठिन समय में त्वरित निर्णय लेते हैं। वे राज्य के विकास, आर्थिक नीतियों और रोज़मर्रा के प्रशासन के लिए जिम्मेदार होते हैं।
आपको क्या देखना चाहिए अगर आप अपने मुख्यमंत्री के काम को आकलन करना चाहते हैं? कुछ सीधे संकेत हैं — स्वास्थ्य व शिक्षा पर खर्च, सड़कों और बिजली जैसी बुनियादी सेवाओं की स्थिति, कानून-व्यवस्था की स्थिति, और रोजगार बढ़ाने के कदम।
अंत में, मुख्यमंत्री का प्रदर्शन आपकी रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में असर डालता है। इसलिए लोकहित के मुद्दों पर उनकी पारदर्शिता, जवाबदेही और फैसलों की तेज़ी देखना ज़रूरी है। अगर आपको अपना राज्य बेहतर लगता है तो उसके पीछे अक्सर सुदृढ़ कामकाज वाली सरकार और सक्रिय मुख्यमंत्री का हाथ होता है।
अगर आप चाहें तो हम ऐसे लेख दिखा सकते हैं जहाँ राज्य से जुड़े बड़े फैसलों, हड़तालों या सुरक्षा मामलों पर मुख्यमंत्री और राज्य सरकार की भूमिका पर विस्तार से चर्चा हुई है। ऐसे लेख पढ़कर आप आसानी से समझ पाएँगे कि किसी ख़ास घटना में सरकार ने क्या कदम उठाए और उसका असर क्या रहा।
महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने एक प्रेस वार्ता बुलाई है। इस समय महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। बीजेपी ने महाराष्ट्र विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। महायुती गठबंधन के साथियों के बीच मुख्यमंत्री पद के लिए कई चर्चाएं चल रही हैं।