NDA (राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन) के फैसले सीधे देश की राजनीति और नीतियों पर असर डालते हैं। यहाँ आपको NDA की प्रमुख बैठकों, मंत्रियों और रणनीतियों से जुड़ी भरोसेमंद और साफ-सुथरी खबरें मिलेंगी। चाहती/चाहते हैं कि चुनावी तालमेल, नीति‑निर्माण या अचानक आयी घोषणाओं का मतलब समझें? ठीक वही जानकारी हम सरल भाषा में दे रहे हैं।
अभी हाल ही में केंद्र में उठती बैठकों और कदमों पर निगाह जरूरी है। उदाहरण के लिए, जम्मू‑कश्मीर को लेकर 5 अगस्त के आसपास हुई चर्चाओं ने राज्य-विशेष दर्जे और समान नागरिक संहिता जैसे बड़े सवाल खड़े कर दिए — यह न केवल क्षेत्रीय राजनीति बल्कि चुनावी रणनीति के लिए भी अहम है। दूसरी तरफ, केंद्र की आर्थिक टीम और नियामक नियुक्तियाँ (जैसे पूर्व RBI गवर्नर की नई भूमिका) नीतिगत दिशा को प्रभावित कर सकती हैं।
आपको क्या देखना चाहिए: गठबंधन के भीतर सत्ता संतुलन, राज्यों में सहयोगी दलों की स्थिति, और केंद्रीय मंत्रियों की जिम्मेदारी में बदलाव। इन बिंदुओं से यह साफ होता है कि अगला चुनावी मुद्दा कौन सा बनेगा और कौन सी नीतियाँ जल्दी लागू हो सकती हैं।
जुना महल पर NDA टैग के तहत हम सिर्फ खबर नहीं देते — उसका मतलब बताते हैं। हालिया रिपोर्टों में आप पाएँगे: जम्मू‑कश्मीर के दर्जे पर चल रही चर्चाएँ और उनकी संभावित राजनीतिक असर (‘‘5 अगस्त पर क्या जम्मू‑कश्मीर को फिर राज्य का दर्जा मिलेगा’’), केंद्र सरकार की नीतियों पर आम जनता और यूनियनों की प्रतिक्रिया (‘‘Bharat Bandh’’ की रिपोर्ट), और विदेश नीतियों व व्यापार पर कदम जैसे भारत‑ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता।
नियुक्तियों और अधिकारिक बदलावों पर हमारी कहानियाँ सीधे-सीधे बताती हैं कि किस फैसले का असर आर्थिक नीतियों, बैंकिंग या सरकारी कामकाज पर पड़ेगा — जैसे नए प्रधान सचिवों की नियुक्ति या केंद्रीय पदों में फेरबदल।
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एनडीए और विपक्षी इंडिया ब्लॉक ने लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए अपने-अपने उम्मीदवार उतारे हैं। एनडीए ने कोटा से तीन बार सांसद रह चुके ओम बिड़ला को नामित किया है, जबकि विपक्ष ने केरल से सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले सांसद कोडिकुन्निल सुरेश को नामित किया है। चुनाव 26 जून को होगा और इसमें किसी भी उम्मीदवार को जीतने के लिए साधारण बहुमत की आवश्यकता है।