कभी-कभी लगता है कि साथी काम में इतने डूबे हैं कि रिश्ते की छोटी-छोटी बातें छूट जाती हैं। ये संवेदनशील मुद्दा है—न तो आप अपनी भावनाएँ अनसुनी चाहती हैं और न ही आप उसके करियर को ही रोका जाना पसंद करेंगे। असल बात यह है कि व्यस्तता को समझना और उससे निपटने के व्यावहारिक तरीके अपनाना।
जब आप किसी को बात बताती हैं, तो आरोप की भाषा न अपनाएँ। सीधे और शांति से बताएं कि आप कब अकेला महसूस करती हैं और किस तरह छोटी-छोटी चीजें आपकी भावनाओं पर असर डालती हैं। उदाहरण दें: ‘‘जब तुम्हें रात को फोन पर देर तक बात नहीं मिलता तो मुझे चिंता होती है।’’ यह तरीके से वह बचाव में नहीं जाएगा बल्कि समस्या समझेगा।
सुनने की भी उम्मीद रखें। व्यस्तता का अर्थ यह नहीं कि वह आपकी बातों को महत्व नहीं देता। स्पष्टीकरण माँगें: कब वह फ्री हो सकता है, कौनसे दिन हल्का रहेगा और कब आप मिल सकती हैं।
समय का प्लेटफार्म बनाइये। उदाहरण: हर हफ्ते भोर या शाम के 30 मिनट ‘‘क्वालिटी टाइम’’ के लिए रखें—फोन बंद करके, बस बात या चाय साथ। यह लंबी बात नहीं, पर निरंतरता रिश्ते को जोड़ती है।
छोटी-छोटी आदतें असर डालती हैं। बेड पर एक नोट, लंबा मैसेज नहीं, पर एक वाक्य ‘‘आज का दिन कैसा रहा?’’—ये संकेत दिखाते हैं कि आप साथ हैं। काम के समय में boundaries तय करना भी जरूरी है: अगर रात की मीटिंग तो कल सुबह का वादा।
काम और घर के जिम्मेवारियाँ साझा करें। जब आप बताती हैं कि कौन सा काम कब कर लें तो तनाव कम होता है। कभी-कभी व्यस्त पति अपनी घरेलू जिम्मेदारियों को भूल जाते हैं—एक शेड्यूल या रिमाइंडर मदद कर सकता है।
स्वयं का ध्यान रखिए। आपकी खुशहाली रिश्ते पर असर डालती है। खुद के शौक, दोस्तों और छोटे-छोटे लक्ष्यों पर भी ध्यान दें ताकि अकेलेपन का बोझ कम हो।
टेक्नोलॉजी का समझदारी से उपयोग करें—कैलेंडर शेयर करें, मीटिंग्स के टाइम बताएँ, और जरुरत पड़ने पर वीडियो कॉल में 10 मिनट भी बहुत मायने रखता है।
अगर व्यस्तता लगातार दूरी बना रही है और संवाद टूट रहा है, तो किसी काउंसलर से बात करने से कोई बुरी चीज नहीं होती। प्रोफेशनल मदद रिश्ते को नया नजरिया दे सकती है।
अंत में, याद रखें: व्यस्तता बार-बार अस्थायी हो सकती है—पर अनदेखी लंबे समय में रिश्ते को कमजोर कर सकती है। छोटी पहलें, नियमित बातचीत और आपसी समझ से यह मसला काफी हद तक सुलझाया जा सकता है। अगर आप चाहें तो हमने इस टैग से जुड़े लेख भी चुने हैं जिन्हें पढ़कर और टिप्स मिलेंगे।
दुबई के शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मक्तूम की बेटी राजकुमारी शैख़ा महरा ने शादी के सिर्फ एक साल बाद अपने पति से तलाक ले लिया है। तलाक का कारण उनके पति की अत्यधिक व्यस्तता को बताया गया है। शैख़ा महरा की शादी 2023 में बेहद धूमधाम से हुई थी। उनकी इस निर्णय से पति की व्यस्तता का उनके संबंध पर प्रभाव उजागर हुआ है।