क्या आपने कभी सोचा है कि दुनिया का सबसे बड़ा मुफ्त खाने वाला रसोईघर कैसे चलता है? स्वर्ण मंदिर सिर्फ सुंदरता ही नहीं, बल्कि सेवा और सादगी का बड़ा उदाहरण भी है। अगर आप पहली बार जा रहे हैं तो यहां की तस्वीर, शांत वातावरण और लंगर का अनुभव आपकी यात्रा की सबसे खास याद बनेंगे।
स्वर्ण मंदिर 24 घंटे खुला रहता है और रोज़ाना कीर्तन लगातार चलता रहता है। सुबह‑सुबह का समय और शाम के पहले घंटे अक्सर दर्शनों के लिए आसान होते हैं क्योंकि भीड़ थोड़ी कम रहती है। मंदिर में प्रवेश से पहले सिर ढकना अनिवार्य है, जूते निकालकर रैक में ही रखना चाहिए और हाथ-पैर साफ़ करने के लिए सरोवर के पास बने स्थान का उपयोग कर लें। अंदर चुप्पी और शालीनता रखें — मोबाइल का इस्तेमाल कम रखें और अगर तस्वीर लें भी तो केवल बाहरी परिक्रमा क्षेत्र में ही लें, अंदर के पवित्र स्थल में कैमरा प्रतिबंधित हो सकता है।
लंगर हर किसी के लिए खुला और मुफ्त है — दिन में हजारों लोग बैठकर एक ही सेकूरिटी और समानता का अनुभव लेते हैं। बैठकर खाना खाने का तरीका सिखा दिया जाता है, और अगर आप चाहें तो भोजन बनाने, परोसने या साफ़ करने में स्वयंसेवा (सेवा) कर सकते हैं। लंगर में प्रवेश उपयुक्त कपड़ों के साथ करें और हाथ-पैर धोकर ही बैठें।
कुछ प्रैक्टिकल टिप्स: सिर ढकने के लिए स्कार्फ साथ रखें, अगर भूल जाएँ तो मंदिर गेट पर मुफ्त कपड़े उपलब्ध होते हैं। गर्मियों में पानी की बोतल साथ रखें और सर्दियों में हल्का स्वेटर ले लें — मंदिर के खुले हिस्सों में ठंडी हवा लग सकती है। भीड़ वाले दिनों (जैसे गुरुपर्ब या बैसाखी) में दर्शन में लंबी कतारें लग सकती हैं, इसलिए सुबह जल्दी निकलना बेहतर रहेगा।
कैसे पहुँचें: अमृतसर ट्रेन और फ्लाइट दोनों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। रेलवे स्टेशन और बस स्टेशन से ऑटो/रिक्शा लेकर आप सीधे दरवाज़े तक पहुंच सकते हैं। शहर के अंदर रहने के लिए ब्रह्मचारी, गरीबनवाज़ और पुराने शहर के आसपास कई गेस्टहाउस और होटेल मिल जाएंगे — पैदल पहुंचना कई जगहों से आसान है।
पास में देखने लायक जगहें भी हैं — जलियांवाला बाग और वाघा बॉर्डर अक्सर यात्रियों की सूची में होते हैं। सुरक्षा जांच सामान्य है, इसलिए भारी बैग लेकर न जाएँ और अपने सामान पर ध्यान रखें।
अंत में, स्वर्ण मंदिर का असली अनुभव वहाँ की सादगी और सेवा में है। तस्वीरें अच्छी रहेंगी, पर याद रखें कि सबसे बड़ी याद वह शांत मन है जो आप लंगर में बैठकर और कीर्तन सुनकर पाते हैं। अगर आप अगले हफ्ते अमृतसर जा रहे हैं तो ये टिप्स मददगार साबित होंगे।
पूर्व पंजाब उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल पर अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में हमला हुआ। घटना के समय बादल सेवा और प्रायश्चित कर रहे थे। हमलावर को घटना स्थल पर ही सुरक्षा कर्मियों ने पकड़ लिया। इस घटना ने राजनीतिक हलकों में हड़कंप मचा दिया है।