तुलसी गबार्ड की नियुक्ति: एक नई सियासी दिशा
अमेरिकी राजनीति में हाल ही में एक बड़ा परिवर्तन देखने को मिला है जब डोनाल्ड ट्रम्प ने तुलसी गबार्ड को अमेरिकी खुफिया प्रमुख के रूप में नियुक्त किया है। यह नियुक्ति तब हुई जब ट्रम्प ने चुनावों में कमला हैरिस के खिलाफ जीत हासिल की। गबार्ड, जो हवाई की पूर्व कांग्रेस महिला रही हैं, ने डेमोक्रेट्स से अपने संबंध तोड़ते हुए ट्रम्प के समर्थन में रिपब्लिकन पार्टी का हाथ थाम लिया। उनके पास 21 वर्षों का सैन्य अनुभव है और उन्होंने खुफिया समुदाय के साथ काम करने की नई संभावनाएं खोली हैं।
तुलसी गबार्ड की राजनीतिक पृष्ठभूमि
राजनीतिक जीवन में तुलसी गबार्ड की प्रमुख पहचान उनके कठोर सुरक्षा विचारों और अंतरराष्ट्रीय नीतियों पर स्पष्ट विचारों के कारण हुई। उनके इस कदम ने अमेरिका के खुफिया एजेंसियों की दिशा और उनमें सुधार के प्रयासों में नया रूप देने की परिस्थिति पैदा की है। गबार्ड ने अमेरिकी कांग्रेस में हिंदू महिलाओं का प्रतिनिधित्व किया, और वे पाकिस्तान की आतंकवाद के समर्थन की खुलकर आलोचना करने के लिए जानी जाती हैं।
नई खुफिया प्रमुख के रूप में चुनौतीपूर्ण भूमिकाएं
तुर्की गबार्ड की नियुक्ति को अमेरिकी खुफिया समुदाय के लिए एक नई शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है। वे 18 खुफिया एजेंसियों के समन्वय की जिम्मेदारी संभालेंगी। विशेषज्ञों का मानना है कि उनके नेतृत्व में खुफिया सेवाओं में सुधार और उन्नति के लिए नई रणनीतियाँ विकसित की जा सकती हैं। यह नई भूमिका निश्चित रूप से गबार्ड के लिए चुनौतीपूर्ण होगी, विशेषकर जबकि उनके पास इस तरह का वरिष्ठ सरकारी अनुभव नहीं है।
डोनाल्ड ट्रम्प की खुफिया सेवाओं में सुधार की योजना
डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने पहले प्रशासन के दौरान खुफिया एजेंसियों पर आलोचना की थी, और अब उन्होंने घोषणा की है कि वह इन सेवाओं में व्यापक सुधार करने की योजना बना रहे हैं। गबार्ड का समर्थन ट्रम्प की इस योजना का एक महत्वपूर्ण घटक हो सकता है। उनका इस पद पर आना ट्रम्प समर्थकों के बीच उनकी बढ़ती लोकप्रियता का प्रमाण है, और यह भी दर्शाता है कि रिपब्लिकन पार्टी में उनके विचारों की अहमियत बढ़ रही है।
सीनेट की पुष्टि: एक आवश्यक कदम
हालांकि, तुलसी गबार्ड की इस नयी भूमिका में सीनेट की पुष्टि की आवश्यकता है। सीनेट में इस नियुक्ति के समक्ष आने वाले प्रश्न निश्चित रूप से अमेरिकी राजनीति में खुफिया मुद्दों पर विस्तृत चर्चा प्रारंभ करेंगे। इस प्रक्रिया का सुचारु रूप से होना दोनों के लिए महत्वपूर्ण है - गबार्ड के लिए तथा अमेरिकी खुफिया समुदाय के लिए जो उनके नेतृत्व में नई ऊंचाइयाँ छूने की उम्मीद कर रहा है।
इस प्रकार, तुलसी गबार्ड की खुफिया प्रमुख के रूप में नियुक्ति न केवल अमेरिकी राजनीति में एक नए युग का संकेत देती है, बल्कि यह अमेरिका और इसके सहयोगियों के साथ खुफिया सूचना के आदान-प्रदान की दिशा में भी नई संभावनाओं को जन्म देती है।
Ayan Sarkar
नवंबर 14 2024तुलसी गबार्ड की नियुक्ति को ट्रम्प ने एक strategic pivot के रूप में लागू किया है यह कदम एक covert intelligence realignment का हिस्सा है जिसमे वे global surveillance matrix को पुनः संरचित करना चाहते हैं यह स्पष्ट है कि इस परिवर्तन में deep state के साथ collusion हो सकता है क्योंकि पहले भी ट्रम्प ने similar shadow operations को समर्थन दिया है