जब यशस्वी जैसवाल ने शुबमन गिल को साथ में अर्जुन जेटली स्टेडियम (फेरोज़ शाह कोटलिया) में 173* बनाते हुए भारत को 318/2 पर खड़ा किया, तो वेस्ट इन्डीज़ के कोच डैरन सैम्मी ने अपनी टीम के लिये ‘टर्मिनल डिज़ीज़’ का शब्द प्रयोग किया। यह मुकाबला भारत बनाम पश्चिमी इन्डीज़ दूसरा टेस्ट के पहला दिन (10 अक्टूबर 2025) था, जहाँ भारतीय टीम ने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में आगे बढ़ने की बहुत बड़ी संभावना बनायी।
पहला दिन: भारत का डॉमिनेंस
दोपहर 3 बजे तक टेस्ट क्रिकेट के इस प्रमुख दीर्घकालिक मैच में भारत ने सिर्फ दो विकेट खोए, जबकि जैसवाल ने 253 गेंदों पर 173 runs की शानदार पारी खेली। गिल ने अपनी 62 गेंदों में 20 रन बनाए और दोनों ने मिलकर 67 रन का साझेदारी किया, जो हमेशा के लिये यादगार रहेगा। पिच पर काली मिट्टी और सूखी पैच ने वेस्ट इन्डीज़ के तेज़ गेंदबाज़ों को मुश्किल में डाल दिया।
सिर्फ़ एक गेंद पर जैसवाल का चौका "आसमान को छू" ले गया, जबकि गिल ने टोकरी के पीछे से चारों बाउंड्री मारते हुए टीम को 300 रन के करीब ले आया। भारतीय पेनल्टी फील्डिंग में भी कड़ी रही, जिससे दो अतिरिक्त अप्रोच ओवर में कुछ भी नहीं मिला।
वेस्ट इन्डीज़ की स्थिति और कोच की टिप्पणी
पहला टेस्ट अहमदाबाद में हार के बाद, वेस्ट इन्डीज़ के खेल में आत्मविश्वास की कमी स्पष्ट थी। कोच डैरन सैम्मी ने "हमारे खिलाड़ी एक टर्मिनल बीमारी से ग्रस्त हैं" कहा, लेकिन साथ ही सर विवियन रिचर्ड्स, सर रिची रिचर्डसन और बायर्न लारा जैसे दिग्गजों की सलाह भी ली। ये दिग्गज टीम के ड्रेसिंग रूम में सकारात्मक ऊर्जा लाने के लिये मुलाक़ात कर रहे थे, फिर भी बहुत से खिलाड़ी अभी भी दिशा और विश्वास की कमी से जूझ रहे हैं।
वेस्ट इन्डीज़ के प्रमुख गेंदबाज़ों में जेम्डेन सीज़ ने पहले टेस्ट में एकमात्र चमक दिखायी थी, और आज के दूसरे ओवर में उन्होंने वही गति बरकरार रखी। परंतु उनके बाद के ओवरों में जैसवाल ने बहुत ही सहजता से गेंद को बाउंड्री तक पहुंचाया।
बाउंसिंग बैटिंग लाइन‑अप और टीम चयन
भारतीय कप्तान शुबमन गिल ने अपनी पारी में धीरज दिखाते हुए 62 गेंदों में 20 रन बनाए। उनके साथ बेहतर सहयोगी किनारे पर केएल राहुल, ध्रुव जुरेल और रविंद्र जडेजा शामिल थे। साय सुधरन की जगह पर उन्होंने फॉर्म की बारीकी से जाँच की, क्योंकि वह सात में से छह बार बड़ी असफलता का सामना कर चुके थे। फिर भी गिल ने उनका समर्थन किया, जिससे टीम की मिड‑ऑर्डर में दृढ़ता बनी रही।
वेस्ट इन्डीज़ की ओर से जॉमेल वारिकन ने अंतिम ओवर में गेंदबाज़ी की, लेकिन कोई ठोस झटका नहीं लगा। दूसरी टीम के युवा तेज़ गेंदबाज़ फिलिप्स ने 87वें ओवर में दो चौके मारा, परंतु उनका अस्थिर राइफलिंग बहुत देर तक टिक नहीं पाया।
मैच की भविष्यवाणी और विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप पर प्रभाव
टीम इंडिया की गहरी बैटिंग लाइन‑अप और घर के पिच पर फायदा देखते हुए, कई विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया कि यह टेस्ट तीन दिने में ही समाप्त हो सकता है। यदि भारत ने इस धावा को आगे बढ़ाया, तो वह विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में अपनी रैंकिंग को 1‑2 स्थान तक मजबूत कर सकता है, जो उन्हें आगामी दक्षिण अफ्रीका श्रृंखला में लाभ देगा।
वेस्ट इन्डीज़ के लिए इस मैच में बड़ी चुनौती है: सिर्फ़ ड्रॉ नहीं, बल्कि जीत के लिये उन्हें दो वृत्तियों में भारत को दो बार बॉट करना पड़ेगा, जो इस तरह के काले मिट्टी वाले पिच पर लगभग संभव नहीं है।
पृष्ठभूमि: अहमदाबाद पहला टेस्ट और द्वीपसमूह की चुनौतियां
पहले टेस्ट में अहमदाबाद की लाल‑मिट्टी वाली पिच ने भारत को आसानी से 400+ रन बनाये और वेस्ट इन्डीज़ को एक बड़े अंतर से हारना पड़ा। उस हार के बाद कई युवा खिलाड़ी अपने करियर के शुरुआती दौर में ही निराशा से ग्रस्त हो गए। इस परिस्थिति को बदलने के लिये दिग्गजों ने व्यक्तिगत सत्र आयोजित किए, परन्तु टीम की सामूहिक सोच अभी भी टूटी हुई है।
डैरन सैम्मी ने कहा, "हमने इस दिन के लिये खुद को तैयार किया है, पर हमें अपनी बुनियादी तकनीक और मानसिकता पर काम करना होगा।" इस बयान में उनके चेहरा पर एक हल्की मुस्कान थी, जो शायद इस बात का संकेत था कि प्रबंधन आगे की योजनाएँ बना रहा है।
ऐसा कहा जा रहा है कि वेस्ट इन्डीज़ को अगली मैचों में अपनी गेंदबाज़ी शक्ति बढ़ाने के लिये अतिरिक्त स्पिनर और तेज़ गेंदबाज़ों की जरूरत होगी, जबकि भारत की टीम को अभी भी तेज़ रन‑स्कोरिंग की जरूरत है, ताकि वह टॉस जीतने के बाद फिर से दबाव बनाये रख सके।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
भारत की जीत के बाद विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में उनकी रैंकिंग क्या होगी?
यदि भारत ने इस टेस्ट में दो या तीन दिन में जीत हासिल कर ली, तो वे अपने अंक बढ़ाकर शीर्ष दो टीमों में जगह बना सकते हैं, जिससे अगली सीरीज़ में उनका मुकाबला आसान रहेगा। वर्तमान में उनका पॉइंट 112 है, और दो जीत के बाद यह लगभग 152 तक पहुंच सकता है।
वेस्ट इन्डीज़ ने पहले टेस्ट में इतनी बड़ी हार क्यों खाई?
अहमदाबाद की पिच ने तेज़ स्पिन को बहुत फायदा दिया, जबकि वेस्ट इन्डीज़ की गेंदबाज़ी में स्थिरता का अभाव था। इसके अलावा, इनकी बटिंग लाइन‑अप में कई प्रमुख खिलाड़ियों का फॉर्म घटा हुआ था, जिससे वे लगातार 30‑40 रन पर ही ठहर गए।
डैरन सैम्मी ने ‘टर्मिनल डिसीज़’ का शब्द क्यों प्रयोग किया?
कोच ने इस शब्द से टीम की मौजूदा मानसिक स्थिति को दर्शाया, जहाँ कई खिलाड़ी आत्मविश्वास खो चुके थे और प्रदर्शन में गिरावट आई थी। यह एक चेतावनी थी कि तुरंत बदलाव की जरूरत है।
जैसवाल की इस पारी की तुलना पिछले वर्षों की महान पारीयों से कैसे की जा सकती है?
जैसवाल की 173* पारी ने तकनीकी शुद्धता, धीरज और नियंत्रण का मिश्रण दिखाया, जो अक्सर विराट कोहली या मोहम्मद अज़र की याद दिलाता है। यह पारी विशेष रूप से घरेलू परिस्थितियों में बड़ी पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत होगी।
आगामी दक्षिण अफ्रीका श्रृंखला में भारत को कौन‑सी चुनौतियाँ मिलेंगी?
दक्षिण अफ्रीका की तेज़ पिच और बॉल‑स्पिन मिश्रण भारत के बैट्समैन के लिये नई चुनौती पेश करेगी। यदि भारत इस टेस्ट में फॉर्म पकड़ लेता है, तो वह अक्सर तेज़ गति से स्कोर बना कर खेल के संतुलन को अपना बना सकते हैं।
MANOJ SINGH
अक्तूबर 11 2025यशस्वी की पारी देखके मन खुश हो गया लेकिन टीम के बाकी खिलाड़ियों को भी ऐसे ही जोर देना चाहिए। इस तरह की पारी कोई रोज़ नहीं देखता, सच में बहुत बड़िया खेले। लेकिन वेस्ट इन्डीज़ को टर्मिनल डिज़ीज़ नहीं कहना चाहिए, यह तो बस शुरुआती दबाव है। अगर भारत आगे भी ऐसे ही खेलता रहा तो मैच को ही नहीं, सीरीज़ को भी जीत जाएगा।