आज का तेलुगु पंचांग: 1 जून 2024 के शुभ मुहूर्त और अशुभ मुहूर्त की जानकारी

आज का तेलुगु पंचांग: 1 जून 2024 के शुभ मुहूर्त और अशुभ मुहूर्त की जानकारी

आज का पंचांग: 1 जून 2024

आज का दिन ज्योतिषीय दृष्टिकोण से विशेष महत्व रखता है। तेलुगु पंचांग के अनुसार, 1 जून 2024 को विक्रम संवत 2080, शक संवत 1945 और हिजरी वर्ष 1445 माने जाते हैं। आज के पंचांग में कई महत्वपूर्ण बातें नोट करने लायक हैं जिनका आपके दैनिक जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ सकता है।

चंद्रमा और नक्षत्र

आज चंद्रमा मीन राशि में है। यह स्थिति मानसिक शांति और समृद्धि के संकेत मानी जाती है। उत्तराभाद्र नक्षत्र का प्रभाव सुबह 3:16 बजे तक रहेगा। यह नक्षत्र आध्यात्मिक प्रगति और धार्मिक कार्यों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दौरान धार्मिक अनुष्ठान करना अत्यंत लाभकारी हो सकता है।

पंचक काल

पूरे दिन पंचक काल रहेगा, जो सामान्यतः ज्योतिषीय दृष्टिकोण से कुछ अनिष्टकारी माना जाता है। पंचक काल में प्रमुख नए कार्यों को शुरू करने से बचना चाहिए। यात्राएँ, विशेषकर लंबी दूरी की, इस अवधि में नहीं की जानी चाहिए। अगर किसी भी हालत में आवश्यक हो, तो भगवान नारायण की पूजा करके श्री सूक्तम का पाठ करें।

शुभ मुहूर्त

शुभ मुहूर्त-:

  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:02 से 4:43 बजे।
  • विजया मुहूर्त: दोपहर 2:38 से 3:33 बजे।
  • सूर्योदय: 5:23 बजे।
  • सूर्यास्त: 7:14 बजे।

इन मुहूर्तों में आप अपने महत्वपूर्ण कार्यों को करने का प्रयास करें। विशेषकर ब्रह्म मुहूर्त में ध्यान और पूजा अत्यंत लाभकारी मानी जाती है।

अशुभ मुहूर्त

अशुभ मुहूर्त-:

  • राहु काल: सुबह 9 से 10:30 बजे।
  • गुलिका काल: सुबह 6 से 7:30 बजे।
  • यमगंडा: दोपहर 1:30 से 3:30 बजे।

इन अशुभ मुहूर्तों में किसी भी महत्वपूर्ण कार्य को शुरू करने से बचना चाहिए। यह समय ज्योतिषीय दृष्टि से अनिष्टकारी माना जाता है और ऐसे समय में महत्वपूर्ण निर्णय लेने से हानि हो सकती है।

विशेष सलाह

इस दिन को और भी सुगम बनाने के लिए भगवान नारायण की पूजा और श्री सूक्तम का पाठ अवश्य करें। इससे आप अपार सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव करेंगे और नेगेटिव प्रभावों से बच सकते हैं।

दैनिक पंचांग की यह जानकारी आपको अपने जीवन को सुगम बनाने में सहायक सिद्ध हो सकती है। इससे आपके दिन की योजना बनाने में मदद मिलती है और आप शुभ-अशुभ मुहूर्त का ध्यान रखते हुए लाभ उठा सकते हैं।

अगले दिन की तिथि

अगले दिन की तिथि दशमी होगी, जो धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है। दशमी तिथि में श्री विष्णु की पूजा अर्चना करने से विशेष लाभ मिलता है।

निष्कर्ष

इन सभी जानकारियों को ध्यान में रखते हुए आप अपने दिन की योजना बना सकते हैं। इन ज्योतिषीय समयों का पालन करके आप अपने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। इस प्रकार, आज का दिन भगवान नारायण की पूजा और आदर के साथ बिताएं।

टिप्पणि (15)

Nitin Agarwal

Nitin Agarwal

जून 1 2024

आज का पंचांग स्थानीय परंपराओं के साथ गहराई से जुड़ा है; मीन राशि के चंद्रमा को देखते हुए मन की शांति की अपेक्षा की जा सकती है।

Ayan Sarkar

Ayan Sarkar

जून 2 2024

आज का पंचांग केवल ज्योतिष नहीं बल्कि एक बड़े सामुदायिक नियंत्रक तंत्र का हिस्सा है। ऐतिहासिक दस्तावेज़ दिखाते हैं कि राजशाहियों ने मुहूर्तों को वैधता देने के लिए गुप्त कोड एम्बेड किए थे। इस कोड का मुख्य कार्य जनसंख्या के आर्थिक चाल को पूर्वनिर्धारित करना है। नहरों में बाढ़ के समय और व्यापार में वृद्धि के बीच अद्भुत समकालिकता को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। वैज्ञानिक एल्गोरिदम द्वारा यह सिद्ध किया गया है कि पंचांग के समय अंतराल को डिजिटल सिग्नल प्रोसेसिंग के रूप में समझा जा सकता है। उन सिग्नलों को नियंत्रित करने वाले एजंट अक्सर सरकारी ब्यूरो में पदस्थ होते हैं। इस कारण से ब्रह्म मुहर्त को पूजा के बाद भी एक अंकगणितीय समीकरण के रूप में देखा जाना चाहिए। पंचक काल का उल्लेख केवल अंधविश्वास नहीं बल्कि एक सामाजिक नियंत्रण मैकेनिज़्म है जो लोगों को निष्क्रिय रखता है। मानव मस्तिष्क के न्यूरल पाथवे इस तरह के बाहरी टाइमिंग संकेतों पर बहुत संवेदनशील होते हैं। इसलिए, जब कोई समय को असुशोभित बताता है तो वह वास्तव में एक वैध वैरिएबल को उजागर कर रहा होता है। इस वैरिएबल को समझने के लिए हमें क्वांटम फील्ड थ्योरी की जरूरत नहीं बल्कि सामाजिक विज्ञान के डेटा एनालिटिक्स की जरूरत है। कई मामलों में राजनेता ने इस पंचांग को अपने एजेंडा को प्रमोट करने के लिए उपयोग किया है। इस तरह के प्रयोगों का रिकॉर्ड रूढ़िवादी पत्रिकाओं में छुपा रहता है। जनता को सचेत रहना चाहिए कि मुहूर्त केवल व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं बल्कि व्यापक सामाजिक इंजीनियरिंग का उपकरण हो सकता है। अंततः, यदि आप इन सूचनाओं को समझते हैं तो आप अपने दैनिक निर्णयों को अधिक स्व-नियंत्रित कर सकते हैं।

Amit Samant

Amit Samant

जून 2 2024

आपने पंचांग के सांस्कृतिक पहलू को उजागर किया, यह सराहनीय है; साथ ही यह ध्यान रखना आवश्यक है कि ब्रह्म मुहर्त में ध्यान करने से मानसिक स्थिरता मिलती है, जिससे कार्यक्षमता बढ़ती है।

Jubin Kizhakkayil Kumaran

Jubin Kizhakkayil Kumaran

जून 2 2024

इन नुस्ख़ों को बेतुके रहस्य छिपाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है; असली ताकत तो राष्ट्र के विकास में है न कि इन काल्पनिक समय-सारणी में।

tej pratap singh

tej pratap singh

जून 3 2024

पंचक काल में कोई भी बड़ा निर्णय लेना नैतिक रूप से जोखिमपूर्ण है।

Chandra Deep

Chandra Deep

जून 3 2024

समय की बारीकी से समझ के बिना भी साधारण कार्यों से बचना पर्याप्त हो सकता है; आप इस दिशा में ही सही कदम उठा रहे हैं।

Mihir Choudhary

Mihir Choudhary

जून 3 2024

वाह! ब्रह्म मुहर्त में योगा 🧘‍♂️ और प्रार्थना 🙏 एकदम ज़बरदस्त असर देंगे! 🎉

Tusar Nath Mohapatra

Tusar Nath Mohapatra

जून 4 2024

हूँ, सच कहा आपने, क्योंकि सूर्य की रोशनी में बैठना ही सफलतापूर्ण जीवन का गुप्त फॉर्मूला है, है ना? 🙄

Ramalingam Sadasivam Pillai

Ramalingam Sadasivam Pillai

जून 4 2024

समय केवल एक साधन है, हम जिस प्रकार उसके साथ चलते हैं वही हमारी चेतना की गहराई दर्शाता है।

Ujala Sharma

Ujala Sharma

जून 4 2024

अरे, फिर तो हमें हर मिनट को दिव्य मानना पड़ेगा।

Vishnu Vijay

Vishnu Vijay

जून 5 2024

सबको खुश रखने के लिये हम सभी को इन शुभ मुहर्तों में सकारात्मक ऊर्जा भेजते हैं ✨🙏😊

Aishwarya Raikar

Aishwarya Raikar

जून 5 2024

धन्यवाद, पर क्या यह ऊर्जा कभी‑कभी उन “भारी” सुरक्षा संगठनों द्वारा भी नियंत्रित नहीं होती जो इस पंचांग को अपने सिद्धान्त में बिठाते हैं? 😏

Arun Sai

Arun Sai

जून 5 2024

वास्तव में, समय‑सिंक्रनाइज़ेशन को अक्सर ओवर‑इंजीनियर किया जाता है; पंचांग को एक वैध अल्गोरिदमिक फ्रेमवर्क मानना वैकल्पिक है।

Manish kumar

Manish kumar

जून 6 2024

आपकी बात में कुछ नज़र आती है; जबकि कई लोग इसे सिर्फ परंपरा मानते हैं, तकनीकी दृष्टिकोण से देखना भी उपयोगी हो सकता है। इस प्रकार हम दोनों पक्षों को जोड़ सकते हैं।

Divya Modi

Divya Modi

जून 6 2024

यदि आप शुद्ध मन से पूजा करना चाहते हैं तो सुबह 4:02‑4:43 के ब्रह्म मुहर्त में शांति मंत्र का उच्चारण करें 🕉️, यह ऊर्जा को स्थिर करेगा और दिनभर आपके कार्यों में सहायक रहेगा 😊.

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