पर्यटन एक ऐसा अनुभव है जो सिर्फ जगह बदलने का नाम नहीं, बल्कि पर्यटन, एक ऐसा सामाजिक और आर्थिक क्रियाकलाप जो लोगों को अलग-अलग संस्कृतियों, प्राकृतिक संपदा और ऐतिहासिक स्थलों से जोड़ता है का हिस्सा बन जाता है। जब आप किसी पहाड़ी गांव में चाय पीते हुए बादलों को देखते हैं, या किसी पुराने मंदिर के चारों ओर गूंजती घंटियों की आवाज़ सुनते हैं, तो आप वास्तव में पर्यटन की असली भावना को महसूस कर रहे होते हैं। यही वजह है कि अब भारत सिर्फ ताजमहल या राजस्थान के महलों के बारे में नहीं सोच रहा, बल्कि उत्तर-पूर्व, भारत के वो सात राज्य जहां जंगल, नदियां, जनजातीय संस्कृति और अनोखे त्योहार एक साथ बसे हैं को अपना दिल दे रहा है। ये राज्य अक्सर भूले जाते हैं, लेकिन वास्तव में ये ही भारत की अष्टलक्ष्मी हैं।
इसी कड़ी में अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट, एक ऐसा वैश्विक मंच जहां देशों और राज्यों अपने पर्यटन संसाधनों को प्रस्तुत करते हैं और निवेशकों, टूर ऑपरेटरों और यात्रियों को जोड़ते हैं का 13वां संस्करण गंगटोक में आयोजित हो रहा है। यहां केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत उद्घाटन करेंगे, और इस बार बात सिर्फ ट्रैवल पैकेज नहीं, बल्कि ईको-टूरिज़्म, प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के साथ पर्यटन को बढ़ावा देने का तरीका और सांस्कृतिक पर्यटन, स्थानीय समुदायों की परंपराओं, कला और जीवनशैली को यात्रियों के साथ साझा करना की है। आप जानते हैं ना, अरुणाचल प्रदेश के एक छोटे से गांव में एक महिला समूह अपने हाथों से बुने बांस के बर्तन बेचकर अपने घर चला रही है? या नागालैंड के एक युवक अपने गांव के पुराने नृत्य को दुनिया को दिखा रहा है? ये सब अब सिर्फ कहानियां नहीं, बल्कि एक नई आर्थिक व्यवस्था का हिस्सा बन रहे हैं।
पर्यटन आज बहुत कुछ कर रहा है। यह गांवों को बचा रहा है, महिलाओं को आर्थिक ताकत दे रहा है, और युवाओं को अपने घर वापस ला रहा है। जब आप गंगटोक में आयोजित होने वाले इस मार्ट को देखते हैं, तो आपको लगता है कि ये सिर्फ एक इवेंट है। लेकिन ये एक नई शुरुआत है—जहां भारत का उत्तर-पूर्व अपने आप को दुनिया के सामने नहीं, बल्कि अपने तरीके से दिखा रहा है। यहां आपको ऐसी जगहों के बारे में पता चलेगा जहां आपको न तो भीड़ मिलेगी, न ही बेकार के ब्रांडेड स्टोर्स। बल्कि आपको मिलेगा एक असली अनुभव। नीचे दिए गए लेखों में आपको यही अनुभव मिलेगा—जहां पर्यटन एक जीवनशैली बन चुका है।
13वां अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट 13-16 नवंबर 2025 को गंगटोक में आयोजित होगा, जहां केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत उद्घाटन करेंगे। उत्तर-पूर्व को 'भारत की अष्टलक्ष्मी' के रूप में प्रस्तुत करने का यह अवसर ईको-टूरिज़्म और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देगा।