क्या आप भी साल की आख़िरी राउंड में टैक्स ऑडिट रिपोर्ट जमा करने की सोच रहे थे? तो अब थोड़ी राहत मिल गई है—CBDT ने आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी करके डेडलाइन को आयकर ऑडिट रिपोर्ट के लिए एक महीने आगे बढ़ा दी है। अब 30 सितंबर 2025 के बजाय 31 अक्टूबर 2025 तक समय मिल गया है। यह बदलाव 25 सितंबर 2025 को जारी किया गया था और कई प्रोफेशनल बॉडीज़ की शिकायतों के बाद आया।
विलंब का कारण और पृष्ठभूमि
पिछले कुछ महीनों में कई राज्यों में बाढ़, हिमस्खलन और तेज़ बारिश ने व्यापारिक गतिविधियों को भारी नुकसान पहुँचाया। चार्टर्ड अकाउंटेंट एसोसिएशंस, टैक्स कंसल्टेंट फर्में और अन्य पेशेवर समूहों ने CBDT को लिखते‑लिखते कहा कि वे रिपोर्ट तैयार करने में बहुत दिक्कत झेल रहे हैं। इन समूहों का कहना था कि प्रकृति की मार के कारण कई क्लाइंट्स का व्यापार बंद हो गया, लेन‑देन रुक गए और अकाउंटिंग दस्तावेज़ इकट्ठा करना मुश्किल हो गया। इस दबाव को देखते हुए बोर्ड ने सोचा कि क्यों न थोड़ा लचीलापन दिखाया जाये।
हाई कोर्ट में भी इस मुद्दे को लेकर कुछ याचिकाएँ दायर थीं, जिससे कानूनी पहलू से भी डेडलाइन पर प्रश्न उठे। लेकिन CBDT ने स्पष्ट कर दिया कि ई‑फ़ाइलिंग पोर्टल में कोई तकनीकी गड़बड़ी नहीं हुई है; सब कुछ सुचारू रूप से चल रहा है। इसलिए उन्होंने सिर्फ समय सीमा में बदलाव का विकल्प चुना, जिससे दोनों‑साइड—टैक्सपेयर और प्रैक्टिशनर—को राहत मिल सके।
कौन‑से करदाताओं को ये बदलाव प्रभावित करेगा?
टैक्स नियमों के तहत सेक्शन 44AB के तहत ऑडिट की आवश्यकता उन व्यापारों को होती है जिनका टर्न‑ओवर 1 करोड़ से ऊपर हो (यदि नकद लेन‑देन 5 % से कम हो तो सीमा 10 करोड़ तक बढ़ जाती है)। साथ ही प्रोफ़ेशनलों को, जिनकी ग्रॉस रेसीप्ट 50 लाख से ज्यादा है, और वो भी जो प्री‑डिक्टिव टैक्स स्कीम—जैसे 44AD, 44ADA या 44AE—के तहत कम प्रॉफिट घोषित करते हैं लेकिन आय बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट से ऊपर है, उन्हें भी ऑडिट रिपोर्ट जमा करनी पड़ेगी।
चार्टर्ड अकाउंटेंट अभिषेक सोनी, Tax2Win के सह‑स्थापक, ने बताया कि इस नई तिथि से उन छोटे‑मोटे व्यापारियों को सीधा फायदा होगा, जिन्हें अभी‑ही बाढ़‑प्रभावित क्षेत्रों में से पुनः स्थापित होना है। उनका मानना है कि अतिरिक्त एक महीने के भीतर सभी दस्तावेज़ तैयार करके पोर्टल पर अपलोड कर दिया जाएगा, जिससे देर‑से‑फाइलिंग के जुर्माने से बचा जा सकेगा।
दूसरी ओर, बड़े कंपनियों के फाइनेंशियल टीमों ने कहा कि उनका काम तो पहले ही पूरा हो रहा है, पर वे भी इस अतिरिक्त समय का इस्तेमाल डेटा वेरिफिकेशन और सॉफ़्टवेयर बैक‑अप के लिए करेंगे। इससे त्रुटियों की संभावना कम होगी और ऑडिट रिपोर्ट की क्वालिटी बढ़ेगी।
सारांश में, CBDT ने इस कदम से टैक्सपेयरों को मौसम‑जनित कठिनाइयों से बाहर निकलने की राह दी है, जबकि ई‑फ़ाइलिंग सिस्टम की स्थिरता को भी बरकरार रखा है। अब बचे हुए समय का सही इस्तेमाल करके सभी को अपना काम ठीक‑ठाक पूरा करने का मौका मिल रहा है।
Mihir Choudhary
सितंबर 26 2025CBDT ने नई डेडलाइन दी, अब टैक्सपेयर्स को थोड़ा सांस लेने का मौका मिला है 😊. इस एक महीने के एक्सटेंशन से भारी बाढ़‑प्रभावित छोटे व्यापारियों को अपनी डॉक्यूमेंट्स जमा करने में मदद मिलेगी।