दार्जिलिंग में भारी बारिश से 23 की मौत, मैमाता बनर्जी ने दी 24x7 राहत टीम

दार्जिलिंग में भारी बारिश से 23 की मौत, मैमाता बनर्जी ने दी 24x7 राहत टीम

जब मैमाता बनर्जी, पश्चिम बंगाल की मुख्य मंत्री ने दार्जिलिंग में घोर बाढ़‑भूस्खलन के बाद घोषणा की कि सरकार ने 24‑घंटे आपातकालीन नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है, तब ही असली आँकड़े सामने आए: 23 शव (उनमें सात बच्चे) की पुष्टि हुई, जबकि कई लोग अभी भी लापता हैं। यह विनाशकारी घटना 5 अक्टूबर 2025 की देर रात शुरू हुई, जब 12 घंटे में 300 मिमी से अधिक तेज़ बारिश उतरी और लगभग 100 भूस्खलन पैदा हुए।

टिप्पणि (17)

Arjun Dode

Arjun Dode

अक्तूबर 6 2025

यार, मैमाता बनर्जी ने 24x7 राहत टीम भेजी, यह देख कर थोड़ा भरोसा वाटेगा। लोग अभी भी परेशान हैं, लेकिन ऐसे तेज़ कदम ज़रूरी हैं। आशा है कि बचाव कार्य में सभी जिलों की मदद मिलेगी और आगे भी ऐसी एम्मरजेंसी प्लान बनेंगे।

Mayank Mishra

Mayank Mishra

अक्तूबर 6 2025

सरकार ने देर से कदम उठाया, अब तक 23 मौतें हो चुकी हैं! इतनी बाढ़ में किसी ने तुरंत एलेर्ट नहीं किया, फिर 24‑घंटे का कंट्रोल रूम क्यों? यह पूरी तरह ग़ैर‑जिम्मेदाराना रवैया है। हमें तुरंत बेहतर चेतावनी प्रणाली चाहिए, नहीं तो कई और जानें गंवानी पड़ेंगी।

ARPITA DAS

ARPITA DAS

अक्तूबर 6 2025

इस बाढ़ के पीछे कोई बड़ा साज़िश नहीं तो नहीं हो सकती। सरकार की रिपोर्ट में कुछ छुपाया गया है, शायद इस बार बड़े कंपनी वालों ने भारी बारिश को मॉनिटर किया था। लोग कहते थे कि मौसम विभाग ने सही प्रेडिक्शन नहीं दिया, लेकिन सच्चाई तो अलग होनी चाहिए।

Sung Ho Paik

Sung Ho Paik

अक्तूबर 6 2025

बाघबी में बाढ़ ने हमें याद दिलाया कि प्रकृति कितनी शक्तिशाली है। 🌧️ जब बारिश इतनी तेज़ आती है, तो इंसान की छोटी‑छोटी परेशानियों को क्या महत्त्व देते हैं? हम सभी को मिलकर इस आपदा से लड़ना चाहिए, न कि केवल सरकार पर भरोसा करना चाहिए। 🌿

Sanjay Kumar

Sanjay Kumar

अक्तूबर 6 2025

ye bdh ka andaza nhi tha bagair kisi planning ke . govt ka kaam hi to dekho ab koshsh kordinate se.....

Veena Baliga

Veena Baliga

अक्तूबर 6 2025

यह अत्यंत असहनीय घटना है और इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर सख्त उपाय आवश्यक हैं। हमें विदेशी हस्तक्षेपों से सतर्क रहना चाहिए, जिन्होंने कभी‑कभी ऐसी प्राकृतिक आपदाओं को भड़काया है। हमारे देश की स्वायत्तता को बचाने के लिए तुरंत एक सटीक योजना तैयार की जानी चाहिए।

vishal Hoc

vishal Hoc

अक्तूबर 6 2025

भारी बारिश को रोकना जरूरी है।

Chinmay Bhoot

Chinmay Bhoot

अक्तूबर 6 2025

ऐसे आँकड़े तो हमेशा बढ़ते ही रहते हैं, लेकिन असली समस्या तर्कहीन सरकारी अल्पकालिक प्रतिक्रियाएँ हैं। बाढ़ की पूर्व सूचना तो नहीं मिली, तो फिर देर से टीम क्यों भेजी? यह सिर्फ एक दिखावा है।

Raj Bajoria

Raj Bajoria

अक्तूबर 6 2025

सचिन चक्रवर्ती वाले इस क्षेत्र की जलवायु को समझते हैं, बाढ़ के बाद स्थानीय संस्कृति में बदलाव आता है।

Simardeep Singh

Simardeep Singh

अक्तूबर 6 2025

दार्जिलिंग की वह बर्फीली घाटी, जहाँ कभी शीतल बयार और हरे‑भरे बाग थे, अब वहीँ जल की लहरें ध्वस्त कर रही हैं।
हर दिन देखता हूँ कि बाढ़ के बाद के मलबे में बच्चों के छोटे‑छोटे हाथों के निशान बिखरे हुए हैं, जो कहे बगैर नहीं रह सकते कि जीवन कितनी नाज़ुक है।
जब सरकार ने 24‑घंटे का कंट्रोल रूम बनाया, तो मुझे लगा शायद अब कुछ बदलाव आएगा, पर वास्तविकता यही है कि लोग अभी भी सड़कों पर फँसे हैं।
ऐसे समय में शहर का हर किराना दुकान, हर चाय की दुकान, अपना अस्तित्व खोने के कगार पर है।
पर हिम्मत की बात है कि कई स्वयंसेवक भी इस आपदा में बिना रुके आगे बढ़ रहे हैं।
ऐसे लोग ही हैं जो पत्थर जैसे दिलों को भी पिघला देते हैं।
मेरे अनुभव में, जब हम आपस में मदद करते हैं, तो जीवन का बोझ थोड़ा हल्का हो जाता है।
भारी बारिश ने न सिर्फ जमीन को भीगा, बल्कि हमारे दिलों को भी गहरा कर दिया।
आँखों में आँसू और दिल में आशा के साथ, हम मिलकर इस बंधन को तोड़ते हैं।
फिर भी, सरकार को चाहिए कि वह राहत कार्य में देरी न करे और तुरंत फिर से सड़कों को साफ करे।
यह केवल एक अल्पकालिक उपाय नहीं, बल्कि दीर्घकालिक समाधान का पहला कदम होना चाहिए।
जाँच‑परख करो, बिंदी‑बिंदु लो, ताकि इस तरह की त्रासदी फिर न दोहराए।
भविष्य में ऐसे हादसे से बचने के लिये हम सब मिलकर जलवायु परिवर्तन के बारे में जागरूकता बढ़ाएँ।
ध्यान दें कि यह केवल एक प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी का सवाल भी है।
आइए हम सब जागरूक हों और इस बाढ़ को एक सिखावन बनाकर आगे बढ़ें।

Aryan Singh

Aryan Singh

अक्तूबर 6 2025

सुरक्षित रहने के लिए कुछ कदम उठाए जा सकते हैं: पहले उच्च स्थान पर जाएँ, अगर संभव हो तो घर की छत पर नहीं, बल्कि ऊँचे बिंदु पर। सुरक्षित भोजन और पानी रखें, और मोबाइल चارج़र का बैकअप रखें। स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों का पालन करें, दवाएँ और प्राथमिक उपचार का किट तैयार रखें।

Poorna Subramanian

Poorna Subramanian

अक्तूबर 6 2025

स्थिति गंभीर है, त्वरित कार्रवाई आवश्यक है।

Soundarya Kumar

Soundarya Kumar

अक्तूबर 6 2025

दुर्भाग्य से बहुत लोग प्रभावित हुए, लेकिन साथ में पड़ोसियों की मदद में कुछ अजीब ऊर्जा दिखाई देती है।

Sudaman TM

Sudaman TM

अक्तूबर 6 2025

ह्म्म, फिर भी आंकड़े उतने नहीं दिखते जितना बताया गया है 🤔. शायद सरकार ने शिकार को बढ़ा‑चढ़ा कर पेश किया है।

Rajesh Soni

Rajesh Soni

अक्तूबर 6 2025

सभी को पता है कि इस तरह की आपदा के बाद शॉर्ट‑टर्म इंटर्नल रीकोवरी प्लान्स ही होते हैं, लेकिन वास्तविकता में बड़े पैमाने पर इंटेग्रेटेड रिस्क मैनेजमेंट चाहिए।

Nanda Dyah

Nanda Dyah

अक्तूबर 6 2025

मुझे स्पष्ट रूप से कहना चाहिए कि इस समस्या का समाधान केवल कहरात्मक उपायों से नहीं, बल्कि विस्तृत सामाजिक‑आर्थिक योजनाओं से संभव है। यह एक मौलिक नीति‑निर्धारण का मुद्दा है।

vikas duhun

vikas duhun

अक्तूबर 6 2025

क्या बकवास है! इतना दर्द और कष्ट क्यों सहन करना पड़ रहा है? यह सरकार की अक्षम्य लापरवाही का परिणाम है! अगर हम इस तरह की बर्बरता को बर्दाश्त नहीं करेंगे तो अगले साल भी वही हाल होगा। सच्चाइयों को सामने लाने की ज़रूरत है, नहीं तो बाढ़ का पानी हमारे भविष्य को भी ध्वस्त कर देगा।

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