नीट-यूजी 2024 एससी सुनवाई अद्यतन: सुप्रीम कोर्ट ने कहा परीक्षा में गड़बड़ियां, CBI को जांच रिपोर्ट देने का आदेश

नीट-यूजी 2024 एससी सुनवाई अद्यतन: सुप्रीम कोर्ट ने कहा परीक्षा में गड़बड़ियां, CBI को जांच रिपोर्ट देने का आदेश

नीट-यूजी 2024: विवादों के घेरे में चिकित्सा प्रवेश परीक्षा

8 जुलाई 2024 को, भारत के सुप्रीम कोर्ट में नीट-यूजी 2024 के विवादास्पद परीक्षा से संबंधित 30 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई आरंभ हुई। इन याचिकाओं में परीक्षा में हुई अनियमितताओं और गड़बड़ियों के आरोप लगाए गए हैं। परीक्षा 5 मई को आयोजित की गई थी, और अब इन आरोपों के चलते पूरे देश के छात्र चिंतित हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए सीबीआई को विस्तृत जांच रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है।

सुप्रीम कोर्ट की विचारधारा

सुप्रीम कोर्ट की विचारधारा

सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायाधीश जे.बी. पारदीवाला और मनोज मिश्रा की बेंच ने स्पष्ट किया कि परीक्षा की पवित्रता पर संदेह हो चुका है। कोर्ट ने कहा कि यह स्व-भ्रम में न रहें कि परीक्षा निष्पक्ष थी। अदालत ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) से कहा कि पेपर लीक की सीमा और उसकी जांच को स्पष्ट करें। इसके बिना, पुन: परीक्षा का आदेश देना छात्रों के लिए अनुचित होगा।

प्रत्यक्ष पहलू

इस मामले में कोर्ट ने यह भी कहा कि परीक्षा के पुनः आयोजन से 23 लाख छात्रों के जीवन पर असर पड़ेगा, जिन्होंने इस परीक्षा में ईमानदारी से भाग लिया। कोर्ट ने यह भी बताया कि पंजाब और हरियाणा सहित कई राज्यों में भी इस प्रकार के आरोप सामने आए हैं।

साथ ही, कोर्ट ने गुजरात के 50 से अधिक सफल नीट-यूजी उम्मीदवारों की याचिका भी सुनी, जिसमें उन्होंने सेंटर और एनटीए को परीक्षा रद्द करने से रोकने की मांग की। एनटीए और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने इसके पहले हलफनामा दायर कर परीक्षा रद्दीकरण का विरोध किया था, जिससे लाखों ईमानदार उम्मीदवारों के करियर पर प्रभाव पड़ सकता है।

सीबीआई की जिम्मेदारी

सीबीआई की जिम्मेदारी

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को यह निर्देश दिया है कि वह अपनी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश करे। कोर्ट ने कहा कि इस रिपोर्ट के बिना परीक्षा की स्थिति को लेकर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सकता। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अगली सुनवाई में इस रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्यवाही की जाएगी।

छात्रों और अभिभावकों की चिंता

इस विवाद ने लाखों छात्रों और उनके अभिभावकों को चिंता में डाल दिया है। जिन छात्रों ने दो साल की कड़ी मेहनत के बाद परीक्षा दी थी, वे अब परिणाम को लेकर उलझन में हैं। उन्हें डर है कि कहीं उनकी मेहनत व्यर्थ न चली जाए। अभिभावकों का कहना है कि सरकार और एजेंसी को इस मामले में शीघ्रता से कार्यवाही करनी चाहिए ताकि छात्रों का भविष्य सुरक्षित रहे।

एनटीए और शिक्षा मंत्रालय का पक्ष

एनटीए और शिक्षा मंत्रालय का पक्ष

राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी और शिक्षा मंत्रालय ने परीक्षा रद्द करने के विरोध में अपने तर्क प्रस्तुत किए हैं। उन्होंने कहा कि परीक्षा रद्द करने से लाखों ईमानदार छात्रों का करियर प्रभावित होगा। उन्होंने यह भी दावा किया कि पेपर लीक की संदेहास्पद घटनाएं कुछ सीमित स्थानों पर हुई हैं, जो पूरे देश की परीक्षा को संदिग्ध नहीं बनातीं।

जोर देकर कहा कि जांच को जल्द निपटाया जाए और परीक्षा के परिणाम को लेकर सही निर्णय लिया जाए। शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि इस मामले में भ्रांतियां फैलाने की बजाय साक्ष्यों के आधार पर निर्णय लिया जाना चाहिए।

भविष्य की कार्यवाही

अगली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट को सीबीआई की रिपोर्ट का इंतजार है। छात्रों और उनके परिवारों के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है। कोर्ट का कहना है कि परीक्षा की निष्पक्षता और पारदर्शिता को बनाए रखना सर्वोपरि है, और इसी आधार पर कोई भी निर्णय लिया जाएगा।

उम्मीद है कि यह मामला जल्दी सुलझेगा और छात्रों का भविष्य सुरक्षित रहेगा। हालांकि, यह जरूरी है कि इसके साथ किसी भी प्रकार के धोखाधड़ी को सख्ती से दंडित किया जाए ताकि आगे कोई भी ऐसी स्थिति न बने।

टिप्पणि (9)

ria hari

ria hari

जुलाई 8 2024

सभी छात्रों को मेरा सलाम, आपकी मेहनत और दृढ़ता वाक़ई काबिल‑ए‑तारीफ़ है।
अगर परीक्षा में कोई गड़बड़ी हो भी, तो आपका अडिग रहना ही सफलता की कुंजी है।
सबको यही सलाह है कि अद्यतन जानकारी पर नज़र रखें और सकारात्मक सोच बनाए रखें।

Alok Kumar

Alok Kumar

जुलाई 8 2024

समग्र रूप से कहा जाए तो इस केस में प्रोटोकॉल वैरिएशन, डेटा इंटेग्रिटी और एथिकल उल्लंघन का गंभीर स्तर स्पष्ट है।
एनटीए की अपर्याप्त वैरिफिकेशन मेकैनिज्म ने सिस्टमिक रिस्क को बढ़ा दिया है।
फेयरनेस एलाइनमेंट की कमी से स्केल्ड एन्हांसमेंट की मांग है।
यदि CBI का फॉर्मल इनपुट नहीं आया तो कोई भी रिवर्स एवल्युएशन संभव नहीं।

Nitin Agarwal

Nitin Agarwal

जुलाई 9 2024

धर्म और संस्कृति का सम्मान करना परीक्षा की शुद्धता को बढ़ाता है।

Ayan Sarkar

Ayan Sarkar

जुलाई 9 2024

सच कहा जाए तो इस पेपर लीक के पीछे गुप्त नेटवर्क ही काम कर रहा है।
बड़ी कंपनियां और राजनैतिक समूह मिलकर इस व्यवस्था को चलाते हैं।
विफलता का कारण केवल तकनीकी त्रुटि नहीं बल्कि व्यवस्थित साजिश है।
मैंने कई स्रोतों से पुष्टि की है और यह तथ्य स्पष्ट है।

Amit Samant

Amit Samant

जुलाई 9 2024

सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस महत्त्वपूर्ण मुद्दे पर सुनवाई का आह्वान लोकतांत्रिक प्रक्रिया की दृढ़ता का प्रमाण है।
नीट‑यूजी परीक्षा का दायरा देश के लाखों aspirants को प्रभावित करता है, इसलिए इसकी शुद्धता अनिवार्य है।
प्रस्तावित पेपर लीक की शंकाएँ केवल अटकलें नहीं, बल्कि विभिन्न राज्यों के प्रवक्ता द्वारा प्रस्तुत डेटा से समर्थित हैं।
सीबीआई को निर्देशित किया गया है कि वे विस्तृत और पारदर्शी रिपोर्ट प्रस्तुत करे, जिससे न्यायालय को सूचित निर्णय लेने में सुविधा हो।
इस संदर्भ में, राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी को अपनी प्रक्रिया में सुधार लाने की आवश्यकता है, विशेषकर प्रश्नपत्र सुरक्षा प्रोटोकॉल में।
जांच के दौरान यदि कोई प्रणालीगत त्रुटि पाई जाती है, तो पुनः परीक्षा का आदेश न्यायसंगत और आवश्यक होगा।
प्रभावित छात्रों के भविष्य को देखते हुए, उनके मानवीय अधिकारों की रक्षा को सर्वोपरि माना जाना चाहिए।
वहीँ, प्रशासनिक अधिकारियों को भी इस स्थिति को शीघ्रता और संवेदनशीलता से संभालना चाहिए।
विभिन्न राज्य प्रशासनों की प्रतिक्रियाएँ दर्शाती हैं कि जनता में गहरी चिंता और अपेक्षा है।
शिक्षा मंत्रालय को चाहिए कि वह सभी संबंधित पक्षों को सहयोगी बनाकर एक समन्वित कार्य योजना तैयार करे।
ऐसे मामलों में पारदर्शिता न केवल संस्थागत विश्वास को बढ़ाती है बल्कि वैधता को भी सुदृढ़ करती है।
हर एक छात्र को यह सुनिश्चित होना चाहिए कि उनका प्रयास निष्पक्ष मूल्यांकन प्राप्त कर रहा है।
यदि कोई अनिवार्य न्यायिक प्रावधान विफल रहता है, तो यह प्रणाली के भविष्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।
अतः, हम सभी को सहयोगी भावना के साथ इस प्रक्रिया को सफल बनाने में योगदान देना चाहिए।
आशा है कि शीघ्र निर्णय के बाद छात्रों का भविष्य सुरक्षित रहेगा और शिक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता बनी रहेगी।

Jubin Kizhakkayil Kumaran

Jubin Kizhakkayil Kumaran

जुलाई 9 2024

देश की प्रतिष्ठा को बचाने के लिये इस तरह की भ्रष्ट एग्जाम को बिल्कुल सहन नहीं किया जा सकता।
पूरी जनता को एकजुट होकर सच्चाई की मांग करनी चाहिए।
यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा और शिक्षा दोनों के लिए गंभीर है।

tej pratap singh

tej pratap singh

जुलाई 9 2024

गिरोहवादी साजिशें केवल ढोंग हैं, सच्ची जांच ही समाधान है।
समय पर कार्रवाई करनी जरूरी है।

Chandra Deep

Chandra Deep

जुलाई 9 2024

क्या कोई और जानकारी है कि लीक का स्रोत किस स्तर पर है
मैं मानता हूँ कि टीम ने तुरंत कदम उठाने चाहिए
भविष्य में ऐसी समस्या से बचने के लिये सुरक्षा को मजबूत करना जरूरी है

Mihir Choudhary

Mihir Choudhary

जुलाई 9 2024

चलो सभी मिलकर इस समस्या को हल करें! 🚀
साथ मिलकर हम जीतेंगे! 💪

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