जब बात आईएमडी, भारतीय मौसम विभाग, जो राष्ट्रीय स्तर पर मौसम विज्ञान, पूर्वानुमान और आपदा चेतावनी की जिम्मेदारी संभालता है की आती है, तो हमें पता चलता है कि यह संस्थान पूरे देश में लोगों को रोज़ की‑रोज़ जानकारी देता है। आईएमडी न सिर्फ़ मौसम की भविष्यवाणी करता है, बल्कि बाढ़, तूफ़ान और चक्रवात जैसी आपदाओं की चेतावनी भी जारी करता है, जिससे जीवन‑सुरक्षा में बड़ा योगदान मिलता है।
आईएमडी की मुख्य सेवाओं में मौसम पूर्वानुमान, आगामी दिनों की तापमान, वर्षा, हवा और आर्द्रता की भविष्यवाणी शामिल है। यह पूर्वानुमान किसानों, व्यापारियों और यात्रियों की योजना बनाने में अहम भूमिका निभाता है। साथ ही, विभाग बाढ़ चेतावनी, नदियों, जलाशयों में अचानक बढ़ती जलस्तर की सूचना देता है, जिससे स्थानीय प्रशासन समय पर evacuations कर सके। इसलिए कहा जा सकता है कि आईएमडी पहले मौसम का डेटा इकट्ठा करता है और फिर लोकल स्तर पर चेतावनी जारी करता है।
पिछले कुछ वर्षों में जलवायु परिवर्तन, वॉर्मिंग, पावन पैटर्न में बदलाव और समुद्र स्तर में वृद्धि ने आईएमडी के अनुसंधान को नई दिशा दी है। विभाग अब सिर्फ़ रेनवॉटर मॉडल नहीं, बल्कि ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव को भी माप रहा है। इस डेटा से नीति‑निर्माताओं को लंबी‑मियाद की योजना बनाने में मदद मिलती है, जैसे कि जलवायु‑सुरक्षित बुनियादी ढाँचा बनाना। जलवायु परिवर्तन के असर को समझते हुए, आईएमडी ने नए एल्गोरिदम लगाए हैं जो तूफ़ान की तीव्रता की भविष्यवाणी बेहतर बनाते हैं।
तूफ़ान, चक्रवात या अंटीसाइक्लोन—इनमें से कोई भी प्राकृतिक घटना हो, आईएमडी की सटीक ट्रैकिंग और समय पर चेतावनी जीवन बचाने में अहम रहती है। रडार, सैटेलाइट इमेजरी और मशीन लर्निंग मॉडल के संयोजन से विभाग अब पोर्ट और तटीय क्षेत्रों में समुद्री तूफ़ान की संभावना मिनट‑मिनट अपडेट कर सकता है। रेगिस्तानी इलाकों में अचानक ठंडा मौसम या धुंध भी अब जल्दी पहचान में आता है, जिससे स्थानीय लोग अपने कृषि‑प्रबंधन को समायोजित कर सकते हैं।
कृषि मौसम की जानकारी किसानों को फसल बुआई, कटाई और जल सिंचा योजना में गाइड करती है। आईएमडी के द्वारा जारी किए गए कृषि मौसम, फसल‑विशिष्ट मौसम रिपोर्ट और जलभंडारण की सलाह से वे जल संकट या बाढ़ से बच सकते हैं। साथ ही, स्वास्थ्य चेतावनी—जैसे धूल‑धुंध की स्थितियों में एरोसोल स्तर बढ़ना—भी आईएमडी द्वारा निकास किए जाते हैं, जिससे श्वास संबंधी रोगियों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी पड़ती है।
तकनीकी तौर पर, आईएमडी ने डेटा सेंटर, सुपर‑कंप्यूटिंग क्लस्टर और हाई‑रिज़ॉल्यूशन रडार सिस्टम को अपडेट किया है। इस इन्फ्रास्ट्रक्चर से हजारों सेंसर्स से实时 डेटा एकत्रित हो कर जल्दी‑जल्दी प्रोसेस होता है। इससे न केवल मौसम के सामान्य पैटर्न समझ में आते हैं, बल्कि अचानक बदलते मौसमी स्थितियों का भी पूर्वानुमान सटीक बनता है। इस प्रयोगात्मक डेटा से सरकार को बाढ़ प्रबंधन, जल आपूर्ति और ऊर्जा उत्पादन में मदद मिलती है।
आप हर दिन अपने स्मार्टफ़ोन या वेबसाइट पर आईएमडी के लाइव अपडेट देख सकते हैं। मोबाइल ऐप, सोशल मीडिया और SMS अलर्ट के जरिए विभाग विस्तृत रिपोर्ट, डिटेल्ड मैप और रीयल‑टाइम चेतावनी भेजता है। इससे शहर‑नागरिक, किसान और यात्रियों को अपने दैनिक निर्णय जल्दी ले सकते हैं, जैसे कि यात्रा की योजना बदलना या फसल की समय‑सीमा तय करना। अब मौसम कोई रहस्य नहीं—सबके पास सही जानकारी रहती है।
इन्हीं कारणों से इस पेज पर आपको विभिन्न लेख, रिपोर्ट और विश्लेषण मिलेंगे जो आईएमडी की कामकाज़, नवीनतम पूर्वानुमान, आपदा चेतावनियों और जलवायु‑परिवर्तन के पहलुओं को कवर करेंगे। नीचे दी गई लिस्ट में आप मौसम विज्ञान से जुड़ी ताज़ा ख़बरें और गहन विश्लेषण पाएँगे—जो आपके रोज़मर्रा के निर्णयों में मददगार साबित होंगे।
आईएमडी ने 28 सितंबर को मुंबई, नासिक, थाणे, पालघर, रायगड और पुणे में रेड अलर्ट जारी किया। भारी बारिश से कई जिलों में स्कूल बंद, जल‑स्तर खतरे पर।