जब आप आधार वर्ष 2024-25, भारत सरकार की डिजिटल आधार नीति का वह वर्ष है जिसमें पहचान, भुगतान और सार्वजनिक सेवाओं का समेकन तेज़ हो रहा है. इसे अक्सर डिजिटल आधार योजना कहा जाता है, तो चलिए देखते हैं कि इस योजना के मुख्य घटक क्या हैं।
पहला महत्वपूर्ण घटक है डिजिटल पहचान, एकीकृत आधार नंबर (Aadhaar) पर आधारित व्यक्तिगत पहचान प्रणाली जो विभिन्न सेवाओं में सत्यापन को आसान बनाती है। यह पहचान प्रणाली हर नागरिक के मोबाइल, बैंक और सरकारी पोर्टल से जुड़ती है, जिससे अनावश्यक दस्तावेजों की जरूरत कम हो जाती है। दूसरा मुख्य भाग भुगतान प्रणाली, डिजिटल भुगतान के लिए आधार-आधारित लिंक, जैसे यूपीआई और पेमेंट बैंक, जो तुरंत ट्रांजैक्शन की सुविधा देती है। जब यूज़र अपना आधार नंबर लिंक करता है, तो कई बार ख्याल रखे बिना ही भुगतान पूरा हो सकता है। तीसरा पहलू सरकारी सेवाएं, स्वास्थ्य, शिक्षा, पेंशन और सब्सिडी जैसे क्षेत्रों में आधार द्वारा तेज़ लक्ष्यीकरण और वितरण है, जिससे लाभार्थी को सेवाओं का सीधा लाभ मिलाता है। इन तीनों घटकों का एक‑दूसरे पर असर स्पष्ट है: डिजिटल पहचान के बिना भुगतान प्रणाली नहीं चल सकती, और दोनों के बिना सरकारी सेवाओं का डिजिटल रूपांतरण अधूरा रहेगा।
ऐसी ही एक जोड़ है आधार वर्ष 2024-25 में लागू नई डेटा सुरक्षा मानक। इन मानकों के कारण व्यक्तिगत सूचनाओं की सुरक्षा मजबूत हुई, और सरकार ने डेटा एक्सेस को अधिक नियंत्रित किया। साथ ही, कई राज्य सरकारों ने आधार को रोजगार पोर्टल, कृषि समर्थन और महिलाओं की आर्थिक सशक्तिकरण योजनाओं में भी एकीकृत किया है। इस एकीकरण से न सिर्फ प्रक्रियाएँ तेज़ हुईं, बल्कि भ्रष्टाचार की संभावनाएँ भी घट गईं।
अब बात करते हैं इस साल की प्रमुख पहलों की। पहला पहलू है बेसिक आय योजना को आधार‑आधारित बनाना, जिससे लाभार्थी को सीधे बैंक अकाउंट में रकम पहुँचती है। दूसरा पहलू यूपीआई के साथ आधार‑लिंकिंग का अनिवार्य होना, ताकि हर ट्रांजैक्शन में दो‑फ़ैक्टर ऑथेंटिकेशन हो। तीसरा पहलू स्वास्थ्य सेवा में आधार‑संचालित इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड (EMR) का रोल‑आउट, जिससे डॉक्टरों को मरीज का इतिहास तुरंत मिल जाता है। ये सभी पहलकदमियां आपस में जुड़ी हुई हैं: स्वास्थ्य डेटा की सुरक्षा के लिए भुगतान प्रणाली की सटीकता जरूरी है, और दोनों को डिजिटल पहचान के बिना नहीं चलाया जा सकता।
यदि आप इस बदलावों को अपनाने की सोच रहे हैं, तो शुरुआती कदम आसान हैं। सबसे पहले अपने आधार विवरण को अपने मोबाइल नंबर, ई‑मेल और बैंक अकाउंट से लिंक करें। फिर, अपने डिजिटल भुगतान ऐप में आधार‑आधारित सत्यापन सक्षम करें। अंत में, अपने राज्य के सरकारी पोर्टल में लॉग‑इन करके उपलब्ध लाभों की सूची देखें। ये तीन छोटे‑छोटे कदम आपको आधार वर्ष 2024-25 के सभी फायदों का पूरा लाभ उठाने में मदद करेंगे।
इस टैग पेज पर आप विभिन्न लेख पाएँगे जो आधार वर्ष 2024-25 से जुड़ी विभिन्न पहलुओं पर गहराई से चर्चा करते हैं—जैसे नई डिजिटल पहचान नीति, यूपीआई में बदलाव, सरकारी सेवाओं में आधार का एकीकरण, और डेटा सुरक्षा के नवीनतम प्रोटोकॉल। आप पढ़ेंगे कि कैसे ये बदलाव रोज़मर्रा की ज़िंदगी को आसान बना रहे हैं और किन चुनौतियों का सामना किया जा सकता है। अब आप तैयार हैं, आगे की जानकारी में डुबकी लगाने के लिए।
CBDT ने FY 2024‑25 की आयकर ऑडिट रिपोर्ट का डेडलाइन 30 सितंबर 2025 से बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2025 कर दिया। यह कदम कई प्रोफेशनल संगठनों की दलीलों के बाद आया, जिनका कहना था कि बाढ़ और प्राकृतिक आपदाओं ने कामकाज में बाधा पाई। नई तिथि से व्यापारियों, पेशेवरों और प्री‑डिक्टिव टैक्स स्कीम के तहत आयनिकों को राहत मिलती है, जबकि ई‑फ़ाइलिंग पोर्टल तकनीकी रूप से ठीक चल रहा है।