अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट: दुनिया भर के टूरिस्ट ट्रेंड्स और भारत की भूमिका

अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट एक अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट, एक ऐसा वैश्विक मंच जहाँ देश अपनी पर्यटन संस्कृति, गंतव्य और सुविधाओं को प्रदर्शित करते हैं, और यात्री, टूर ऑपरेटर और सरकारें एक साथ आकर भविष्य की योजनाएँ बनाती हैं है। यह सिर्फ एक एक्सपो नहीं, बल्कि दुनिया के पर्यटन के दिल की धड़कन है। यहाँ आप देखते हैं कि कौन से देश अपने सांस्कृतिक विरासत को कैसे बेच रहे हैं, कौन से गंतव्य अब ट्रेंड हो गए हैं, और कैसे भारत अपने इतिहास, आध्यात्मिकता और प्राकृतिक सौंदर्य के साथ दुनिया के नक्शे पर अपनी जगह बना रहा है।

इस मार्ट के चारों ओर घूमते हुए आपको लगता है कि ये सिर्फ जगहों की बात नहीं, बल्कि लोगों की भावनाओं की बात है। पर्यटन ट्रेंड्स, एक ऐसा बदलाव जो दिखाता है कि लोग अब सिर्फ टाइम्स बिल्डिंग्स नहीं, बल्कि असली अनुभव, स्थानीय संस्कृति और निर्माण जीवन की तलाश में हैं। यूरोप के छोटे गाँव, जापान के ताप स्रोत, या भारत के ग्रामीण आश्रम — सब कुछ अब ट्रेंड है। भारतीय पर्यटन, एक ऐसा उद्योग जो अब बस ताजमहल और राजस्थान की रेत तक सीमित नहीं, बल्कि अरुणाचल के गुम्फाएँ, सिक्किम के बर्फीले झीलों और असम के चाय बागानों को शामिल कर रहा है। ये सब वो जगहें हैं जहाँ टूरिस्ट अब फोटो खींचने के बजाय, अपनी आत्मा को खोजने आ रहे हैं।

इसी बीच, विदेशी यात्री, जो अब सिर्फ यूरोप या दक्षिण पूर्व एशिया नहीं, बल्कि भारत, नेपाल और बांग्लादेश की ओर धुंधली आँखों से देख रहे हैं। उनके लिए अब ट्रैवल बिजनेस नहीं, बल्कि एक अनुभव है। जब एक जर्मन यात्री बिहार के एक छोटे गाँव में चाय पीते हुए बैठ जाता है, या एक अमेरिकन अरुणाचल में एक आदिवासी के साथ रात बिताता है — तो ये अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट की असली कहानी है। ये नीतियाँ नहीं, लोग हैं जो बदल रहे हैं।

और भारत? यहाँ नीति बदल रही है। पर्यटन नीति, एक ऐसा रास्ता जो अब सिर्फ होटल बनाने की बजाय, स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाने, उन्हें टूरिस्ट के लिए गाइड बनाने और उनकी कला को बाजार में लाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। अब एक गाँव की महिला जो अपनी बुनाई के सामान बेच रही है, वो अब एक टूरिस्ट एजेंट भी है। ये बदलाव नहीं, एक क्रांति है।

इस पेज पर आपको ऐसी ही असली कहानियाँ मिलेंगी — जहाँ एक टेस्ट मैच के बाद पाकिस्तानी कप्तान का हैंडशेक निरादर, या एक भारतीय युवा बल्लेबाज का शतक, या एक राज्य लॉटरी का नतीजा — सब कुछ एक बड़े चित्र का हिस्सा है। जहाँ लोग घूम रहे हैं, जहाँ वे बदल रहे हैं, और जहाँ भारत अपनी असली पहचान ढूंढ रहा है। आपको यहाँ बस खबरें नहीं, बल्कि दुनिया के इस बदलाव की असली कहानी मिलेगी।

गंगटोक में 13वां अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट, उत्तर-पूर्व को 'भारत की अष्टलक्ष्मी' के रूप में प्रस्तुत करेगा

गंगटोक में 13वां अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट, उत्तर-पूर्व को 'भारत की अष्टलक्ष्मी' के रूप में प्रस्तुत करेगा

25 नव॰ 2025 द्वारा Hari Gupta

13वां अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट 13-16 नवंबर 2025 को गंगटोक में आयोजित होगा, जहां केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत उद्घाटन करेंगे। उत्तर-पूर्व को 'भारत की अष्टलक्ष्मी' के रूप में प्रस्तुत करने का यह अवसर ईको-टूरिज़्म और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देगा।