अगर आपको या आपके परिवार को आरजी कर अस्पताल में इलाज कराना है तो यह पेज काम का है। यहाँ मैंने सीधे, आसान भाषा में वही बातें लिखी हैं जो अस्पताल पहुँचने पर सबसे ज़्यादा काम आएंगी — सुविधाएं, जरूरी दस्तावेज, आपातकालीन प्रक्रिया और बचने वाली गलतियाँ।
आरजी कर अस्पताल में आमतौर पर Medicine, Surgery, Pediatrics, Obstetrics & Gynecology, Emergency, ICU और डायग्नोस्टिक लैब जैसी सेवाएँ मिलती हैं। बड़ी सरकारी सुविधाओं की तरह यहाँ रेडियोलॉजी (X‑Ray, Ultrasound), Pathology और कुछ स्पेशलिटी क्लीनिक भी होते हैं। अगर स्पेशलिस्ट चाहिए तो पहले कॉल करके उपलब्धता पूछ लें — इससे समय बचेगा।
अस्पताल में आपातकालीन सेवा 24x7 चालू रहती है। आपात स्थितियों में रेज़िस्ट्रेशन के साथ प्राथमिक उपचार तुरंत दिया जाता है और गंभीर मरीज़ों को ICU या OTs में शिफ्ट किया जाता है। अगर मोबाइल पर पुष्टि चाहिए तो अस्पताल की आधिकारिक वेबसाइट या हेल्पलाइन नंबर से संपर्क करें।
पहुँचते समय ये चीज़ें साथ रखें: पहचान पत्र (Aadhaar/वोटर/पासपोर्ट), पहले से हुए टेस्ट की रिपोर्ट्स, दवाइयों की लिस्ट और बीमा कार्ड। बिना दस्तावेज़ के भी आप इलाज करा सकते हैं, पर फार्मेलिटी में देरी हो सकती है।
रजिस्ट्रेशन के समय पूछे जाने वाले सवालों के जवाब पहले से तैयार रखें — नाम, उम्र, एड्रेस, संपर्क नंबर और स्वास्थ्य संबंधी मुख्य शिकायत। अगर कोई ऑपरेशन या बड़ा प्रोसीजर होना है तो अपने नज़दीकी रिवॉर्ड/बीमा कवरेज की जानकारी साथ रखें और कैशलेस क्लेम की प्रक्रिया अस्पताल स्टाफ से पहले समझ लें।
ख़र्च कम कैसे रखें? सरकारी अस्पताल होने की वजह से फीस निजी अस्पतालों से कम होती है, पर दवाइयों और जांचों के लिये अलग से पैसे लग सकते हैं। जरूरी दवाइयाँ अपने साथ लेकर आने से छोटी बचत हो सकती है और रिपोर्ट की कॉपी संभाल कर रखें — बार-बार जाँच से बचने में मदद मिलेगी।
समय बचाने के उपाय: अगर ऑनलाइन अपॉइंटमेंट का विकल्प है तो पहले स्लॉट बुक कर लें। सुबह जल्दी पहुँचना बेहतर होता है क्योंकि OPD और निदान केंद्र सुबह अधिक सक्रिय रहते हैं और भीड़ कम रहती है। साथ में एक संगठित साथी रखें जो फ़ॉर्मलिटी संभाल सके — यह प्रक्रिया तेज़ कर देती है।
परिवारजन का रोल: अस्पताल में एक रिश्तेदार या परिचित मरीज के साथ वार्ता और निर्णय में मदद कर सकता है। पैरेंट्स या बुजुर्ग मरीज के लिए एक सहयोगी ज़रूरी होता है जो डॉक्टर्स से पूछताछ और भुगतान‑कागज़ संभाले।
अंत में — हर अस्पताल की नीतियाँ बदल सकती हैं। ताज़ा जानकारी के लिए अस्पताल की आधिकारिक वेबसाइट या हेल्पलाइन चेक करें और आपात स्थिति में तुरंत पहुँचें। कोई शंका हो तो स्थानीय हेल्पडेस्क पर पूछना सबसे तेज़ रास्ता है।
नबन्ना अभियान के तहत, नवगठित छात्र संगठन पश्चिमबंग चात्र समाज ने कोलकाता में विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की माँग की है, आरजी कर अस्पताल दुष्कर्म-मर्डर मामले के सरकार द्वारा सही तरीके से न संभालने के कारण। विरोध के दौरान छात्रों ने नबन्ना मार्च का आयोजन किया, जिसे प्रशासन ने अवैध घोषित किया है।