यह टैग उन खबरों के लिए है जो सीधे अर्थव्यवस्था और सरकारी नीतियों को छूती हैं। यहाँ आप जीएसटी फैसलों, मुक्त व्यापार समझौतों, निजीकरण, बैंकिंग नियमों और शेयर बाजार से जुड़ी बड़ी घटनाओं की खबरें सरल भाषा में पढ़ेंगे। हर खबर का मकसद यही रहता है कि आपको बताएँ—यह फ़ैसला आपके पैसे, नौकरी या कारोबार को कैसे प्रभावित करेगा।
इस सेक्शन में आपको नियमों की घोषणाएँ, नीतिगत बदलावों की वजहें और उनके असर की रिपोर्ट मिलेंगी। उदाहरण के लिए: जीएसटी परिषद के फैसलों से जुड़ी खबरें (जैसे यूज्ड कार्स पर 18% जीएसटी), मुक्त व्यापार समझौते (भारत-ब्रिटेन FTA) और शेयर बाजार की बड़ी हलचलें (IEX की कीमतों में गिरावट, विशाल मेगा मार्ट और ITC होटल्स की लिस्टिंग)। साथ ही SEBI के निर्देश, डिमर्जर के असर और IPO से जुड़ी सलाहें भी देखने को मिलेंगी।
हर नीति का सीधा असर लोगों और कंपनियों पर अलग होता है। अगर जीएसटी दर बदलती है तो कार का दाम, दुकानदार की मार्जिन और खरीददार की जेब प्रभावित होगी। फ्री ट्रेड एग्रीमेंट से कुछ सेक्टर को फायदे मिल सकते हैं, पर घरेलू उद्योग पर दबाव भी बढ़ सकता है। शेयर बाजार की खबरें बताती हैं कि निवेशकों की नज़र किस ओर है—कभी-कभी नियम या सरकारी फैसले शेयरों को ऊपर-नीचे कर देते हैं।
हम हर खबर में यह भी बताते हैं कि किस तरह का पाठक इसे खासकर पढ़े—उदाहरण के लिए कारोबारी, निवेशक, किसान या नौकरी खोजने वाले। खबरों में स्रोत, तारीख और अहम प्रभाव साफ लिखा जाता है ताकि आप जल्दी समझ सकें कि अगला कदम क्या हो सकता है।
क्या आप निवेशक हैं? तब बाजार नियम और IPO/लिस्टिंग रिपोर्ट ज़रूरी पढ़ें। क्या आप कारोबारी या व्यापारी हैं? तब जीएसटी और अंतरराष्ट्रीय समझौतों की खबरें ज्यादा मायने रखती हैं। किसान या मजदूर संगठन पर असर वाले फैसलों के लिए भारत बंद, श्रम नीतियाँ और सब्सिडी की खबरें देखें।
हमारी कोशिश रहती है कि खबरें केवल घटना न बताएं, बल्कि असर भी स्पष्ट करें। हर लेख में छोटे-कुछ सुझाव मिलेंगे—जैसे किस सरकारी नोटिस को देखना है, किस लेखे-जोखे पर ध्यान देना है, और किस स्थिति में विशेषज्ञ से सलाह लेने की जरूरत है।
टैग पेज को नियमित रूप से चेक करें या सब्सक्राइब कर लें—क्योंकि आर्थिक नीतियाँ तेज़ी से बदलती हैं और एक नया नियम आपकी योजना को पलट सकता है। अगर आप किसी खबर पर गहराई चाहते हैं तो उसके साथ दिए गए लिंक और स्रोत खोलें।
अगर आप यह जानना चाहते हैं कि किसी नये फैसले का सीधे आपकी जेब पर क्या असर होगा, तो नीचे कमेंट में बताइए—हम उस विषय पर विशेष लेख या आसान गाइड लाने की कोशिश करेंगे।
शक्तिकांत दास, जो पहले RBI के गवर्नर रह चुके हैं, को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव-2 के रूप में नियुक्त किया गया है। 1980 बैच के IAS अधिकारी दास ने COVID-19 संकट के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती से संभाला और अब वह मोदी के वर्तमान कार्यकाल या अगले आदेश तक आर्थिक मामलों पर रणनीतिक परामर्श देंगे।