जब डार्जिलिंग बाढ़, डार्जिलिंग जिले में हुई तेज़ बारिश और भूस्खलन से उत्पन्न जल आपदा को समझते हैं, तो ये स्पष्ट हो जाता है कि यह सिर्फ़ एक दिन की घटना नहीं, बल्कि कई घटकों का जटिल मिश्रण है। इसे डार्जिलिंग की बाढ़ आपदा भी कहा जाता है। इस घटना में भारी बारिश, हिमाचल प्रदेश, पश्चिमी बँध क्षेत्र और उत्तराखंड में मौसम विभाग द्वारा जारी ऑरेंज अलर्ट और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), सभी प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं में त्वरित बचाव और राहत कार्यों का प्राथमिक इकाई के सहयोग से ही प्रभावित लोगों को सुरक्षित किया जा रहा है। इसी तरह मामता बनर्जी, डार्जिलिंग में 24x7 नियंत्रण कक्ष स्थापित करने वाली राज्य प्रमुख ने राहत मिशन की निगरानी को तेज़ कर दिया।
डार्जिलिंग में बाढ़‑भूस्खलन के बाद ममता बनर्जी ने टूरिस्टों को वहीं रहने का निर्देश दिया, जबकि मोदी और मुर्मु ने संवेदना जताई, और राहत कार्य तीव्र गति से चल रहा है।