क्या आप कभी सोचते थे कि सरकार के भत्ते आपके बैंक में क्यों नहीं पहुँचते? इसका जवाब है डीबीटी। डीबीटी का मतलब है डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर, यानी सरकार के सभी वित्तीय लाभ सीधे आपके बैंक अकाउंट या जेडीएफ (जैविक भुगतान) में भेजे जाते हैं। इससे बीच में कोई झंझट नहीं, न ही कोई लेन‑देन शुल्क। यह सुविधा खासकर किसान, छात्र, वृद्ध व मतदाता जैसे वर्गों के लिए बड़ी राहत बन गई है।
सरकार पहले आपके डेटा को एक बड़े डेटाबेस में रखती है। जब कोई योजना या सब्सिडी घोषित होती है, तो वो डेटा योजना के साथ मिलाया जाता है। फिर एएनएस (ऑटोमैटेड नंबरिंग सिस्टम) के ज़रिए आपका बैंक खाता या युपीआई आईडी आपके नाम से लिंक हो जाता है। उसी समय पैसा सीधे आपके खाते में ट्रांसफर हो जाता है, बिना किसी मध्यस्थ के। इस प्रक्रिया में एपीआई (एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस) की मदद ली जाती है, जिससे लेन‑देन तेज़ और सुरक्षित रहता है।
पहला फायदा है समय बचत। पहले आपको काउंटर पर लाइनों में खड़ा होना पड़ता था, अब सब कुछ मोबाइल या इंटरनेट पर हो जाता है। दूसरा, पारदर्शिता – पैसा कहां गया, कौन ले गया, इसका रिकॉर्ड हमेशा उपलब्ध रहता है। तीसरा, घोटालों की संभावना घटती है क्योंकि मध्यस्थ नहीं होते। चौथा, महिलाओं और दूरस्थ गांवों के लोग भी अब सरकारी सहायता आसानी से ले सकते हैं, क्योंकि केवल बैंक अकाउंट चाहिए।
हाल ही में कई नई योजनाओं में डीबीटी को शामिल किया गया है – जैसे गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों के लिए टिंडर फंड, छात्रों के लिए स्कॉलरशिप, और किसान के लिए बीमा प्रीमियम रिफंड। इन सबको तुरंत अकाउंट में देख सकते हैं, बस एक मोबाइल एप या बैंक स्टेटमेंट से। अगर कोई समस्या आती है, तो आप अपने नजदीकी बैंक शाखा या पीएमजियो (प्रधानमंत्री जनधन योजना) के नोडल ऑफिस से संपर्क कर सकते हैं।
अगर आप अभी तक डीबीटी के लिए अपने बैंक अकाउंट को लिंक नहीं किए हैं, तो सबसे आसान तरीका है ऑनलाइन पोर्टल या मोबाइल ऐप पर अपना आधार नंबर डालकर वेरिफिकेशन करना। कुछ मामलों में आप अपने नजदीकी पोस्ट ऑफिस या व्यावसायिक बैंक में भी मदद ले सकते हैं। सब प्रक्रिया केवल 5‑10 मिनट लेती है, और एक बार लिंक हो जाने के बाद हर योजना आपके खाते में सीधे पहुँचती है।
संक्षेप में, डीबीटी ने सरकारी भत्ते लेने की प्रक्रिया को एक क्लिक में बदल दिया है। अब आपको कागज़ी काम या लंबी कतारों की चिंता नहीं। अगर आप अभी भी अनजाने हैं, तो ऊपर बताए गए स्टेप फॉलो करके तुरंत शुरू कर सकते हैं। जुना महल समाचार पर ऐसी ही और उपयोगी जानकारी के लिए जुड़े रहें।
महाराष्ट्र सरकार ने जांच के बाद ‘लाडकी बहिन’ योजना से 2,289 महिला सरकारी कर्मियों को अपात्र मानकर हटाया। मंत्री अदिति तटकरे ने विधानसभा में बताकर कहा कि ITR-डेटा से सभी आवेदनों की जांच चल रही है। 21–65 वर्ष की महिलाओं को 1,500 रुपये मासिक डीबीटी मिलता है, पर सरकारी कर्मचारी और करदाता परिवार अपात्र हैं। 2.5 करोड़ आवेदनों की व्यापक स्क्रूटनी जारी है।