क्या आप रोज़ काम जाने से पहले उदास या चिड़चिड़े महसूस करते हैं? क्या देर रात तक काम करने से नींद उड़ी रहती है? ये संकेत अक्सर कार्यस्थल तनाव की शुरुआत होते हैं। तनाव सिर्फ भावनात्मक नहीं होता — यह आपकी ऊर्जा, नींद और काम की गुणवत्ता पर भी असर डालता है। यहाँ सीधे, काम आने वाले उपाय दिए जा रहे हैं जिन्हें आप आज ही लागू कर सकते हैं।
1) कारण लिखें: हर दिन 2–3 मिनट में नोट करें कि किस बात ने आपको तनाव दिया — डेडलाइन, मीटिंग, सहकर्मी या काम का वॉल्यूम। जब कारण स्पष्ट होंगे तो समाधान आसान बनता है।
2) समय ब्लॉक्स बनाएं: लंबी टू-डू लिस्ट के बजाय 60-90 मिनट के फोकस ब्लॉक्स रखें और बीच में 5–10 मिनट का ब्रेक लें। उदाहरण: सुबह 9–10:30 केवल रिपोर्ट लिखें, 10:30–10:40 ब्रेक।
3) छोटे ‘ना’ बोलना सीखें: हर काम स्वीकार करने से ओवरलोड बढ़ता है। अगर किसी सहकर्मी ने अचानक काम दिया है तो कहें — "मुझे यह काम करने के लिए 2 दिन चाहिए" या "मैं इसे संभाल सकता/सकती हूं पर किसी दूसरे काम को स्थगित करना होगा"।
4) श्वास और माइक्रो-ब्रेक: कंप्यूटर से हर घंटे 2 मिनट के लिए उठकर लंबी सांस लें, गर्दन घुमाएं। 4-4-8 श्वास तकनीक (4 सेकंड इन, 4 रोक, 8 आउट) तुरंत दिल की धड़कन को शांत करती है।
5) प्राथमिकताएं तय करें: हर सुबह 3 मुख्य काम चुनें जिन्हें पूरा करना जरूरी है। बाकी को "अगर समय हुआ तो" सूची में रखें।
रोज़मर्रा के कदम काम नहीं कर रहे हों तो यह रणनीतियाँ अपनाएँ।
1) बॉर्डर्स बनाएं: ऑफिस के बाहर काम के मैसेज और ईमेल के लिए समय तय करें — जैसे रात 8 बजे के बाद न देखें। यह वर्क‑लाइफ बैलेंस बनाए रखने में मदद करेगा।
2) समर्थक नेटवर्क तैयार करें: एक या दो भरोसेमंद सहकर्मी से नियमित बात करें। टीम मीटिंग में अपनी सीमाएँ स्पष्ट रखें और जब जरूरत हो तो मैनेजर से सपोर्ट मांगें।
3) शारीरिक स्वास्थ्य: सप्ताह में कम से कम 3 बार 30 मिनट की तेज़ चलना या व्यायाम करें। थकान और तनाव दोनों कम होते हैं। नींद पर ध्यान दें—रोज़ाना 7 घंटे लक्षित करें।
4) प्रोफेशनल मदद: अगर चिंता, उदासी या नींद की समस्या लंबे समय तक बनी रहती है तो काउंसलर या डॉक्टर से बात करें। कई कंपनियों में EAP (Employee Assistance Program) होता है—HR से पूछें।
5) संगठनात्मक कदम सुझाएँ: यदि टीम में सामान्य रूप से ओवरवर्क है तो एक फीडबैक-नोट बनाकर मैनेजमेंट को दें—वास्तविक उदाहरण और संभावित सुधार (जैसे संसाधन बढ़ाना, डेडलाइन रीअलिस्टिक करना) लिखें।
काम का तनाव हर किसी के साथ हो सकता है, लेकिन उसे नज़रअंदाज़ करने से हालत बिगड़ती है। छोटे-छोटे व्यवहारिक बदलाव और खुली बातचीत से आप तुरंत राहत पा सकते हैं और लंबे समय में बेहतर काम कर पाएंगे। कोशिश करें — एक कदम आज, बड़ा फर्क कल लाता है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने EY चार्टर्ड एकाउंटेंट एना सेबास्टियन की मृत्यु पर अपने बयान का स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य विक्टिम शेमिंग करना नहीं था, बल्कि छात्रों में आंतरिक शक्ति का निर्माण करना था। शिव सेना MP प्रियंका चतुर्वेदी ने उनके बयान की आलोचना की थी।