केंद्रीय सरकार, भारत के संविधान के तहत देश के सबसे ऊँचे निर्णय लेने वाले निकाय हैं, जो आर्थिक, सुरक्षा, शिक्षा और डिजिटल बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में देश की दिशा तय करते हैं. यही कारण है कि इसके हर फैसले का असर आम आदमी के घर तक पहुँचता है.
जब अमित शाह, आंतरिक मामलों के मंत्री और केंद्रीय सरकार के प्रमुख नेता, ज़ोहो मेल जैसी स्वदेशी डिजिटल सेवाओं को अपनाते हैं, तो यह सिर्फ एक टूल बदलने का मामला नहीं होता। यह डेटा सुरक्षा, डिजिटल स्वायत्तता और आत्मनिर्भर भारत के नए युग की शुरुआत है। इसी तरह, आयकर ऑडिट रिपोर्ट, जिसकी अंतिम तिथि CBDT द्वारा 31 अक्टूबर 2025 तक बढ़ा दी गई, व्यापारियों और पेशेवरों के लिए एक जीवनरेखा बन गई है। बाढ़ और प्राकृतिक आपदाओं के बाद यह देरी न केवल तकनीकी बल्कि मानवीय निर्णय है।
केंद्रीय सरकार के फैसले सिर्फ दिल्ली के कार्यालयों तक सीमित नहीं हैं। RRB भर्ती, जैसे 8860 NTPC पदों की नई घोषणा, देश के छोटे शहरों और गाँवों के युवाओं के लिए एक नई उम्मीद है। ये नौकरियाँ राष्ट्रीय स्तर पर नियुक्ति की नीति का हिस्सा हैं — जहाँ सरकार सीधे युवाओं के जीवन को बदलने की कोशिश कर रही है। इसी तरह, हर घर स्वदेशी, जिसका उद्देश्य घरेलू डिजिटल उत्पादों को बढ़ावा देना है, एक ऐसी नीति है जो अमित शाह के ज़ोहो मेल अपनाने के साथ जुड़ी है। यह एक नया नियम नहीं, बल्कि एक नई आदत है — जिसमें हर भारतीय डिजिटल स्वायत्तता का हिस्सा बन सकता है।
केंद्रीय सरकार के फैसले आपके बैंक खाते, टैक्स, नौकरी, यहाँ तक कि आपके फोन के सॉफ्टवेयर तक प्रभावित करते हैं। यहाँ आपको ऐसी ही खबरें मिलेंगी — जो सिर्फ शीर्षक नहीं, बल्कि आपके दिनचर्या को बदल देने वाले बदलावों की हैं। चाहे वो बिहार में पुलिस भर्ती हो, या नोएडा में दशहरे के लिए ट्रैफिक डायवर्जन, या फिर आयकर ऑडिट की तिथि बढ़ाना — सब कुछ केंद्रीय सरकार के नीति-निर्माण का ही परिणाम है। नीचे आपको इन्हीं बदलावों की विस्तृत जानकारी मिलेगी — बिना झूठे शब्दों, बिना बेकार के फुलाव के।
8वीं वेतन आयोग की सिफारिशें जनवरी 2026 से प्रभावी होंगी, जिससे 50 लाख कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनर्स को बड़ी वेतन वृद्धि मिलेगी। फिटमेंट फैक्टर 1.96 से 2.86 तक हो सकता है, जो न्यूनतम बेसिक पे को दोगुना कर सकता है।