50 लाख से अधिक केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनर्स के लिए एक बड़ी खबर: 8वीं वेतन आयोग की सिफारिशें अगर लागू हुईं, तो जनवरी 1, 2026 से पिछले समय का बकाया भी वापस मिलेगा। ये सिर्फ एक वेतन बढ़ाव नहीं — ये जीवन बदल देने वाला बदलाव है। लेकिन इसका रहस्य क्या है? फिटमेंट फैक्टर। यह एक साधारण गुणा का अंक नहीं, बल्कि एक ऐसा नंबर है जो आपकी मासिक आय को दोगुना या तीन गुना कर सकता है।
फिटमेंट फैक्टर: जिस एक संख्या से बदलेगी आपकी नौकरी की कहानी
अभी आपका न्यूनतम बेसिक पे ₹18,000 है। अगर फिटमेंट फैक्टर 1.96 हुआ, तो ये ₹35,280 हो जाएगा। लेकिन अगर ये 2.86 हो गया — तो आपका बेसिक पे ₹51,480 हो जाएगा। यानी एक ही नंबर के आधार पर, एक कर्मचारी की आय में ₹16,000 से लेकर ₹33,000 तक का अंतर आ सकता है। ये अंतर सिर्फ पैसे का नहीं, बल्कि घर का किराया, बच्चों की पढ़ाई, और बैंक के ऋण का भुगतान करने की क्षमता में अंतर ला सकता है।
NDTV Profit के अनुसार, सरकारी स्रोतों के अनुसार 1.96 सबसे अधिक संभावित है। लेकिन Jagran Josh और 8thpaycommissionsalarycalculator.com जैसी साइट्स कहती हैं कि 2.86 भी संभव है। ये अंतर क्यों है? क्योंकि फिटमेंट फैक्टर का फैसला सिर्फ सांख्यिकी नहीं, बल्कि राजनीति, बजट दबाव और महंगाई के भविष्य के अनुमान पर भी निर्भर करता है।
7वीं वेतन आयोग का पाठ: जल्दी बनाने से बचत हुई थी
याद है 2016 में 7वीं वेतन आयोग का ऐलान? उसे 2014 में बनाया गया था — दो साल पहले। इस बार भी ऐसा ही होना चाहिए, ये सेंट्रल सीक्रेटरियट सर्विस फोरम (CSSF) कह रहा है। इस संगठन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक आधिकारिक याचिका भेजी है, जिसमें कहा गया है कि अगर आयोग की घोषणा अभी नहीं हुई, तो फिर उसकी सिफारिशें 2027 तक आएंगी — लेकिन बकाया जनवरी 2026 से शुरू होगा। यानी सरकार को एक साल या दो साल के लिए बजट में लाखों करोड़ रुपये का बोझ लगाना पड़ेगा।
असल में, 6वीं वेतन आयोग (2006) ने न्यूनतम बेसिक पे ₹7,000 से ₹18,000 तक बढ़ाया था — 2.57 फिटमेंट फैक्टर के साथ। अब ये दोगुना होने वाला है। अगर कोई कर्मचारी अभी ₹50,000 कमा रहा है, तो 2.86 फिटमेंट फैक्टर पर ये ₹1,43,000 हो जाएगा। ये नंबर सुनकर बहुत से लोग आश्चर्यचकित हो गए। लेकिन ये बस बेसिक पे है।
केवल बेसिक पे नहीं, सब कुछ बढ़ेगा
वेतन बढ़ने का मतलब सिर्फ बेसिक पे नहीं — सभी भत्ते भी अपडेट होंगे। अभी डियरनेस अलाउंस 50% है, जो अगले दो साल में और बढ़ सकता है। आवास भत्ता (HRA) अब शहर के प्रकार (X, Y, Z) के आधार पर बदलेगा — दिल्ली या मुंबई में रहने वाले कर्मचारी को अब ₹25,000 तक HRA मिल सकता है।
ट्रांसपोर्ट एलाउंस में भी बड़ी बढ़ोत्तरी हुई है। कुछ अधिकारियों को अब ₹15,750 तक मिल सकता है — जो पहले ₹5,000 से भी कम था। विशेष कार्य भत्ते और चिकित्सा भत्ते भी बढ़े हैं। एक ऐसा कर्मचारी जो पिछले 15 साल से सरकारी नौकरी कर रहा है, उसे बकाया में ₹6 लाख तक मिल सकता है। ये उसके बच्चों की शिक्षा, घर का निर्माण, या बीमा के लिए काफी है।
राज्य सरकारें क्या करेंगी?
ये बदलाव सिर्फ केंद्रीय सरकार तक सीमित नहीं होगा। इतिहास कहता है — जब केंद्र ने वेतन बढ़ाया, तो राज्य सरकारें भी अपने कर्मचारियों के लिए इसी तरह का फैसला करती हैं। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु — सभी राज्यों में लगभग 2 करोड़ सरकारी कर्मचारी हैं। अगर वे भी 8वीं आयोग के अनुसार वेतन बढ़ाते हैं, तो देश का बजट लगभग ₹15 लाख करोड़ तक बढ़ सकता है।
इसका मतलब ये नहीं कि सरकार बिना किसी दबाव के ये खर्च कर सकती है। वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि ये खर्च बजट के भीतर ही व्यवस्थित किया जाएगा। लेकिन ये एक ऐसा बदलाव है जो आर्थिक वातावरण को पूरी तरह बदल सकता है।
अगला कदम: चुनाव के बाद आयोग की घोषणा
अभी तक आयोग की घोषणा नहीं हुई है। लेकिन सरकार के स्रोतों के अनुसार, ये घोषणा अगले लोकसभा चुनाव के बाद होगी — शायद अक्टूबर या नवंबर 2025 तक। तब आयोग के टर्म्स ऑफ रेफरेंस जारी होंगे। इसके बाद आयोग को 18-24 महीने का समय दिया जाएगा। यानी अंतिम रिपोर्ट शायद फरवरी 2027 तक आएगी।
लेकिन यहां एक चुनौती है: क्या सरकार जनवरी 2026 से बकाया देने के लिए तैयार होगी? ये सवाल अभी तक जवाब का इंतजार कर रहा है।
क्या आपका वेतन बढ़ेगा? कैलकुलेटर ट्राई करें
अब आप खुद भी अनुमान लगा सकते हैं। 8thpaycommission.net और 8thpaycommissionsalarycalculator.com जैसी साइट्स पर आप अपना वर्तमान बेसिक पे, पे लेवल और शहर का नाम डालकर देख सकते हैं कि आपकी नई आय क्या होगी। ये टूल्स बिल्कुल उसी तरह काम करते हैं जैसे आयोग करेगा — बेसिक पे को फिटमेंट फैक्टर से गुणा करके।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
8वीं वेतन आयोग के लिए फिटमेंट फैक्टर क्या होगा?
फिटमेंट फैक्टर का अंतिम निर्णय अभी नहीं हुआ है, लेकिन संभावित रेंज 1.92 से 2.86 तक है। NDTV के स्रोतों के अनुसार 1.96 सबसे संभावित है, जो न्यूनतम बेसिक पे को ₹35,280 तक ले जाएगा। लेकिन अगर 2.86 चुना जाता है, तो ये ₹51,480 हो जाएगा। यह निर्णय महंगाई, बजट दबाव और राजनीतिक प्राथमिकताओं पर निर्भर करेगा।
बकाया कब और कितना मिलेगा?
बकाया जनवरी 1, 2026 से शुरू होगा, लेकिन इसका भुगतान आयोग की सिफारिशों के बाद ही होगा — शायद 2028 के पहले तिमाही तक। एक ऐसे कर्मचारी को जिसका बेसिक पे ₹50,000 है और फिटमेंट फैक्टर 2.5 है, तो वह ₹15 लाख तक का बकाया प्राप्त कर सकता है। ये रकम अलग-अलग भत्तों के आधार पर भी बदलेगी।
क्या राज्य सरकारें भी वेतन बढ़ाएंगी?
हां, इतिहास के अनुसार, केंद्र के बाद राज्य सरकारें भी अपने कर्मचारियों के लिए समान या नजदीकी वेतन वृद्धि करती हैं। उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्यों में 2 करोड़ से अधिक कर्मचारी हैं। यदि वे 8वीं आयोग के अनुरूप काम करते हैं, तो देश के कुल बजट पर ₹15 लाख करोड़ का दबाव पड़ सकता है।
क्या डियरनेस अलाउंस और HRA भी बढ़ेंगे?
हां, डियरनेस अलाउंस (अभी 50%) और HRA दोनों को नए बेसिक पे के आधार पर फिर से गणना किया जाएगा। HRA शहर के प्रकार (X, Y, Z) के आधार पर बदलेगा — दिल्ली या मुंबई में रहने वाले कर्मचारी को ₹25,000 तक HRA मिल सकता है। ट्रांसपोर्ट एलाउंस भी ₹3,600 से बढ़कर ₹15,750 तक हो सकता है।
क्या ये वेतन बढ़ाव बजट को नुकसान पहुंचाएगा?
जरूर। वित्त मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में स्वीकार किया है कि इस वेतन बढ़ोत्तरी से केंद्रीय वेतन खर्च में 25-30% की बढ़ोत्तरी होगी। लेकिन ये एक ऐसा निवेश है जो कर्मचारियों की खरीदारी क्षमता बढ़ाएगा — जिससे आर्थिक वृद्धि भी बढ़ेगी। ये एक लंबी अवधि की रणनीति है, सिर्फ एक बजट बोझ नहीं।
कब तक आयोग की घोषणा होगी?
सरकारी स्रोतों के अनुसार, आयोग की घोषणा लोकसभा चुनाव के बाद — शायद अक्टूबर या नवंबर 2025 तक — होगी। तब टर्म्स ऑफ रेफरेंस जारी होंगे। आयोग का गठन अगले वर्ष की शुरुआत तक हो सकता है, और रिपोर्ट 2027 के अंत तक आएगी।
Vitthal Sharma
अक्तूबर 29 2025फिटमेंट फैक्टर 2.86 हुआ तो मेरा बेसिक ₹51k हो जाएगा। बस अब घर का किराया और बच्चों की फीस भरने में तकलीफ नहीं होगी।