आपने अक्सर देखा होगा — मोहल्ले में धार्मिक अनाउंसमेंट, चुनावी रैलियों की घोषणाएँ या शादी-समारोहों की आवाजें। लाउडस्पीकर आसान तरीका है बड़ी आबादी तक संदेश पहुंचाने का, पर क्या इसे बिना किसी नियम के चलाया जा सकता है? नहीं। सावधानी और अनुमति दोनों जरूरी हैं।
लाउडस्पीकर लगाने या बड़े स्तर पर प्रसारण करने से पहले स्थानीय पुलिस और नगरपालिकाओं की अनुमति लें। बड़े आयोजनों के लिए जिला प्रशासन या संबंधित विभाग से लिखित NOC चाहिए होता है। कई नगर निकायों और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने आवाज़ की सीमा और समय निर्धारण तय किया होता है — खासकर अस्पताल, स्कूल और शांत आवासीय इलाकों के पास। बिना अनुमति चलाने पर जुर्माना या उपकरण जब्त होने का जोखिम होता है।
अनुमति लेते समय क्या तैयार रखें: आयोजन की तारीख-समय, स्थान का नक्शा, उपयोग होने वाले स्पीकर और पावर स्रोत की जानकारी, और अगर चाहिए तो सुरक्षा व ट्रैफिक प्रबंधन योजना। समय पर आवेदन करें — अक्सर स्थानीय अधिकारियों को मंजूरी देने में कुछ दिन लग सकते हैं।
शोर कम रखने के लिए कुछ आसान उपाय अपनाएँ: डायरेक्शनल स्पीकर इस्तेमाल करें ताकि आवाज़ अनावश्यक जगहों पर न जाए; वॉल्यूम लिमिटर और माइक पर गेन को नियंत्रित रखें; स्पीकरों की ऊँचाई और दिशा ठीक से सेट करें। कार्यक्रम के टाइमिंग तय करें और रात में या शांत समय में प्रसारण से बचें।
अगर संदेश लोक सूचना से जुड़ा है (इमरजेंसी, स्वास्थ्य कैंप), तो कम आवाज़ में बार-बार चलाने से बेहतर है। रिकॉर्डेड संदेश को एडिट कर के क्लियर, संक्षेप और कम समय वाला बनाएं — इससे दर्शक भी जानकारी तेज़ी से समझ लेते हैं और शोर कम होता है।
डेसिबल मापन के लिए स्मार्टफोन पर उपलब्ध साउंड-मीटर ऐप्स मददगार हैं—यह तुरंत बता देंगे कि कहीं आप तय सीमा पार तो नहीं कर रहे। पर याद रखें, पेशेवर मीटर सटीक होते हैं।
क्या शिकायत करनी हो तो कहां जाएँ? सबसे पहले अपने क्षेत्र के पुलिस स्टेशन या नगर निगम हेल्पलाइन से संपर्क करें। शोर से होने वाली नियमित शिकायतों के लिए स्थानीय पर्यावरण/प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के ऑनलाइन पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। आप घटना का समय, स्थान और यदि संभव हो तो आवाज़ रिकॉर्डिंग भी साथ रखें—यह रेड्रेसल में मदद करता है।
वैकल्पिक विचार: हर सूचना के लिए लाउडस्पीकर जरूरी नहीं। WhatsApp ग्रुप, SMS अलर्ट, सोशल मीडिया पोस्ट, स्थानीय वॉटर-प्रूफ पोस्टर या मोबाइल वैन जैसे विकल्प सूचनाओं को कम शोर में पहुंचा सकते हैं।
अंत में, थोड़ा ध्यान और योजना बेहतर माहौल बनाती है। लाउडस्पीकर से संदेश पहुंचे, लेकिन पड़ोसियों की अखंडता और स्वास्थ्य को भी सम्मान मिले — यही जिम्मेदार तरीका है।
दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरिया द्वारा निरंतर गुब्बारे छोड़ने की प्रतिक्रिया में चौबीसों घंटे लाउडस्पीकर प्रसारण फिर से शुरू करने का निर्णय लिया है। इन प्रसारणों में प्रोपगेंडा, विश्व समाचार और के-पॉप म्यूजिक शामिल होते हैं, जिन्हें मनोवैज्ञानिक युद्ध का एक प्रभावी रूप माना जाता है। विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि इस तरह की कार्रवाई असहमति को बढ़ा सकती है और दोनों देशों के बीच अप्रत्याशित संघर्ष की संभावना को बढ़ा सकती है।