ऑरेंज अलर्ट: ताज़ा मौसम चेतावनी और असर

जब ऑरेंज अलर्ट, भारतीय मौसम विभाग (IMD) द्वारा जारी की गई मध्य‑स्तर की मौसम चेतावनी, भी कहा जाता है ऑरेंज अलर्ट की बात आती है, तो इसका मतलब है कि तेज़ हवाएँ, भारी बारिश या बौछारें आने वाली हैं। यह चेतावनी रेड अलर्ट से हल्की होती है, लेकिन फिर भी लोगों को तैयारी करने की जरूरत होती है। अक्सर इसे गृहस्थ, किसान और बड़े इवेंट आर्गेनाइज़र तुरंत देख लेते हैं, क्योंकि यह कुछ घंटों से एक दो‑तीन दिन तक के मौसम को प्रभावित कर सकता है।

ऑरेंज अलर्ट का प्रमुख स्रोत IMD, भारतीय मौसम विभाग, राष्ट्रीय स्तर पर मौसम की निगरानी और चेतावनी जारी करने वाला संस्थान है। IMD के डेटा के आधार पर इस अलर्ट को जारी किया जाता है, और अक्सर इसे रेड अलर्ट, सबसे गंभीर मौसम चेतावनी, जिसमें जीवन‑धन की सुरक्षा के लिए तत्काल कदम आवश्यक होते हैं के साथ तुलना में रखा जाता है। उदाहरण के तौर पर, जब कोलकाता में IPL 2025 का मैच होना है, तो IMD ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया तो आयोजकों को कवरेड स्टेडियम की तैयारी करनी पड़ती है, जबकि रेड अलर्ट मामले में मैच रद्द भी हो सकता है। इसी तरह, दार्जिलिंग की बाढ़‑भूस्खलन में भी ऑरेंज अलर्ट ने लोगों को पहले से सतर्क किया, जिससे राहत कार्य तेज़ी से शुरू हो सके।

ऑरेंज अलर्ट के साथ जुड़ी प्रमुख صورتحالें

एक ओर ऑरेंज अलर्ट खुद में कई घटकों को शामिल करता है: तेज़ हवाओं की गति, अचानक होने वाली बारिश, तथा कभी‑कभी छोटे‑छोटे बवंडर। इन घटकों के कारण बाढ़, पानी का असामान्य स्तर बढ़कर जमीन और घरों में प्रवेश करना का खतरा बढ़ जाता है। दार्जिलिंग में 23 मौतों वाला बवंडर मौसमी बाढ़ की बड़बड़ाहट के साथ आया, और स्थानीय प्रशासन ने ऑरेंज अलर्ट के आधार पर 24x7 नियंत्रण कक्ष स्थापित किया। वहीं, नोएडा में दशहरा के समय ट्रैफिक डायवर्जन का ऐलान भी ऑरेंज अलर्ट के बाद किया गया, क्योंकि भारी बारिश से सड़कों पर जलभराव की संभावना थी।

इसी तरह, मुंबई‑नासिक में रेड अलर्ट के साथ कुछ मिनट पहले जारी किया गया ऑरेंज अलर्ट, लोगों को वाटर‑लेवल देख कर पहले से तैयार रहने में मदद करता है। इस चेतावनी की वजह से स्कूल बंद, सार्वजनिक परिवहन में व्यवधान और कुछ क्षेत्रों में अस्थायी निकासी की व्यवस्था की गई। ऐसी स्थितियों में, अगर आप घर में हैं तो खिड़कियां बंद रखें, पानी की आपूर्ति का इंतजाम रखें और तुरंत स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।

ऑरेंज अलर्ट के दौरान अक्सर ट्रैफ़िक कठिनाइयाँ भी सामने आती हैं। उदाहरण के तौर पर, ईडन गार्डन्स में KKR‑RCB मैच के ओपनर के दौरान तेज़ हवाओं और हल्की बौछारों की संभावना बताई गई थी। इससे स्टेडियम के बाहर के ट्रैफ़िक को डायवर्ज़ करना पड़ा, जबकि मैच के लिए स्टेडियम का कवर पर्याप्त था। यही कारण है कि इस तरह की चेतावनियाँ सिर्फ मौसम नहीं, बल्कि इवेंट मैनेजमेंट, रेल‑रोड वैहिकल पाथ और आपातकालीन सेवाओं पर भी असर डालती हैं।

जब आप ऑरेंज अलर्ट देखते हैं, तो एक छोटी चेक‑लिस्ट बनाना फायदा देता है: घर के बाहर लटकते पंखे या सोलर पैनल को सुरक्षित रखें, जलरोधक बैकअप जनरेटर तैयार रखें, और महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों की डिजिटल कॉपी बना कर सुरक्षित रखें। अगर आप किसान हैं, तो फसलों की सुरक्षा के लिये ढीले पौधों को बाँधने, पार्टनर फ़ार्मिंग या जल‑संचयन के उपाय अपनाएं। इससे नुकसान कम हो सकता है।

ऑरेंज अलर्ट के बारे में और जानना चाहते हैं? नीचे दिए गए पोस्ट्स में हमने पिछले महीनों की सबसे विवादास्पद चेतावनियों, उनके कारण और लोगों की प्रतिक्रियाओं का गहरा विश्लेषण किया है। प्रत्येक लेख में आप वास्तविक डेटा, सरकार के कदम और आम जनता के अनुभव को पढ़ेंगे, जिससे आप अगली चेतावनी में बेहतर तैयारी कर सकेंगे। अभी नीचे स्क्रॉल करके नवीनतम अलर्ट‑सम्बन्धी खबरों को देखें।

ऑरेंज अलर्ट: हिमाचल में भारी बारिश, झड़के और पहली बर्फ़बारी

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6 अक्तू॰ 2025 द्वारा Hari Gupta

IMD के ऑरेंज अलर्ट ने हिमाचल प्रदेश में 6 अक्टूबर को भारी बारिश, गरज‑तूफान और पहली बर्फ़बारी का संकेत दिया, जिससे तापमान गिरा और कई जिलों में सतर्कता लागू हुई।