RBI गवर्नर: क्या करते हैं और क्यों आपकी जेब पर असर होता है

RBI गवर्नर देश की सबसे अहम आर्थिक पोस्ट में से एक है। एक छोटा सा फैसला — जैसे रेपो रेट में बदलाव — सीधे बैंक के एमईएमओ तक जाता है और आपकी EMI, बचत और किसी व्यापार की लागत बदल सकती है। इसलिए जब भी RBI गवर्नर बोलते हैं, बाजार, बैंक और आम आदमी ध्यान से सुनते हैं।

यह पेज उन लोगों के लिए है जो RBI गवर्नर से जुड़ी ताज़ा खबरें, स्पीच, पॉलिसी निर्णय और उनका असर सरल भाषा में समझना चाहते हैं। नीचे हम जिम्मेदारियाँ, नियुक्ति का तरीका और किस तरह की घोषणाएँ फॉलो करनी चाहिए, यह बताएंगे।

RBI गवर्नर की मुख्य जिम्मेदारियाँ

RBI गवर्नर मौद्रिक नीति का नेतृत्व करते हैं—यानी मुद्रा की आपूर्ति और ब्याज दरों पर निर्णय। वे मोनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक में अहम भूमिका निभाते हैं। बैंकिंग रेगुलेशन, विदेशी मुद्रा नीति, नोटों का प्रबंधन और वित्तीय स्थिरता भी उनकी डायरेक्ट निगरानी में आती है।

सादा शब्दों में: अगर महँगाई बढ़ रही है तो गवर्नर और MPC दरें बढ़ा सकते हैं; अगर अर्थव्यवस्था स्लो हो तो दरें घट सकती हैं। इसके अलावा, बैंकिंग सेक्टर में नियम और निगरानी से वित्तीय संकट आने की संभावना कम करने का काम भी उन्हीं का रहता है।

नियुक्ति, कार्यकाल और शक्ति का ढांचा

RBI गवर्नर को केंद्र सरकार नियुक्त करती है। आम तौर पर कार्यकाल तीन साल का माना जाता है, मगर सरकार द्वारा बढ़ाया भी जा सकता है। गवर्नर का निर्णय अकेला ही नहीं होता—अधिकतर पॉलिसी फैसले MPC और अन्य बोर्डों के साथ मिलकर लिए जाते हैं।

गवर्नर की बातें और प्रेस कॉन्फ्रेंसें बाजार का मूड तय कर देती हैं। इसलिए उनके भाषण, मुद्रास्फीति रिपोर्ट और MPC के नोट्स को समझना ज़रूरी है। ये दस्तावेज़ सीधे स्टॉक्स, बॉन्ड रेट्स और करंसी पर असर डालते हैं।

क्या आप रोज़ाना कैसे अपडेट रखें? RBI की आधिकारिक वेबसाइट, मौद्रिक नीति प्रेस रिलीज, और प्रमुख आर्थिक न्यूज पोर्टल्स अभी पढ़ें। स्पीच सुनते समय खास तौर पर इन बातों पर ध्यान दें: रेपो/रिवर्स रेपो रेट, इंफ्लेशन अनुमान, बैंकिंग नियमों में कोई बड़ा बदलाव, और तरलता सपोर्ट के संकेत।

अगर आप निवेशक हैं तो गवर्नर के वक्तव्यों से बैंकिंग सेक्टर, सरकारी बांड और फिक्स्ड इनकम के रुझान समझ में आते हैं। आम उपभोक्ता के लिए, गवर्नर के फैसले आपके लोन की EMI और बचत पर असर डालते हैं—इसलिए बड़ा फैसले आने पर अपने वित्तीय प्लान पर गौर करें।

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पूर्व RBI गवर्नर शक्तिकांत दास बने पीएम मोदी के प्रधान सचिव-2

पूर्व RBI गवर्नर शक्तिकांत दास बने पीएम मोदी के प्रधान सचिव-2

26 फ़र॰ 2025 द्वारा Hari Gupta

शक्तिकांत दास, जो पहले RBI के गवर्नर रह चुके हैं, को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव-2 के रूप में नियुक्त किया गया है। 1980 बैच के IAS अधिकारी दास ने COVID-19 संकट के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती से संभाला और अब वह मोदी के वर्तमान कार्यकाल या अगले आदेश तक आर्थिक मामलों पर रणनीतिक परामर्श देंगे।