SEBI (Securities and Exchange Board of India) भारत का मुख्य नियामक संस्थान है जो शेयर बाजार और पूंजी बाजार को नियंत्रित करता है। इसका मकसद सरल है: बाजार को पारदर्शी बनाना और निवेशकों की रक्षा करना। अगर आप शेयर, म्यूचुअल फंड, IPO या ब्रोकरेज से जुड़े हैं तो SEBI के नियम सीधे आपकी रोज़मर्रा की निवेश गतिविधियों को प्रभावित करते हैं।
SEBI के काम साफ-साफ होते हैं। यह स्टॉक एक्सचेंजों और दलालों (brokers), मर्चेंट बैंकर्स, रजिस्ट्रार, म्यूचुअल फंडों और अन्य मध्यस्थों को रजिस्टर और नियंत्रित करता है। SEBI内幕मन (insider trading) रोकता है, कंपनियों के डिस्क्लोज़र नियम तय करता है और ऑफर या takeovers के नियम बनाता है। साथ ही जांच, ऑडिट और जुर्माने लगाने का अधिकार भी SEBI के पास है। इन कदमों से बाजार में धोखाधड़ी कम होती है और निवेशक भरोसा रख पाते हैं।
1) ब्रोकर या फंड की जांच कैसे करें — SEBI की वेबसाइट पर जाकर किसी भी ब्रोकर, रजिस्ट्रार या म्यूचुअल फंड मैनेजर की रजिस्ट्रेशन स्थिति चेक करें। रजिस्ट्रेशन न होने पर उनसे ट्रेडिंग या निवेश न करें।
2) IPO से पहले क्या देखें — IPO की RHP/DRHP में कंपनी का बिजनेस, जोखिम, promoters की हिस्सेदारी और वित्तीय आंकड़े धैर्य से पढ़ें। बड़े-बड़े दावे देखकर तुरंत भरोसा मत करिए; अच्छे और बुरे दोनों पहलू निकालिए।
3) SCORES में शिकायत दर्ज करें — अगर ब्रोकर, एक्सचेंज या किसी मध्यस्थ से समस्या है तो SEBI की SCORES पोर्टल (SEBI Complaints REDRESS System) में शिकायत दर्ज करें। लॉगिन बनाएं, शिकायत का सारा दस्तावेज़ अपलोड करें और शिकायत संख्या को नोट कर लें। SEBI शिकायत के निपटारे पर नजर रखता है।
4) सुरक्षित व्यवहार — किसी अनजान कॉल पर शेयर टिप्स या गारंटी वाले रिटर्न पर भरोसा मत करें। उच्च रिटर्न के वादे अक्सर धोखाधड़ी होते हैं। अपने KYC, मोबाइल और ईमेल की सुरक्षा रखें।
SEBI की सक्रियता से मार्केट में नियम बनते और लागू होते हैं, पर निवेशक की सावधानी भी उतनी ही जरूरी है। यदि आपको किसी स्टॉक, IPO या ब्रोकर में अनियमितता दिखाई दे, तो SEBI पोर्टल पर जाकर शिकायत करें और साथ ही अपने निवेश निर्णय सूझ-बूझ के साथ लें।
अगर आपको SEBI से जुड़ी कोई खास जानकारी चाहिए — जैसे कैसे SCORES में शिकायत करें, किसी ब्रोकर की वैधता चेक करना या IPO की रिपोर्ट पढ़ना — बताइए, मैं स्टेप बाय स्टेप बता दूंगा।
सिक्यूरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड पर स्टॉकब्रोकरिंग मानदंडों के कई उल्लंघनों के लिए 7 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इनमें गलत मार्जिन रिपोर्टिंग, ग्राहक निधि और प्रतिभूतियों की गलत रिपोर्टिंग शामिल हैं। SEBI ने गैर-अनुपालन के कारण जुर्माना लगाया है। कंपनी को 45 दिनों के भीतर जुर्माना राशि चुकाने का निर्देश दिया गया है।
स्विगी के शेयरों का ग्रे मार्केट में मूल्य 130 रुपये पर पहुँच गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, स्विगी के आईपीओ का मूल्य बैंड 371 से 390 रुपये के बीच हो सकता है। यह आईपीओ 6 नवंबर, 2024 को बोली के लिए खुलेगा। SEBI द्वारा स्विगी के आईपीओ को मंजूरी मिलने के बाद, निवेशकों में भारी उत्साह देखा जा रहा है, जो इस सार्वजनिक लिस्टिंग की सफलता की उम्मीदें बढ़ा रही हैं।