अगर आप शेयर बाजार में नया मौका ढूँढ रहे हैं तो Waaree Energies का आईपीओ आपके ध्यान में आ सकता है। Waaree Energies भारत की प्रमुख सोलर पैनल निर्माता कंपनी है, जिसने हाल ही में सार्वजनिक रूप से शेयरों को पेश करने का इरादा किया है। इस लेख में हम कीमत, सब्सक्रिप्शन खोलने की तिथियां, संभावित जोखिम और निवेश के फायदे को सरल शब्दों में समझेंगे।
Waaree Energies का बुक बँड 295‑300 रुपये के आसपास रखा गया है। बुक बँड का मतलब है कि कंपनी इस रेंज में शेयर बेचने की योजना बना रही है। बुक बँड खुलेगा 28 अप्रैल को और बंद होगा 4 मई को, यानी आपको सिर्फ एक हफ़्ते का समय मिलेगा। अगर आप इस अवधि में आवेदन नहीं करेंगे तो अगली बार मिलना मुश्किल हो सकता है।
डिमांड‑है‑सुप्लाई (डिम‑सॉ) के हिसाब से सब्सक्राइबर्स को 1‑2‑5‑10‑20‑30‑40‑50 % तक के अलॉटमेंट मिल सकते हैं। मतलब, अगर आप 10 % के अलॉटमेंट पर सेट होते हैं तो आपको केवल 10 % शेयर मिलेंगे, बाकी रिफण्ड हो जाएगा। इसलिए सब्सक्रिप्शन से पहले अपना बजट तय कर लें और जोखिम को समझें।
सबसे पहले, अपने डिमैट अकाउंट वाले ब्रोकर या डिमैट वॉल्ट की वेबसाइट पर जाएँ। फिर ‘IPO’ सेक्शन में Waaree Energies क्लिक करके आवेदन फॉर्म खोलें। फॉर्म में अपनी PAN, बैंक अकाउंट, और बँड का चयन (जैसे 295‑300) भरें। इसके बाद भुगतान की पुष्टि करें – यह या तो ऑनलाइन नेट बैंकिंग/UPI या डिमैट बँक के माध्यम से हो सकता है।
भुगतान हो जाने पर आपको ‘उपलब्धता नोटिस’ मिलेगा, जिसमें आपके आवेदन की स्थिति और अलॉटमेंट रकम दी होगी। अगर आपका आवेदन असफल रहा, तो रिफण्ड तुरंत आपके बँक अकाउंट में ट्रांसफर हो जाएगा।
बाजार में Waaree Energies का प्रत्याशित मूल्य बढ़ता दिख रहा है क्योंकि सोलर एनर्जी सेक्टर में सरकारी प्रोत्साहन और बढ़ती डिमांड है। लेकिन याद रखें, आइपीओ में शुरुआती हफ्ते में कीमत तेज़ी से गिर भी सकती है, इसलिए केवल तभी निवेश करें जब आप जोखिम को स्वीकार करने के लिए तैयार हों।
संक्षेप में, Waaree Energies IPO एक आकर्षक अवसर हो सकता है, बशर्ते आप अपनी रिसर्च करें, बुक बँड और अलॉटमेंट समझें और सही समय पर आवेदन करें। अगर आप सोलर ऊर्जा या बड़े‑पैम निवेश में इंट्रेस्ट रखते हैं तो इस IPO को मिस नहीं करना चाहिए।
28 अक्टूबर 2024 को निजी कंपनी Waaree Energies ने 70 प्रतिशत प्रीमियम पर IPO लॉन्च किया। शुरुआती दिनों में शेयरों में तीव्र उछाल के बाद, ग्रॉस मार्केट प्रीमियम (GMP) में गिरावट देखी गई। विशेषज्ञों ने इस गिरावट के कारण दोगुने रिटर्न की संभावना पर सवाल उठाए। लेख में IPO की कड़ियां, बाजार की प्रतिक्रिया और निवेशकों के लिए आगे के कदमों का विस्तार से विश्लेषण किया गया है।