जब World Federation for Mental Health ने 10 अक्टूबर 2025 को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाने की घोषणा की, तो यह सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि संकट‑ग्रस्त जनता के मनोवैज्ञानिक समर्थन की तात्कालिक ज़रूरत का एहतियाती क़दम बन गया। इस साल के थीम – “सेवाओं तक पहुंच – आपदाओं और आपात स्थितियों में मानसिक स्वास्थ्य” – को Mental Health UK ने तैयार किया, और यह कई अंतर‑राष्ट्रीय संगठनों के सहयोग से लागू किया जा रहा है।
इसे वैश्विक स्तर पर मान्यता देने वाले संस्थान में World Health Organization, यूरोपीय संसद, संयुक्त राष्ट्र और विभिन्न मानसिक‑स्वास्थ्य अभियंता समूह शामिल हैं। उनका सामूहिक उद्देश्य है कि आपदा‑प्रभावित क्षेत्रों में, जहाँ चिकित्सा सुविधाएँ ही नहीं, बल्कि मनोवैज्ञानिक समर्थन भी क्षतिग्रस्त हो जाता है, वहाँ तुरंत मदद पहुँचे।
पृष्ठभूमि और मुख्य आँकड़े
यूरोपीय संसद के यूरोपीय संसदारीय अनुसंधान सेवा (EPRS) के दस्तावेज़ (PE 777.934), जिसे Laurence Amand‑Eeckhout ने अक्टूबर 2025 में प्रकाशित किया, बताता है कि EU के 27% कार्यकर्ता तनाव, डिप्रेशन या एंग्जायटी से जूझ रहे हैं। जैसा कि WHO ने परिभाषित किया है, मानसिक स्वास्थ्य एक ऐसी अवस्था है जिससे व्यक्ति जीवन की चुनौतियों को सहन कर सके, अपनी प्रतिभा को पहचाने, सीखने‑काम करने की क्षमता बनाए रखे और समाज में योगदान दे।
Calm Health के आंकड़ों के अनुसार, डिप्रेशन और एंग्जायटी विश्व अर्थव्यवस्था को हर साल लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर्स का नुकसान दे रहे हैं। वर्तमान में 280 मिलियन लोग डिप्रेशन से ग्रस्त हैं और हर चार में से एक व्यक्ति अपने जीवन में कम से कम एक बार मानसिक स्वास्थ्य समस्या का सामना करता है। इन आँकड़ों ने नीति‑निर्माताओं को चेतावनी दी है – अपराजित तनाव का बोझ अब सिर्फ व्यक्तिगत नहीं, बल्कि वैश्विक आर्थिक संकट बन चुका है।
वेबिनार और विशेषज्ञों की आवाज़
Calm Health ने दो बड़े ऑनलाइन वेबिनार आयोजित किए: पहला 9 अक्टूबर को “In It Together: Tackling Loneliness and Creating Connection” था, जिसमें Dr. Allison Applebaum, Dr. Juli Fraga, Calm के सीईओ David Ko और माइंडफ़ुलनेस कोच Jon Macaskill ने भाग लिया। दूसरा सत्र 10 अक्टूबर को “Breaking Through: Combating the Silent Suicide Crisis in Men's Mental Health” था, जहाँ NAMI के सीईओ Daniel H. Gillison Jr., पत्रकार James Longman और Kaiser Permanente के Dr. Don Mordecai ने चर्चा की। इन सत्रों ने केवल जानकारी नहीं दी, बल्कि प्रतिभागियों को तत्काल कार्य‑योजना देने की कोशिश की।
आपदाओं में मानसिक स्वास्थ्य सेवा – क्या बदल रहा है?
संकट‑क्षण में, जब बाढ़, युद्ध या महामारी का शोर गरजता है, तो लोग अक्सर अपने भावनात्मक लक्षणों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं। Mental Health UK ने चार व्यावहारिक उपाय सुझाए हैं, जो विशेष रूप से “डूमस्क्रॉलिंग” को कम करने के लिये डिज़ाइन किए गए हैं:
- समाचार देखना सीमित रखें – दिन में दो‑तीन बार, प्रत्येक 15 मिनट से अधिक नहीं।
- बॉक्स‑ब्रिदिंग तकनीक अपनाएँ – 4‑4‑6‑2 की गिनती से 3‑5 मिनट तक धीरे‑धीरे सांस लें।
- किसी भरोसे‑मंद दोस्त या थैरेपी समूह से रोज़ बात करें, चाहे वह वर्चुअल हो।
- शारीरिक गतिविधि को दिनचर्या में शामिल करें – तेज चलना, योग या हल्का जॉगिंग मन को पुनः संतुलित करता है।
यूरोपीय संसद के दस्तावेज़ ने विशेष रूप से युवा यूरोपियों में “डिजिटलाइजेशन एंग्जायटी” और “जलवायु चिंता” को ‘परफेक्ट स्टॉर्म’ के रूप में चिन्हित किया है। इसका मतलब है कि तकनीकी परिवर्तन और पर्यावरणीय अस्थिरता मिल‑जुल कर मानसिक स्वास्थ्य को हिला रहे हैं। इस घर्षण के बीच, तेज‑प्रतिक्रिया वाली टेली‑हेल्थ सेवाएँ और मोबाइल एप्लिकेशन अब ज्यादा भरोसेमंद बन रही हैं।
भविष्य की दिशा – क्या उम्मीदें हैं?
संयुक्त राष्ट्र ने 2020 में “Mental Health for all. Greater Investment – Greater Access.” थीम के तहत कई साप्ताहिक कार्यक्रम चलाए थे। अब 2025 में, अंतःसांस्कृतिक सहयोग, डिजिटल थैरेपी, और आपात‑स्थिति में मोबाइल मेडिकल इकाइयों का विस्तार प्रमुख प्राथमिकता बन गया है। राष्ट्रीय परिषद National Council for Mental Wellbeing ने कहा है कि अगली रिपोर्ट में “नियोजित विज्ञान‑आधारित हस्तक्षेप” को मापदंड बनाया जाएगा, जिससे सरकारें और NGO‑जगहों पर संसाधन वितरण को तुरंत ट्रैक किया जा सके।
अंत में, यह कहना सही रहेगा – मानसिक स्वास्थ्य को सिर्फ व्यक्तिगत जिम्मेदारी नहीं, बल्कि सामाजिक अनुबंध का हिस्सा माना जाना चाहिए। विश्व भर में लोग अब समझ रहे हैं कि “मदद माँगना ठीक है” कहना सिर्फ शब्द नहीं, बल्कि एक जीवन‑रक्षक संदेश है।
मुख्य तथ्यों का सारांश
- World Mental Health Day 2025 – 10 अक्टूबर, थीम: आपदाओं में मानसिक स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच।
- EU में 27 % कार्यकर्ता तनाव/डिप्रेशन/एंग्जायटी से जूझ रहे हैं (EPRS रिपोर्ट)।
- डिप्रेशन और एंग्जायटी का वैश्विक आर्थिक नुकसान – $1 त्रिलियन वार्षिक।
- Calm Health ने दो प्रमुख वेबिनार आयोजित किए, जिनमें अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों ने भाग लिया।
- डिजिटल‑एंग्जायटी और जलवायु चिंता को युवा वर्ग में ‘परफेक्ट स्टॉर्म’ कहा गया।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2025 का मुख्य लक्ष्य क्या है?
इस वर्ष का फोकस आपदाओं और आपात स्थितियों में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं तक त्वरित पहुंच सुनिश्चित करना है, जिससे बाढ़, युद्ध या महामारी जैसी कठिन परिस्थितियों में लोगों को तुरंत थैरेपी और समर्थन मिल सके।
कौन‑सी प्रमुख संस्थाएँ इस दिवस को मान्यता देती हैं?
World Federation for Mental Health, World Health Organization, European Parliament, United Nations, Mental Health UK और कई राष्ट्रीय मानसिक‑स्वास्थ्य NGOs इस दिन को आधिकारिक रूप से मान्य करते हैं।
यूरोपीय संसद के अध्ययन में किन कारकों को जोखिम‑कारक बताया गया?
रिपोर्ट में व्यक्तिगत मनोवैज्ञानिक गुण, पदार्थ उपयोग, साथ ही आर्थिक दबाव, सामाजिक असुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और डिजिटल‑एंग्जायटी को प्रमुख जोखिम‑कारक माना गया है।
डूमस्क्रॉलिंग को कम करने के लिए क्या व्यावहारिक कदम उठाए जा सकते हैं?
समाचार पढ़ने के समय को दिन में दो‑तीन बार सीमित करना, बॉक्स‑ब्रिदिंग जैसी श्वास‑अभ्यास करना, भरोसे‑मंद मित्रों से नियमित बातचीत करना और शारीरिक व्यायाम को रोज़ की दिनचर्या में शामिल करना असरदार उपाय हैं।
आगामी वर्ष में मानसिक स्वास्थ्य के लिए कौन‑से नवाचार प्रस्तावित हैं?
डिजिटल थैरेपी प्लेटफ़ॉर्म का विस्तार, आपदा‑क्षेत्र में मोबाइल मेडिकल यूनिटों के साथ मनोवैज्ञानिक किट्स का वितरण, और वैज्ञानिक‑आधारित हस्तक्षेपों को मापने के लिये नए मानक विकसित करना शामिल है।
Danwanti Khanna
अक्तूबर 11 2025वॉरंटेड डूमस्क्रॉलिंग को कम करने के लिए, रोज़ दो‑तीन बार, पंद्रह मिनट तक ही समाचार पढ़ना चाहिए, इससे दिमाग़ पर बेकार का बोझ नहीं पड़ेगा, और मन शांत रहता है! साथ ही, बॉक्स‑ब्रिदिंग तकनीक 4‑4‑6‑2 काउंटिंग से सांस लेने में मदद करती है, जो तनाव को तुरंत घटा देती है। भरोसेमंद दोस्त या थैरेपी ग्रुप से जुड़ना, चाहे वर्चुअल ही क्यों न हो, भावनात्मक समर्थन देता है। व्यायाम जैसे तेज़ चलना या योग, दिनचर्या में शामिल करने से मानसिक संतुलन बना रहता है। इस तरह छोटे‑छोटे कदम बड़ी आपदा में भी हमारी मनोस्थिति को बचाते हैं।